वर्षांत समीक्षा, 2016 श्रम एवं रोजगार मंत्रालय

Yearend review-2016 Achievements and initiatives of the Ministry Of Labour & Employment

प्रश्न-राज्य सभा द्वारा ‘मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक, 2016 कब पारित किया गया?
(a) 11 अगस्त, 2016
(b) 12 अगस्त, 2016
(c) 13 अगस्त, 2016
(d) 10 अगस्त, 2016
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 27 दिसंबर, 2016 को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा वर्षांत समीक्षा, 2016 जारी की गई।
  • इससे संबंधित प्रमुख तथ्य निम्नलिखित हैं-
  • 1 जनवरी, 2016 को संसद द्वारा पारित ‘बोनस भुगतान (संशोधन) विधेयक, 2015’ भारत के राजपत्र में प्रकाशित हुआ।
  • 11 अगस्त, 2016 को राज्यसभा द्वारा ‘मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक 2016 पारित किया गया जिसके तहत महिलाओं के मातृत्व लाभ को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है।
  • सरोगेट मदर एवं गोद लेने की स्थिति में मातृत्व लाभ 12 सप्ताह का होगा। यह सुविधा दो ही जीवित बच्चों के जन्म पर मिलेगी।
  • 9 अगस्त, 2016 को लोकसभा द्वारा ‘कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम, 1923’ में संशोधन करने के लिए ‘कर्मचारी प्रतिकर (संशोधन) विधेयक, 2016 पारित किया गया।
  • 26 जुलाई, 2016 को संसद द्वारा ‘बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) संशोधन विधेयक, 2016 पारित किया गया।
  • मंत्रालय द्वारा ‘दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) विधेयक, 2016 प्रस्तावित है, जिस पर मंत्रिमंडल द्वारा 29 जून 2016 को विचार-विमर्श किया गया।
  • द्वितीय श्रम सुधार आयोग द्वारा कार्यात्मक आधार पर श्रम कानूनों का 4-5 समूह में संहिताकरण की सिफारिश की गई थी।
  • वर्तमान में मंत्रालय 43 श्रम कानूनों के प्रावधानों को 4 संहिता में युक्ति संगत बनाने का कार्य कर रहा है। ये संहिता हैं- मजदूरी पर श्रम संहिता, औद्योगिक संबंध पर श्रम संहिता, सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण पर श्रम संहिता और सुरक्षा एवं काम करने की परिस्थितियों पर श्रम संहिता।
  • सरकार द्वारा केंद्रीय क्षेत्र में सभी क्षेत्रों के लिए न्यूनतम मजदूरी में 42% से अधिक की वृद्धि की घोषणा की गई तथा यह पहला अवसर है जब न्यूनतम मजदूरी एक साथ सभी क्षेत्रों के लिए- कृषि, गैर-कृषि, निर्माण आदि के लिए बढ़ा दी गई है।
  • मजदूरी सीमा पर ईएसआई कवरेज 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 21 हजार रुपये कर दी गई।
  • बोनस सीमा 3500 रुपये से बढ़ाकर 7000 रु. कर दी गई है और इसके लिए पात्रता सीमा 10 हजार रु. से बढ़ाकर 21 हजार रुपये कर दिया गया है।
  • बंधुआ दावा निपटान की वित्तीय सहायता राशि 20 हजार रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है।
  • ईपीएफ दावा निपटान की सीमा 30 दिन से घटाकर 20 दिन कर दी गई है।
  • 16 अक्टूबर, 2014 को श्रम कानूनों के प्रवर्तन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही के लिए ‘श्रम सुविधा पोर्टल’ का शुभारंभ किया गया।
  • 16 अक्टूबर, 2014 को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा सेवा के बेहतर प्रतिपादन हेतु ‘यूनिवर्सल एकाउंट नंबर’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था।
  • मंत्रालय द्वारा ‘प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना’ का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
  • मंत्रालय द्वारा देश में सार्वजनिक रोजगार सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए एक जीवंत मंच के रूप ने ‘राष्ट्रीय कैरियर सेवा’ (NCS) परियोजना को लागू किया जा रहा है।

संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=155874