प्रश्न-हाल ही में विश्व में लागू की गई चार मूल इकाइयों में, निम्नलिखित में से कौन-सी सम्मिलित नहीं है?
(a) मीटर
(b) किलोग्राम
(c) केल्विन
(d) मोल
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
(a) मीटर
(b) किलोग्राम
(c) केल्विन
(d) मोल
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- 20 मई, 2019 को विश्व मेट्रोलॉजी दिवस (World Metrology day) के अवसर पर पुनः परिभाषित चार मूल इकाइयों को दुनिया भर में लागू कर दिया गया है।
- ये चार इकाइयां हैं, किलोग्राम, केल्विन, मोल तथा एम्पियर।
- ज्ञातव्य हो कि पेरिस में गत 16 नवंबर, 2018 को हुए अंतरराष्ट्रीय बाट एवं माप ब्यूरो (BIPM) की जनरल कॉफ्रेंस ऑन वेट्स ऐड मेजर्स (CGPM) में उक्त चार मूल इकाइयों को पुनः परिभाषित करने के प्रस्ताव पर 60 देशों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए थे।
- भौतिक विज्ञान में कुल सात मूल इकाइयां निर्धारित की गई हैं, जिनमें उक्त वर्णित चार इकाइयों के साथ अन्य तीन मीटर, सेकंड और ज्योति तीव्रता की इकाई कैंडिला है।
- इन सात भौतिक राशियों के इंटरनेशनल सिस्टम ऑफ यूनिट्स (S.I.) को 100 से भी अधिक देशों ने मान्यता दी है, जो कि 1889 से चलन में है।
- भारत ने भी इन सात मूल इकाइयों में से चार को पुनः परिभाषित करने के वैश्विक निर्णय पर अपनी सहमति व्यक्त करते हुए, इन्हें देश में लागू कर दिया है।
- इन नई परिभाषित मूल इकाइयों का महत्व वैज्ञानिक प्रयोगों तथा अनुसंधानों में बहुत अधिक है, लेकिन सामान्य दैनिक जीवन में इनका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
- इन पुनः परिभाषित मूल इकाइयों को क्वांटम भौतिक के सिद्धांतों के आधार पर परिभाषित किया गया है, जिसे बहुत सूक्ष्म स्तर पर अनुभव किया जा सकता है।
- बाजार में किलो के बाटों पर इसका कोई असर नहीं होगा अतः ये वैसे ही रहेंगे।
- वैज्ञानिक प्रयोगों में इसकी महत्ता के कारण भारत की ‘राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला’ (National Physical Laboratory) ने ‘भारतीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद’ (NCERT) को अपने वर्तमान पाठयक्रमों में लागू करने की सिफारिश की है।
- अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) तथा भारतीय तकनीकी संस्थान (II Ts) भी इन पुनः परिभाषित मूल इकाइयों को ध्यान में रखते हुए अपने पाठ्यक्रमों में बदलाव करेंगे।
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