प्रश्न-मुख्य युद्धक टैंक (MBT) अर्जुन के लिए नये विस्फोटक सामग्री (Ammunition) का परीक्षण निम्न में से कहां किया गया?
(a) 6 जनवरी 2016, चांदीपुर ओडिशा परीक्षण रेंज से।
(b) 6 जनवरी 2016, पोखरण परीक्षण रेंज राजस्थान से।
(c) 9 जनवरी 2016 चांदीपुर, ओडिशा से।
(d) 9 जनवरी, 2016 पोखरण, राजस्थान से।
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (DRDO) और भारतीय सेना ने मुख्य युद्धक टैंक ‘अर्जुन’ के लिए विशेष रूप से डिजाइन किये गये टैंक विस्फोटक सामग्री का सफल परीक्षण 6 जनवरी, 2016 को चांदीपुर ओडिशा से किया।
- प्रवेश सह-विस्फोटक (Penetration-Cum Blast-PCB) और थर्मोबेरिक (TB) विस्फोटक सामग्रियों का यह परीक्षण अत्यंत सफल रहा।
- यह नया गोला बारूद (New Ammunition) डीआरडीओ की दो प्रयोगशालाओ, पुणे स्थित (पाशन) आयुध अनुसंधान एवं विकास स्थापना (ARDE) तथा उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (HEMRL) द्वारा अर्जुन टैंक के लिए विकसित किया गया है।
- ज्ञातव्य है कि ADRE और HEMRL भारत में स्वदेशी हथियारों के निर्माण के लिए शोध और विकास कार्य करती हैं।
- अतः उपरोक्त गोला बारूद का विकास पूर्णतयः स्वदेशी रासायनिक संयोजन द्वारा किया गया।
- थर्मोब्लास्ट (TB) गोलाबारूद आक्सीजन का उपयोग हवा से प्राप्त करने में सक्षम है इसलिए यह अधिक विध्वंशकारी है जबकि परंपरागत बारूद में ईंधन को आक्सीडाइजर के साथ मिलाया जाता था।
- थर्मोब्लास्ट बारूद सामान्य परिस्थितियों में अधिक प्रभावी है। यह हवा से ऑक्सीजन लेने के कारण जल के अंदर तथा अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर कम प्रभावी है।
- ज्ञातव्य है कि अर्जुन टैंक दिन एवं रात्रि के साथ-साथ सभी मौसमों में भी अपने लक्ष्य पर तेज एवं सटीक निशाना लगाने में सक्षम है नये बारूद के परीक्षण से इसकी मारक क्षमता काफी बढ़ गयी है।
- यह परीक्षण अपने आप में अनूठा था क्योंकि भारत में इस प्रकार का यह प्रथम गोला बारूद मूल्यांकन परीक्षण था।
- इस परीक्षण के अवसर पर एचईएमआरएल एंड पीएक्सई और डीक्यूआरएस के निदेशक, सैन्य प्रतिनिधि तथा डीआरडीओ के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=134324