वर्षांत समीक्षा-2015 राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय

Year End Review: Highlights of the Achievements of the Department of Revenue, Ministry of Finance

प्रश्न-अप्रैल-अक्टूबर, 2015 के दौरान अप्रत्यक्ष कर संग्रह में विगत वर्ष के समान अवधि की तुलना में कितनी वृद्धि दर्ज की गई?
(a) 35.9%
(b) 25.5%
(c) 30.2%
(d) 20.8%
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य-

  • 17 दिसंबर, 2015 को वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग द्वारा वर्षांत समीक्षा, 2015 जारी की गई।
    अप्रत्यक्ष कर संग्रह-
  • अक्टूबर, 2015 के दौरान अप्रत्यक्ष कर राजस्व संग्रह (अनंतिम) में अक्टूबर, 2014 की तुलना में 36.8% की वृद्धि हुई।
  • अप्रैल-अक्टूबर, 2015 के दौरान अप्रत्यक्ष कर संग्रह में विगत वर्ष की समान अवधि की तुलना में 35.9% की वृद्धि दर्ज की गई।
  • मौद्रिक दृष्टि से अप्रैल-अक्टूबर, 2015 के दौरान ‘अप्रत्यक्ष कर राजस्व संग्रह (अनंतिम) 382860 करोड़ रुपये था।
  • अप्रैल-अक्टूबर, 2015 के दौरान केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह 68.6% की वृद्धि के साथ 147685 करोड़ रुपये पहुंच गया।
  • सेवाकर राजस्व संग्रह अप्रैल-अक्टूबर, 2015 के दौरान 26.1% की वृद्धि के साथ 1,12,727 करोड़ रुपये रहा।
  • अप्रैल-अक्टूबर 2015 के दौरान सीमा शुल्क संग्रह 16.8% वृद्धि के साथ 1,22,448 करोड़ रुपये था।
  • विशेष कच्चे माल (इनपुट) पर सीमा शुल्क घटा दिया गया।
  • 4% के विशेष अतिरिक्त शुल्क को विशेष आयातित कच्चे माल पर घटा दिया गया। मुक्त कर दिया गया।
  • मेटलर्जिकल कोक पर मूल सीमा शुल्क को बढ़ाकर 2.5% से 5% कर दिया गया और वाणिज्यिक वाहनों पर मूल सीमा शुल्क को बढ़ाकर 10% से 20% कर दिया गया है।
  • विशेष इस्पात वस्तुओं पर मूल सीमा शुल्क को बढ़ाकर 10%/12.50% कर दिया गया है।
    किसानों के हितों के संरक्षण हेतु-
  • चीनी पर मूल सीमा शुल्क 15% से बढ़ाकर 25% और बाद में 40% कर दिया गया।
  • 1 अक्टूबर, 2015 के बाद पेराई किए गए गन्ने से प्राप्त शीरे से उत्पादित एथेनॉल को उत्पाद शुल्क से मुक्त कर दिया गया।
  • कच्चे खाद्य तेलों पर मूल सीमा शुल्क 7.5% से बढ़ाकर 12.50% और रिफाइंड खाद्य तेलों (वनस्पति मूल) पर सीमा शुल्क को 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया।
  • 31 मार्च, 2016 तक घी, मक्खन एवं मक्खन तेल पर मूल सीमा शुल्क 30% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है।
  • कोयला, लिग्नाइट पर स्वच्छ ऊर्जा उपकर को प्रतिटन 100 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये प्रतिटन कर दिया गया।
  • बिजली चालित वाहनों और हाइब्रिड वाहनों के विशेष कलपुर्जों पर सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क की रियायती दरें 31 मार्च, 2016 तक प्रभावी रहेंगी।
  • औद्योगिक उपयोग के अतिरिक्त एथिलीन के पॉलिमर्स बैगों एवं बोरियों पर देय उत्पाद शुल्क 12% से बढ़ाकर 15% कर दिया गया।
    अन्य उपाय-
  • पेट्रोल और हाई स्पीड डीजल ऑयल पर देय अतिरिक्त सीमा शुल्क/उत्पाद शुल्क की प्रभावी दरों को 2 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 6 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया।
    योग को बढ़ावा देने से संबंधित-
  • परोपकारी गतिविधियों को सेवा कर से मुक्त कर दिया गया है।\
  • डीआरआई को लगातार दूसरे वर्ष संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का ‘एशिया पर्यावरणीय प्रवर्तन पुरस्कार’ प्रदान किया गया।
  • डीआरआई द्वारा पहली बार टिम्बर की सभी किस्मों की तस्करी से निपटने हेतु एशिया प्रशांत क्षेत्र में एक अंतर्राष्ट्रीय अभियान ‘ऑपरेशन शेष’ प्रारंभ किया गया।
  • वर्ष 2015 को सीबीईसी द्वारा ‘करदाता सेवाओं का वर्ष’ घोषित किया गया है।
  • सीबीईसी द्वारा एक नया ‘करदाता सेवा निदेशालय’ बनाया गया है जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
    विधायी कदम-
  • करदाताओं पर अनुपालन का बोझ कम करने हेतु मूल्यांकन वर्ष 2016-17 से संपदा कर की वसूली को समाप्त कर दिया गया।
  • वित्त अधिनियम, 2015 के द्वारा कराधान के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण में स्पष्टता लाई गई है।
  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को प्रतिभूतियों के लेन-देन से होने वाली आय को पूंजीगत लाभ माना जाएगा।
  • ‘अग्रिम मूल्य अनुबंध (APA) शासन’ में रोल बैक’ का प्रावधान प्रारंभ किया गया है।
  • निर्दिष्ट घरेलू लेन-देन हेतु हस्तांतरण मूल्य विनियमों की सीमा पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
  • ब्याज भुगतान पर 5% रियायती कर की दर हेतु विदेशी मुद्रा में उधार लेने की तिथि 30 जून, 2017 कर दी गई है।
  • तकनीकी सेवाओं के लिए रॉयल्टी और शुल्क पर कर की दर 25% से घटाकर 10% कर दी गई है।
  • नए संयंत्र एवं मशीनरी में एक वर्ष में 25 करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने वाली विनिर्माण इकाइयों को 15% की दर से निवेश भत्ता देने की मंजूरी दी गई है।
  • ‘योग’ को ‘धर्मार्थ उद्देश्य’ की परिभाषा में गतिविधि की एक विशिष्ट श्रेणी के रूप में शामिल किया गया है।
  • व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति करदाता हेतु 2.50 लाख रुपये और 60 से 80 वर्ष के वरिष्ठ नागरिकों हेतु 3 लाख रुपये कर दिया गया है।
  • आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत निवेश सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये कर दी गई है।
  • कर्मचारी द्वारा ‘राष्ट्रीय पेंशन योजना’ (NPS) में अंशदान के कारण आयकर अधिनियम की धारा 80 सीसीडी के तहत कटौती की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.50 रुपये कर दी गई है।
  • आयकर अधिनियम की धारा 80 डी के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कटौती की सीमा 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दी गई।
    कालेधन पर अंकुश लगाने के उपाय-
  • बेनामी लेन-देन (निषेध) अधिनियम 1988 के संशोधन हेतु ‘बेनामी लेन देन (निषेध) संशोधन विधेयक, 2015 लोकसभा में पेश किया गया है।
  • भारत और सं.रा. अमेरिका ने कर मामलों में पारदर्शिता को बढ़ावा देने हेतु ‘विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम (FATCA) को लागू करने के लिए अन्तरसरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
  • 2 लाख रुपये से अधिक की राशि के लेन-देन हेतु ‘पैन’ (PAN) का उल्लेख अनिवार्य बनाया गया है।
    ई-शासन गतिविधियां-
  • 31 मार्च, 2015 तक 22 करोड़ 32 लाख से ज्यादा ‘पैन’ (PAN) किए जा चुके हैं।
  • 31 अक्टूबर, 2015 तक ई-फाइलिंग पोर्टल के पंजीकृत उपयोग कर्ताओं की संख्या 4.86 करोड़ है।
  • आयकर विभाग द्वारा कर प्रशासन के सभी क्षेत्रों में सूचना अनुपालन को बेहतर बनाने हेतु ‘परियोजना अंतर्दृष्टि’ प्रारंभ की गई है।
  • ‘आयकर व्यवसाय आवेदन’ (ITBA) निकट भविष्य में आयकर विभाग की सभी प्रक्रियाओं के स्वचालन हेतु एक प्रमुख योजना है।
  • ‘ऑनलाइन कर अंकेक्षण प्रणाली’ (OLTAS) करदाताओं के चालू बही खातों के साथ उनके द्वारा ऑनलाइन कर भुगतान को एकीकृत करती है।
  • ‘सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेल-टीडीएस’ आयकर विभाग की स्रोत पर कर कटौती हेतु एक प्रौद्य़ोगिकी उन्मुख पहल है।
  • सीबीडीटी द्वारा आयकर रिटर्न की जांच हेतु एक ‘इलेक्ट्रॉनिक वेरीफिकेशन प्रणाली’ प्रारंभ की गई है।
  • ‘ई-सहयोग’ पायलट परियोजना को आयकर रिटर्न में विषमताओं को दूर करने हेतु एक ऑनलाइन प्रणाली के रूप में प्रारंभ किया गया था।
    न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन-
  • आयकर अधिनियम, 1961 के सरलीकरण हेतु सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर.वी.ईश्वर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है।
  • सरकार ने न्यूनतम वैकल्पिक कर (MAT) पर न्यायमूर्ति ए.पी.शाह समिति की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है।
  • फार्म सं. 15 जी और 15 एच को जमा करने की प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है।
  • आयकर अधिनियम की धारा 145 (2) के तहत आय गणना एवं प्रकटीकरण मानदंड से संबंधित अधिसूचना जारी।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=43745
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=133422