स्वास्थ्य देखभाल सेवा कार्मिक और नैदानिक प्रतिष्ठान (हिंसा एवं संपत्ति क्षति निषेध) विधेयक, 2019

The Healthcare Service Personnel and Clinical Establishments (Prohibition of violence and damage to property) Bill 2019
प्रश्न-स्वास्थ्य देखभाल सेवा कार्मिक और नैदानिक प्रतिष्ठान (हिंसा एवं संपत्ति क्षति निषेध) विधेयक, 2019 से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
(i) चिकित्सा कर्मियों के प्रति हिंसा करने एवं चिकित्सा प्रतिष्ठान की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति के लिए 6 माह से 10 वर्ष के कारावास की सजा और 50 हजार रुपये से 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
(ii) चिकित्सा कर्मियों को गंभीर चोट पहुचाने वाले व्यक्ति के लिए 3 से 10 वर्ष के कारावास की सजा और 2-10 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।
निम्नलिखित कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए-

(a) केवल (i)
(b) केवल (ii)
(c) (i) एवं (ii) दोनों
(d) न तो (i) और न ही (ii)
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
  • 2 सितंबर, 2019 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा ‘स्वास्थ्य देखभाल सेवा कार्मिक और नैदानिक प्रतिष्ठान (हिंसा एवं संपत्ति क्षति निषेध) विधेयक, 2019’ का मसौदा जारी किया गया।
  • विधेयक में स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति हिंसा को संज्ञेय एवं गैर-जमानती अपराध बनाया गया है।
  • चिकित्सा कर्मियों के प्रति हिंसा करने और चिकित्सा प्रतिष्ठान की संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले व्यक्तियों के लिए 6 माह से 5 वर्ष तक के कारावास की सजा और 50 हजार रुपये से 5 लाख रुपये तक प्रावधान किया गया है।
  • चिकित्सा कर्मियों को गंभीर चोट पहुंचाने वाले व्यक्ति को 3-10 वर्ष तक के कारावास की सजा और 2-10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
  • उपर्युक्त दंड के अतिरिक्त चिकित्सा प्रतिष्ठान की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति के लिए क्षतिग्रस्त संपत्ति के बाजार मूल्य का दोगुना अथवा न्यायालय द्वारा निर्धारित मुआवजे का प्रावधान किया गया है।
  • साथ ही चिकित्सा कर्मियों को चोट पहुंचाने के लिए पीड़ित को 1 लाख रुपये और चिकित्सा कर्मियों को गंभीर चोट पहुंचाने के लिए 5 लाख रुपये का मुआवजा दोषी व्यक्ति से दिलाने का प्रावधान किया गया था।

संबंधित लिंक भी देखें…

https://mohfw.gov.in/sites/default/files/Draft%20Bill.pdf