इसरो द्वारा विश्व के सबसे हल्के पदार्थ का निर्माण

प्रश्न-विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र स्थित है-
(a) विशाखापट्टनम में
(b) चेन्नई में
(c) तिरुवनंतपुरम में
(d) बंगलुरू में
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा विश्व के सबसे हल्के पदार्थ सिलिका एयरोजैल (Silica Aerogel) का निर्माण किया गया है।
  • विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र तिरुवनंतपुरम के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा घोषणा की गई कि सिलिका एयरोजैल जिसे ब्ल्यू एयर (Blue Air) नाम दिया गया है, को पृथ्वी के साथ-साथ अंतरिक्ष में भी प्रयोग किया जा सकता है।
  • इस पदार्थ के बहुत उन्नत ऊष्म रोधी होने के कारण यह विविध उपयोगों में लाया जा सकता है।
  • इस पदार्थ को कभी-कभी जमे हुए धुंए (Frozer Smoke) के नाम से भी पुकारा जाता है जो कि इतना हल्का है कि इसे फूल की पंखुड़ी पर भी रखा जा सकता है।
  • वैज्ञानिकों द्वारा अभी इसे और लचीला तथा मजबूत बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस एयरो जैल में 99 प्रतिशत वायु होती है।
  • विक्रम साराभाई केंद्र की प्रयोगशाला की एक वैज्ञानिक नागप्रिया के अनुसार विकास के चरणों से गुजर रहा यह पदार्थ आने वाले समय में सियाचिन ग्लेसियर जैसे खून जमा देने वाले क्षेत्रों में तैनात हमारे सैनिकों की यूनिफार्म में प्रयुक्त करने के काम आ सकता है।
  • इस एयरोजैल की अच्छी ऊष्मा प्रतिरोधक क्षमता इमारतों को गर्मियों में अंदर से ठंडा और सर्दियों में इन्हें गर्म रखने के काम आ सकती है।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://www.jansatta.com/rajya/isro-vssc-siachen-glacier-indian-army/82725/
http://www.thehindu.com/todays-paper/tp-in-school/saving-the-soldiers-from-extreme-weather/article8430273.ece
http://www.ndtv.com/india-news/isros-new-light-as-air-gel-can-keep-indian-soldiers-warm-in-siachen-snow-1397777
http://www.dnaindia.com/india/report-isro-s-path-breaking-gel-to-be-used-on-earth-now-2204847