पत्रकार कल्याण योजना पर समिति और केंद्रीय प्रेस प्रत्यायित समिति का पुनर्गठन

प्रश्न-21 मार्च, 2018 को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पत्रकार कल्याण योजना का पुनर्गठन किया। केंद्रीय प्रेस प्रत्यायित समिति के अध्यक्ष होंगे-
(a) प्रधान महानिदेशक, पीआईबी
(b) सचिव, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय
(c) अध्यक्ष, पीटीआई
(d) अध्यक्ष, भारतीय प्रेस परिषद
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 21 मार्च, 2018 को केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पत्रकार कल्याण योजना पर समिति और केंद्रीय प्रेस प्रत्यायित समिति का पुनर्गठन किया।
  • पत्र सूचना कार्यालय (PIB) के प्रधान महानिदेशक की अध्यक्षता में गठित केंद्रीय प्रेस प्रत्यायित समिति में भारतीय प्रेस परिषद और समाचार प्रसारक संघ (NBA) के प्रतिनिधि सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं।
  • समिति के अन्य सदस्यों में दैनिक जागरण के प्रशांत मिश्रा, टाइम्स नाउ की नविका कुमार, एबीपी न्यूज की कंचन गुप्ता, द पायनियर के जे. गोपीकृष्णन और एएनआई की स्मिता प्रकाश शामिल हैं।
  • समिति के सदस्यों का कार्यकाल 2 वर्ष का है।
  • समिति की बैठक तीन माह में एक बार या इससे अधिक बार होगी।
  • पत्रकार कल्याण योजना पर समिति द्वारा प्रभावी कार्य करने के लिए इसमें कम सदस्यों को शामिल किया गया है।
  • इस समिति में अब केवल सचिव (सूचना और प्रसारण), संयुक्त सचिव (कार्मिक एवं प्रशासनिक) और पीआईबी के प्रधान महानिदेशक आधिकारिक सदस्य होंगे।
  • पहली बार पत्रकारों को भी समिति का सदस्य बनाया गया है।
  • छह पत्रकार-विकास भदौरिया, रिचा अनिरूद्ध, अशोक उपाध्याय, सुजीत ठाकुर सिप्रा दास और रविन्द्र सिंह समिति के गैर-औपचारिक सदस्य बनाए गए हैं।
  • समिति के गैर-औपचारिक सदस्यों का कार्यकाल 2 वर्ष का होगा।
    पत्रकार कल्याण योजना
  • सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने हाल ही में बजट 2018-2019 में पत्रकार कल्याण योजना के लिए कोष को पांच गुना बढ़ाकर 1 करोड़ किया है, वर्ष 2017-18 में यह 20 लाख था।
  • इस योजना का उद्देश्य पत्रकारों और उनके परिजनों को अत्यधिक कठिन परिस्थितियों में तत्काल एकमुश्त अनुकंपा सहायता राशि प्रदान करना है।
  • योजना के अंतर्गत पीआईबी/राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रत्यायित पत्रकारों या ऐसे गैर प्रत्यायित पत्रकारों को शामिल किया गया है, जिन्होंने कम से कम लगातार पांच वर्ष समाचार संपादक, रिर्पोटर, फोटोग्राफर, कैमरामैन, फोटो पत्रकार स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर पूर्णकालिक या अंशकालिक कार्य किया है।
  • योजना के तहत पत्रकार की मृत्यु होने पर उसके परिवार के लिए पांच लाख रुपये तक की सहायता राशि उपलब्ध है।
  • इसके अतिरिक्त पत्रकार के स्थायी अपंग होने पर पांच लाख रुपये तक की और सीजीएचएस या अन्य बीमा/स्वास्थ्य योजनाओं के अंतर्गत कवर नहीं की गई गंभीर बीमारी के इलाज के लिए तीन लाख रुपये तक सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है।

संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=177757