सरकार की देयताओं में वृद्धि

प्रश्न-दिसंबर 2018 के अंत में चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के आंकड़ों के अनुसार सरकार की कुल देनदारी में सर्वाधिक भागीदारी है-
(a) आंतरिक ऋण की
(b) सार्वजनिक ऋण की
(c) बाह्य ऋण की
(d) अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • 8 मार्च, 2019 को वित्त मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष दिसंबर, 2018 के अंत तक तीसरी तिमाही में सरकार के कुल देयताओं में वृद्धि हुई है।
  • सार्वजनिक ऋण के नवीन आंकड़ों में सरकार की कुल देयताएं 83.40 लाख करोड़ रुपये हो गई हैं। जबकि पिछले वर्ष की समान तिमाही में सरकार के ऊपर कुल 82.03 लाख करोड़ थी।
  • कुल देयताओं में सार्वजनिक ऋण की भागीदारी 89.5 प्रतिशत है, जबकि आंतरिक ऋण की भागीदारी 83.3 प्रतिशत है।
  • लगभग 29.27 प्रतिशत भुगतान के लिए रह गई सरकारी प्रतिभूति की परिपक्वता अवधि पांच वर्ष से कम की है।
  • इन प्रतिभूतियों में लगभग 40.50 प्रतिशत भागीदारी व्यवसायिक बैंकों की है, जबकि 24.60 प्रतिशत भागादारी बीमा कंपनियों की है।
  • केंद्र सरकार द्वारा अक्टूबर-दिसंबर, 2018 के दौरान 1.27 लाख करोड़ रुपये की प्रतिभूति जारी किया गया था। पिछले वित्त वर्ष की इस अवधि में यह आंकड़ा 1.64 लाख रुपये का रहा था।
  • पिछली तिमाही की तुलना में चालू वित्त वर्ष की तिमाही में सरकारी प्रतिभूति के उत्पादन में कमी देखी गई, जो कि 8.01 प्रतिशत से घटकर 7.82 प्रतिशत रह गई।
  • इस वजह से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा खुले बाजार में हस्तक्षेप (OMO) की प्रक्रिया के अंतर्गत नगदी (Cash) डालकर डॉलर के मुकाबले रुपये को मजबूत बनाया।

संबंधित लिंक भी देखें…

http://pibphoto.nic.in/documents/rlink/2019/mar/p20193801.pdf

http://pib.nic.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1568304