SBI: बचत खातों और अल्पावधि ब्याज दरों की RBI के रेपो रेट से संबद्धता

SBI saving acs with Rs 1 lakh plus balance to be linked to repo rate
प्रश्न-बचत (Saving Deposit Accounts) और लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क से जोड़ने वाला पहला बैंक है-
(a) SBI
(b) बैंक ऑफ बड़ौदा
(c) HDFC बैंक
(d) ICICI बैंक
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
  • 1 मई, 2019 से SBI ने एक बड़े बदलाव के तहत अपने बचत खातों और अल्पावधि ऋण (Short Term Loan) की ब्याज दरों को RBI के रेपो रेट से जोड़ दिया है।
  • इस प्रकार बचत जमा खाते पर ब्याज दर और लोन पर ब्याज दरों को रेपो (एक्सटर्नल बेंचमार्क) से जोड़ने वाला SBI पहला बैंक बन गया है।
  • प्रभाव
  • इस बदलाव के कारण RBI  के रेपो रेट में बदलाव करने पर इसका असर तुरंत बैंक की ब्याज दरों पर दिखाई देगा।
  • इस नियम के दायरे में वे बचत खाते आएंगे, जिनमें 1 लाख रुपये से ज्यादा जमा हैं।
  • रेपो रेट की मौजूदा दरों के अनुसार एक लाख रुपये से अधिक के जमा वाले SBI खातों पर उन खातों से कम ब्याज मिलेगा जिनमें एक लाख रुपये से कम जमा हैं।
  • जो कि पोस्ट ऑफिस सेविंग्स एकाउंट पर मिल रहे 4 प्रतिशत ब्याज से भी 0.75% कम होगा।
  • हालांकि, रेपो रेट के बढ़कर 6.25% से अधिक हो जाने पर बड़े SBI खातों पर ब्याज दर छोटे खातों की तुलना में अधिक होगा।
  • ध्यातव्य है कि एक लाख रुपये से कम के जमा वाले बचत खातों पर 3.5 प्रतिशत ब्याज मिलता है।
  • जबकि एक करोड़ रुपये से अधिक के जमा पर सालाना 4 प्रतिशत ब्याज मिलता है।

संबंधित लिंक भी देखें…

https://economictimes.indiatimes.com/wealth/personal-finance-news/interest-rate-for-sbi-saving-a/cs-with-rs-1-lakh-plus-balance-to-be-linked-to-repo-rate-from-may-1/articleshow/69111909.cms

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