राजस्थान में जन्म के समय बाल लिंगानुपात में वृद्धि

प्रश्न-प्रेग्नेंसी एंड चाइल्ड ट्रेकिंग सिस्टम (पीसीटीएस) के तहत दर्ज आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष (वित्त वर्ष 2018-19) राजस्थान में जन्म के समय बाल लिंगानुपात बढ़कर कितना हो गया है?
(a) 944
(b) 948
(c) 949
(d) 952
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरू किए गए प्रेग्नेंसी एंड चाइल्ड ट्रेकिंग सिस्टम (पीसीटीएस) के तहत दर्ज आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष (वित्त वर्ष 2018-19) प्रदेश में जन्म के समय बाल लिंगानुपात बढ़कर 948 हो गया है।
  • प्रेग्नेंसी एंड चाइल्ड सिस्टम (पीसीटीएस) के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में जन्म के समय बाल लिंगानुपात वित्त वर्ष 2015-16 में 929, वर्ष 2016-17 में 938 एवं वर्ष 2017-18 में 944 था।
  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य में बाल लिंगानुपात 888 था।
  • चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने जानकारी प्रदान की कि जन्म के समय बाल लिंगानुपात की दृष्टि से प्रदेश का बांसवाड़ा जिला शीर्ष स्थान पर है।
  • बांसवाड़ा जिले में वर्ष 2018-19 के दौरान 1000 बालकों की तुलना में 1003 बालिकाओं ने जन्म लिया।

लेखक-विजय प्रताप सिंह

संबंधित लिंक भी देखें…
https://www.business-standard.com/article/news-ani/child-sex-ratio-at-birth-sees-hike-in-rajasthan-119070500118_1.html
https://www.aninews.in/news/national/general-news/child-sex-ratio-at-birth-sees-hike-in-rajasthan20190705083506/