पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास का आवंटन

Ex CMs not entitled for govt accommodation for lifetime SC

प्रश्न-अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि-पूर्व मुख्यमंत्री जीवन पर्यंत सरकारी आवास के हकदार नहीं हैं, यह फैसला उत्तर प्रदेश में स्थित किस गैर-सरकारी संगठन की याचिका पर दिया गया है?
(a) लोकबन्धु
(b) समय प्रहरी
(c) लोक प्रहरी
(d) लोक-कल्याणम्
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 1 अगस्त, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया। फैसले के तहत कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जीवन पर्र्यंत सरकारी आवास के हकदार नहीं हैं।
  • यह फैसला न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे की अध्यक्षता वाली पीठ ने वर्ष, 2004 में दाखिल एक याचिका पर सुनाया। इस पीठ में न्यायमूर्ति एन.वी. रमन और आर. भानुमती भी शामिल थे।
  • पीठ ने अपने फैसले में कहा कि किसी भी तरह के सरकारी आवास को 2 से 3 महीने के भीतर खाली कर दिया जाना चाहिए।
  • यह निर्णय उत्तर प्रदेश में स्थित एक गैर-सरकारी संगठन लोक प्रहरी की याचिका पर दिया गया है।
  • इस याचिका में पूर्व मुख्यमंत्रियों और अन्य अयोग्य संगठनों को सरकारी बंगले आवंटित किए जाने के खिलाफ निर्देश जारी करने की मांग की गयी थी।
  • इस याचिका में आरोपित किया गया था। कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देशों के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री आवास आवंटन नियम, 1997 को (गैर सांविधिक) बना दिया था।
  • पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा सरकारी आवास अपने पास रखना उत्तर-प्रदेश मंत्री (वेतन/भत्ते एवं अन्य सुविधाएं) अधिनियम के प्रावधानों के विरुद्ध है।
  • इस याचिका पर निर्णय 27 नवंबर, 2014 को सुरक्षित रख लिया गया था।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://judis.nic.in/supremecourt/imgs1.aspx?filename=43830
http://www.jansatta.com/national/no-government-accommodation-for-former-chief-ministers-says-supreme-court/126182/
http://indiatoday.intoday.in/story/ex-cms-not-entitled-for-govt-accommodation-for-lifetime-sc/1/728943.html
http://timesofindia.indiatimes.com/india/No-government-accommodation-for-former-chief-ministers-Supreme-Court/articleshow/53485707.cms