प्रश्न-नवंबर, 2019 में सरकार द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र से कनेक्टिविटी में सुधार के लिए एक लैंडमार्क कंटेनर कार्गो की पहली खेप की आवाजाही हेतु किस नदी जलमार्ग का उपयोग किया गया है?
(a) तिस्ता नदी
(b) ब्रह्मपुत्र नदी
(c) सूरमा नदी
(d) गोमती नदी
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
(a) तिस्ता नदी
(b) ब्रह्मपुत्र नदी
(c) सूरमा नदी
(d) गोमती नदी
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- जहाजरानी मंत्रालय द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र के साथ कनेक्टिविटी में सुधार के लिए एक लैंडमार्क कंटेनर कार्गो की पहली खेप हल्दिया डॉक कांप्लेक्स (HDC) से गुवाहाटी के पांडु स्थित भारत के अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण टर्मिनल के लिए 4 नवंबर, 2019 को रवाना होगी।
- इसके लिए अंतर्देशीय जल परिवहन (IWT) का प्रयोग किया जाएगा, जिसमें भारत-बांग्लादेश प्रोटोकाल (IBP) मार्ग भी जुड़ा हुआ है।
- इस कंटनेर को ले जाने के लिए अंतर्देशीय पोत ‘एम.वी. माहेश्वरी’ का प्रयोग किया जाएगा। इसमें पेट्रोकेमिकल्स, खाद्य तेल और पेय पदार्थ शामिल हैं।
- इस यात्रा के लिए राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (गंगा-भागीरथी-हुगली नदी प्रणाली), राष्ट्रीय जलमार्ग-97 (सुंदरबन), भारत-बांग्लादेश प्रोटोकाल मार्ग तथा राष्ट्रीय जलमार्ग-2 (ब्रह्मपुत्र नदी) का प्रयोग किया जाएगा।
- 1425 किमी. लंबे जलमार्ग का प्रयोग करके IWT मोड की तकनीकी और वाणिज्यिक व्यवहार्यता स्थापित करने की उम्मीद है।
- इसका उद्देश्य कच्चे माल और तैयार माल के परिवहन के लिए एक वैकल्पिक मार्ग खोलकर उत्तर-पूर्व क्षेत्र के औद्योगिक विकास का मार्ग प्रशस्त करना है।
- भारत और बांग्लादेश के बीच अंतर्देशीय जल पारगमन और व्यापार (PIWTT) पर प्रोटोकॉल दोनों देशों के जहाजों को परस्पर आवाजाही के लिए अपने जलमार्गों के उपयोग की अनुमति देता है।
- IBP जलमार्ग-कोलकाता (NW-1)गंगा नदी, सिलहट (असम) (NW-2) ब्रह्मपुत्र नदी से करीमगंज (असम) (प.बंगाल) (NW-16) बराक नदी तक फैला है।
- IBP जलमार्ग के तहत भारत द्वारा बांग्लादेश के सिराज गंज-दाइखवा और आशूगंज-जाकीगंज जलमार्ग को विकसित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से उत्तर-पूर्व भारत को निर्बाध नेविगेशन प्रदान करने की उम्मीद है। इस मार्ग की कुल लागत 305.84 करोड़ रु. में भारत (80%) तथा बांग्लादेश (20%) वहन कर रहा हैं।
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