बाजार नियामक सेबी के नए नियम

प्रश्न-हाल ही में सेबी ने ब्रोकर के लिए हर एक करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन पर फीस को कितने प्रतिशत घटा दिया है?
(a) 33.3 प्रतिशत
(b) 37.0 प्रतिशत
(c) 31.0 प्रतिशत
(d) 45.0 प्रतिशत
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • मार्च, 2019 में सेबी के द्वारा पंजीकृत ब्रोकर्स के लिए फीस घटाने का निर्णय लिया गया।
  • जिसके तहत ब्रोकर के लिए हर एक करोड़ रुपये के संव्यवहार (ट्रांजेक्शन) पर फीस (शुल्क) को 33.3 प्रतिशत घटा दिया गया है।
  • ध्यातव्य है कि पहले उपरोक्त संव्यवहार सीमा तक ट्रांजेक्शन फीस 15 रुपये हुआ करती थी, जो अब 33.3 प्रतिशत घटाकर 10 रुपये कर दी गई है।
  • यह निर्णय शेयर खरीदने-बेचने की प्रक्रिया को सस्ता करेगा।
  • एग्री कमोडिटी डेरिवेटिव्स के लिए फीस 15 रुपए के बजाए मात्र एक रुपया होगी।
  • ये बदलाव 1 अप्रैल, 2019 से लागू होंगे।
  • कमोडिटी डेरिवेटिव मार्केट का दायरा बढ़ाने के लिए सेबी ने म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजर को इसमें ट्रेडिंग की अनुमति दी है। इसके लिए उन्हें अलग फंड मैनेजर नियुक्त करना पड़ेगा।
  • सेबी की सलाहकार समिति ने घरेलू और विदेशी संस्थागत निवेशकों को कमोडिटी में डेरिवेटिव ट्रेडिंग की अनुमति देने की सिफारिश की थी। पहले चरण में म्यूचुअल फंडों को स्वीकृति दी गई है।
  • दूसरे चरण में बैंकों, बीमा कंपनियों और विदेशी पोर्टफोलियों निवेशकों को अनुमति दी जाएगी।
  • सेबी ने स्टार्टअप कंपनियों की सूचीबद्धता को आसान बनाने के लिए फैसले किए हैं।
  • ध्यातव्य है कि स्टार्टअप की लिस्टिंग ‘इनोवेटर्स ग्रोथ प्लेटफॉर्म’ नामक एक्सचेंज में होती है।
  • इसमें मान्यता प्राप्त (क्वालीफाइड) निवेशक ही धन लगा सकते हैं, सेबी ने निवेशकों के लिए मान्यता लेना आसान कर दिया है।

संबंधित लिंक भी देखें…
https://www.sebi.gov.in/media/press-releases/mar-2019/sebi-board-meeting_42260.html