प्रश्न-हाल ही में चर्चित ‘सुपर एब्जोरबेंट हाइड्रोजेल्स प्रौद्योगिकी’ का संबंध है-
(a) हाइड्रोजन गैस की आपूर्ति से
(b) भारत के मंगल मिशन से
(c) कृषि सिंचाई से
(d) हवाई जहाज के ईंधन से
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
- 14 जनवरी, 2015 को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग के उद्यम राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (NRDC) और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के बीच एक समझौता पर हस्ताक्षर किये गये।
- यह समझौता‘ए नोबल सुपर एब्जोरबेंट हाइड्रोजेल्स’(“A Novel Superabsorbent Hydrogels”) प्रौद्योगिकी के वाणिज्यीकरण के लिये किया गया है।
- कृषि कार्यों के लिए पानी की आवश्यकताओं को पूरा करने के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली, द्वारा विकसित स्वदेशी पालीमर एब्जारबेंट में‘सुपर एब्जारबेंट’भी शामिल है।
- NRDC इससे पहले पांच कंपनियों के साथ इस तरह के समझौते कर चुकी है।
- ध्यातव्य है कि 50 डिग्री सेल्सियस तापमान पर हाइड्रोजेल्स ओब्जेरबेंट अपने वजन से न्यूनतम 350 गुणा शुद्ध जल का अवशोषण कर सकता है।
- हाइड्रोजेल्स तकनीकी की प्रमुख विशेताएं निम्न हैं:-
- मूल परिवेश में नमक की उपस्थिति से कम प्रभावित।
- मृदा की मूल विशेषताओं में सुधार।
- अंकुरण और पौध उत्थान में तेजी अथवा वृद्धि।
- जड़ों के विकास और घनत्व में सुधार।
- पौधों को लंबे समय तक नमी का दबाव झेलने में मदद।
- नर्सरी में अंकुरण/पौध तैयार होने में लगने वाले समय में कमी।
- उन्नत प्रौद्योगिकी के प्रयोग से फसल की उत्पादन और सिंचाई आवश्यकताओं में कमी।
संबंधित लिंक भी देखें…
http://www.business-standard.com/content/b2b-chemicals/reliance-inks-pact-with-nrdc-for-superabsorbent-hydrogels-technology-115011500676_1.html
http://www.mpponline.in/agreement-for-commercializing-novel-superabsorbent-hydrogels-technology-signed/
http://www.ruralmarketing.in/industry/agriculture/ril-nrdc-ink-pact-to-market-tech-to-save-water-in-farming
http://www.thehindubusinessline.com/economy/ril-nrdc-pact-to-commericalise-tech-on-water-use-efficiency-in-agriculture/article6788652.ece