हॉट कुक्ड फूड योजना

प्रश्न-हाल ही में उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में हॉट कुक्ड फूड योजना को पुनः शुरू किए जाने का निर्णय किया गया। इस संबंध में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) इस योजना को अब बेसिक स्कूलों में वितरित किए जाने वाले मिड-डे मील के साथ जोड़ा जाएगा।
(b) निर्णय के तहत बेसिक स्कूलों में ही आंगनबाड़ी केंद्रों का भी मिड-डे मील (भोजन) पकाया जाएगा।
(c) यह योजना आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पोषक आहार उपलब्ध कराने हेतु शुरू की गई थी।
(d) आंगनबाड़ी केंद्रो पर 3-6 वर्ष की आयु के लाभान्वित होने वाले बच्चों की संख्या 38.11 लाख है।
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 29 मई, 2018 को संपन्न उ.प्र. मंत्रिमंडल की बैठक में विगत काफी समय से बंद हॉट कुक्ड फूड योजना को पुनः शुरू किए जाने का निर्णय किया गया।
  • इस योजना को अब बेसिक स्कूलों में वितरित किए जाने वाले मिड-डे मील के साथ जोड़ा जाएगा और बेसिक स्कूलों में ही आंगनबाड़ी केंद्रों का भी मिड-डे मील (भोजन) पकाया जाएगा।
  • आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3 वर्ष 6 वर्ष की आयु के लाभान्वित होने वाले बच्चों की संख्या 39.11 लाख है।
  • हॉट कुक्ड फूड पर मासिक व्यय 43.99 करोड़ रुपए तथा वार्षिक व्यय 527.98 करोड़ रुपए आकलित है।
  • हॉट कुक्ड फूड योजनान्तर्गत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3-6 वर्ष तक की आयु के उपस्थित बच्चों को गर्म खाना पकाकर खिलाया जाता है।
  • 3-6 वर्ष तक के आयु के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र पर मार्निंग स्नैक्स के माध्यम से 200 ग्राम कैलोरी एवं 7 ग्राम प्रोटीन तथा हॉट कुक्ड फूड के माध्यम से 300 ग्राम कैलोरी एवं 7-8 ग्राम प्रोटीन उपलब्ध कराया जाता है।
  • भारत सरकार द्वारा 3-6 वर्ष की आयु तक के बच्चों हेतु प्रति लाभार्थी प्रतिदिन 8 रुपए की दर अनुमन्य है।
  • इस राशि में 3.50 रुपए मार्निंग स्नैक्स पर तथा 4.50 रुपए हॉट कुक्ड फूड पर व्यय किए जाने का प्रस्ताव है।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://information.up.nic.in/attachments/files/5b0d73b2-9120-4811-9261-41e80af72573.pdf