समुचित एवं विधिक प्रवासन पर ब्रिक्स घोषणा पत्र

BRICS declaration on proper and legal migration,Sochi,BRICS,Commonwealth of IndePendent State

प्रश्न-08 अक्टूबर, 2015 को आप्रवासन विषय पर ब्रिक्स देशों की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक कहां आयोजित की गयी?
(a) सोची
(b) बीजिंग
(c) नई दिल्ली
(d) जोहान्सबर्ग
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 08 अक्टूबर, 2015 को सोची (Sochi) रूस में आप्रवासन विषय पर ब्रिक्स (BRICS) देशों की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की गयी।
  • ब्रिक्स (BRICS) देशों में शामिल हैं-ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका।
  • उल्लेखनीय है कि इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजजू ने किया।
  • इस बैठक में चीन के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय के आव्रजन एवं प्रवासन प्रमुख झेंग बाइगांग, दक्षिण अफ्रीका के गृह राज्यमंत्री मलूसी गिगाबा ने भाग लिया।
  • रूस के संघीय आप्रवासन सेवा के प्रमुख कोस्टांटिन रोमोदनोव्स्की ने इस बैठक में रूस के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
  • सीआईएस (Commonwealth of Independent States) के कार्यकारी सचिव और कार्यकारी समिति के अध्यक्ष सर्गेई लेबेदेव भी इस बैठक में शामिल हुए।
  • उल्लेखनीय है कि यूरेशियन आर्थिक संघ, शंघाई सहयोग संगठन, अंतर्राष्ट्रीय आप्रवासन संगठन, सीआईएस सदस्य देशों की आप्रवासन एजेंन्सियों, सं.रा.संघ की संबंधित एजेन्सियों और यूरोपीय सुरक्षा एवं सहयोग संगठन के प्रतिनिधियों ने भी इस बैठक में भाग लिया।
  • गौरतलब है कि इस बैठक के दौरान ‘समाज के सफल विकास की कुंजी के रूप में आप्रवासन प्रबंधन की नई रणनीति’ विषय पर एक गोलमेज सम्मेलन आयोजित हुआ।
  • इस गोलमेज सम्मेलन में ब्रिक्स देशों के आप्रवासन सेवाओं के प्रतिनिधियों, यूरोपीय आर्थिक संघ, शंघाई सहयोग संगठन, सं.रा.संघ की संबंधित एजेंसियों और यूरोपीय सुरक्षा एवं सहयोग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
  • ज्ञातव्य है कि बैठक के अंत में सूचना के संदर्भ में वार्ता, अवैध आप्रवासन को रोकना और अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया गया।
  • यह घोषणा पत्र आप्रवासन सेवाओं के संघों के प्रमुखों द्वारा आप्रवासन क्षेत्र में सहयोग के लिए जारी किया।
  • इस संयुक्त घोषणा पत्र के प्रमुख बिन्दु इस प्रकार हैं-
  • ब्रिक्स देशों के हित में आप्रवासन के मुद्दों पर अनुभव एवं विचारों का आदान-प्रदान करना।
  • पार-देशीय आप्रवासन एवं विकास के मध्य अंतर्संबंध और आप्रवासन द्वारा प्रस्तुत अवसरों एवं चुनौतियों से निपटने तथा इसके सकारात्मक प्रभावों का लाभ उठाने की आवश्यकता की बात ब्रिक्स देशों द्वारा स्वीकार की गयी है।
  • सुरक्षित एवं व्यवस्थित आप्रवासन की सुविधा सहित पारदेशीय आप्रवासन के मुद्दे के समाधान एवं चर्चा हेतु ब्रिक्स के खुलेपन की पुष्टि की गयी है।
  • ब्रिक्स देशों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास और जनसांख्यिकीय स्थिति पर आप्रवासन के प्रभाव को स्वीकार किया गया है।
  • विकास और राष्ट्रीय आप्रवासन नीतियों या प्रक्रियाओं के कार्यान्वयन में सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा करने हेतु ब्रिक्स देशों के हित को व्यक्त किया गया है।
  • ब्रिक्स देशों में श्रमिकों की गतिशीलता को बढ़ावा देने के महत्व का उल्लेख किया गया है।
  • संगठित आपराधिक मानव तस्करी और आप्रवासन तस्करी का मुकाबला करने एवं रोकने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गयी है।
  • ब्रिक्स देशों के आप्रवासन प्राधिकरणों के प्राधिकारियों की कार्यकारी बैठकों के साथ आप्रवासन नीतियों, प्रक्रियाओं और रणनीतियों सहित आप्रवासन के क्षेत्र में संवाद एवं सहयोग को मजबूत बनाने का स्वागत किया गया है।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://en.brics2015.ru/news/20151008/553670.html
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=128569
http://pibmumbai.gov.in/scripts/detail.asp?releaseId=E2015PR2623