उत्तर प्रदेश में गोवंशीय पशुओं में वर्गीकृत वीर्य (सेक्सड सीमेन) के उपयोग की योजना

प्रश्न-हाल ही में संपन्न उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में गोवंशीय पशुओं में वर्गीकृत वीर्य (सेक्सड सीमन) के उपयोग की योजना को मंजूरी प्रदान की गई। यह योजना प्रदेश के कितने जिलों में संचालित की जाएगी?
(a) 25
(b) 40
(c) 60
(d) 75
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 3 दिसंबर, 2018 को संपन्न उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में गौवंशीय पशुओं में वर्गीकृत वीर्य (सेक्सड सीमन) के उपयोग की योजना को मंजूरी प्रदान की गई।
  • इस योजना को प्रदेश के सभी (75) जिलों में संचालित किया जाएगा।
  • यह योजना प्रजनन योग्य स्वदेशी नस्ल के गोवंशीय पशुओं में वर्गीकृत वीर्य (सेक्सड) सीमेन के प्रयोग द्वारा संचालित होगी।
  • इस योजना के तहत संबंधित कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता पशुओं की टैगिंग, फोटोग्रॉफी, किट के माध्यम से गर्भ परीक्षण, अनुश्रवण और मादा संततियों की रिकॉर्डिंग भी करेगा।
  • बुंदेलखंड क्षेत्र में सेक्सड सीमन द्वारा कृत्रिम गर्भाधान कार्य के तहत मात्र 100 रुपये प्रति गर्भाधान लेवी के रूप में तथा अन्य जिलों में प्रति गर्भाधान 300 रुपये पशुपालक से लिया जाएगा।
  • कृत्रिम गर्भाधान में सेक्सड सार्टेड सीमेन का उपयोग होने से लगभग 90 प्रतिशत उच्च दुग्ध उत्पादन वाली मादा संतति (बछिया) ही पैदा होंगी।
  • सेक्सड सार्टेड सीमेन के उपयोग से 90 प्रतिशत नर पशुओं की संख्या में कमी आएगी।
  • अनुपयोगी नर पशुओं की संख्या में कमी होने से कृषि फसलों की क्षति एवं पशुओं से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी होगी।
  • योजनांतर्गत विभागीय संस्था अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केंद्र, बाबूगढ़, हापुड़ में स्वदेशी गौवंशीय प्रजाति के सेक्सड सीमन का उत्पादन किया जाएगा।
  • ग्लोबल टेंडर प्रक्रिया से चयनित संस्था/फर्म द्वारा वहां वर्गीकृत वीर्य उत्पादन इकाई की स्थापना और उत्पादित वर्गीकृत वीर्य का जिलों में वितरण किया जाएगा।

[विजय प्रताप सिंह ]

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