वर्षांत समीक्षा-2015 आर्थिक मामले विभाग, वित्त मंत्रालय

Year End Review: Highlights of the Acheivements of the Department of Economic Affairs, Ministry of Finance

प्रश्न-अप्रैल-अक्टूबर, 2015 के दौरान ‘थोक मूल्य सूचकांक’ (WPI) आधारित मुद्रास्फीति की दर कितनी थी?
(a) -3.5%
(b) 3.5%
(c) 2.5%
(d) 5.3%
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 16 दिसंबर, 2015 को वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग द्वारा ‘वर्षांत समीक्षा-2015’ जारी की गयी।
    मुद्रास्फीति-
  • वित्त वर्ष 2014-15 में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दर 2% थी।
  • अप्रैल-अक्टूबर, 2015 के दौरान थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति -3.5% रही।
  • अक्टूबर, 2015 में थोक मूल्य सूचकांक -3.8% था।
  • थोक मूल्य सूचकांक खाद्यान्न मुद्रास्फीति अक्टूबर, 2015 में 1.7% थी।
  • ईंधन एवं विद्युत मुद्रास्फीति जनवरी, 2015 के -11% की तुलना में अक्टूबर, 2015 में
    -16.3% थी।
  • निर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति दर जनवरी, 2015 के 1% की तुलना में कम होकर -1.7% हो गई।
  • वित्त वर्ष 2014-15 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 5.9% थी।
  • जनवरी, 2015 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति 5.5% से नीचे थी।
  • अप्रैल-अक्टूबर, 2015 के दौरान औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 4.7% था।
  • अक्टूबर, 2015 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 5% रहा।
  • उपभोक्ता खाद्यान्न मूल्य सूचकांक अक्टूबर, 2015 में 5.2% रहा।
  • सितंबर, 2015 में सीपीआई औद्योगिक कर्मी आधारित मुद्रास्फीति 5.1% थी जबकि जनवरी, 2015 में यह 7.2% थी।
  • सीपीआई-कृषि श्रम और सीपीआई-ग्रामीण श्रम आधारित मुद्रास्फीति सितंबर, 2015 में क्रमशः 3.5% एवं 3.7% थी जबकि जनवरी 2015 में ये क्रमशः 6.2% और 6.5% थी।
  • मुद्रास्फीति के नियंत्रण हेतु सरकार द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए गए-
    1. राज्यों को एपीएमसी अधिनियम की सूची से हटाकर फलों एवं सब्जियों की मुक्त आवाजाही के संबंध में राज्यों को परामर्श देना।
    2. सभी दलों (काबुली चना और आर्गेनिक दालों तथा कुछ मात्रा में मसूर की दाल को छोड़कर) के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना।
    3. दालों एवं प्याज का आयात शुल्क शून्य करना।
    4. आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत प्याज, दाल, खाद्य तेल और खाद्य तिलहन के संबंध में स्टॉक की सीमा तय करने के विषय में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अधिकार देना।
    5.विगत दो वर्षों में न्यूनतम समर्थन मूल्य को सबल बनाए रखना।
  • साथ ही वैश्विक तेल के दामों और कमोडिटी मूल्यों में गिरावट ने भी मुद्रास्फीति के नियंत्रण में योगदान दिया।
    मौद्रिक नीति
  • वर्ष 2015 के दौरान नीति (रेपो) दर में 125 आधार अंकों की कटौती की गई।
  • 29 सितंबर, 2015 को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रास्फीति में निरंतर गिरावट और विकास में तेजी हेतु 50 आधार अंक की कटौती कर रेपो दर को 6.75% रखा गया।
  • फरवरी, 2015 में भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के मध्य ‘मौद्रिक नीति संरचना समझौता’ पर हस्ताक्षर किया गया।
  • समझौते का उद्देश्य विकास लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखना है।
  • समझौते के तहत भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दरें निर्धारित करेगा और जनवरी, 2016 तक मुद्रास्फीति 6% से नीचे रखने का प्रयास करेगा।
    बैंकिंग
  • भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा वित्तीय समावेशन में सुधार हेतु ‘पेमेंट बैंक और लघु वित्त बैंक’ की स्थापना को स्वीकृति दी गई है।
  • अगस्त, 2015 में 11 कंपनियों को ‘पेमेंट बैंक’ स्थापित करने हेतु सैद्धांतिक मंजूरी दी गई।
  • सितंबर, 2015 में 10 कंपनियों को ‘लघु वित्त बैंक’ स्थापित करने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी गयी।
  • पेमेंट बैंकों हेतु प्रदत्त इक्विटी पूंजी 100 करोड़ रुपये होगी जिसमें कारोबार प्रारंभ करने के पहले पांच वर्षों के लिए प्रवर्तक का योगदान प्रदत्त इक्विटी पूंजी का न्यूनतम 40% होगा।
  • चालू वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पूंजी की दृष्टि से सुदृढ़ करने हेतु 19940 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है।
  • अगस्त, 2015 में सरकार द्वारा ‘मिशन इन्द्रधनुष’ की घोषणा की गयी।
  • इस मिशन का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कायाकल्प करना और गवर्नेंस दायित्व तथा पूंजी जुटाने संबंधी विषयों समेत उनके प्रदर्शन को प्रभावित करने वाली समस्याओं का निराकरण करना है।
    वित्तीय क्षेत्र
  • 20 हजार करोड़ रुपये के ‘राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष’ (NIIF) की स्थापना की मंजूरी दी गयी है।
  • वैकल्पिक निवेश फंडों (AIF) में विदेशी निवेश को स्वीकृति प्रदान की गयी है।
  • भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अब से ऋण प्रतिभूतियों में एफपीआई निवेश हेतु सीमाएं रुपए के संदर्भ में घोषित/निर्धारित की जाएंगी।
  • 28 सितंबर, 2015 को कमोडिटी वायदा बाजार के नियमों को मजबूत बनाने हेतु ‘वायदा बाजार आयोग’ (FMC) का विलय ‘भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड’ (SEBI) में कर दिया गया।
    कर-मुक्त बांन्ड
  • भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों द्वारा 40 हजार करोड़ रुपये का कर-मुक्त बांन्ड जारी करने की स्वीकृति दी है।
  • ऐसे बांड 10 वर्ष या 15 वर्ष या 20 वर्ष के लिए जारी किए जाते हैं।
  • ऐसे सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम हैं-भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, भारतीय रेल वित्त निगम, आवास तथा शहरी विकास निगम, भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी, विद्युत वित्त निगम लिमिटेड, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लि., राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लि.।
  • 26-28 मई, 2015 को नई दिल्ली में भारत-सऊदी अरब संयुक्त आयोग की 11वीं बैठक आयोजित की गयी।
  • सार्वजनिक निजी साझेदारी को प्रोत्साहन देने हेतु सरकार ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं-
    1. सार्वजनिक निजी साझेदारी वाली परियोजनाओं के मूल्यांकन की व्यवस्था की गयी है।
    2. पीपीपी परियोजनाओं हेतु लाभ अंतर धन पोषण योजना बनाई गई है।
  • अवसंरचना परियोजनाओं (PPP) हेतु वित्त पोषण के लिए पूंजी बाजार से धन उगाही हेतु शहरी निकायों की क्षमताओं की रूपरेखा बनाने के लिए सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ किया है।
  • 15 मई, 2015 और 5 नवंबर, 2015 को ‘वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद’ (FSDC) की दो बैठकें हुईं।
  • भारत सरकार द्वारा पहली बार एफएसबी प्रतिबद्धता के भाग के रूप में एफएसबी समान समूह समीक्षा प्रक्रिया से गुजरने की पेशकश की गयी है।
  • चीन के शंघाई शहर में ब्रिक्स देशों द्वारा ‘न्यू डेवलपमेंट बैंक’ की स्थापना की गई है जिसके पहले अध्यक्ष भारत के के.वी. कामथ हैं।
  • 4 सितंबर, 2015 को ‘ब्रिक्स आकस्मिक आरक्षित व्यवस्था’ (CRR) की गवर्निंग काउंसिल की पहली बैठक में गवर्निंग काउन्सिल प्रक्रिया नियमों तथा स्थायी प्रक्रिया नियमों को मंजूरी दी गई।
  • 19-20 अगस्त, 2015 में सार्क वित्तमंत्रियों एवं वित्तसचिवों की सातवीं बैठक में भारत का नेतृत्व वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने किया।
  • 16 सितंबर, 2015 को भारत सरकार द्वारा विदेशों में अवसंरचना परियोजनाओं हेतु बोली लगाने वाली भारतीय कंपनियों को सहयोग देने के लिए ‘रियायती वित्त पोषण योजना’ को मंजूरी दी गई।
  • 29 जून, 2015 को भारत ने अन्य देशों के साथ बहुपक्षीय बैंक ‘एआईआईबी’ की स्थापना संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर किया।
    15-16 नवंबर, 2015 को तुर्की के अंतालिया में जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ जिसमें भारत का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया।
    स्वर्ण मौद्रीकरण योजना
  • 5 नवंबर, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘स्वर्ण मौद्रीकरण योजना’ का शुभारंभ किया गया।
  • इसका उद्देश्य घरों तथा ट्रस्टों के पास अनुत्पादक रूप से पड़े सोने को एकत्रित कर उत्पादक उपयोग में लगाना है।
  • इस योजना की घोषणा 2015-16 के बजट में की गयी थी।
    सार्वभौमिक स्वर्ण बांड योजना-
  • 5 नवंबर, 2015 को प्रधानमंत्री द्वारा ‘सार्वभौमिक स्वर्ण बांड योजना’ का शुभारंभ किया गया।
  • इस योजना से दीर्घ अवधि में सोने के आयात पर भारत की निर्भरता कम होगी।
  • बजट 2015-16 में इस योजना की घोषणा लोगों को निवेश का नया वित्तीय उपाय उपलब्ध कराने और सोने की मांग घटाने के लिए की गई थी।
    भारतीय स्वर्ण सिक्के का शुभारंभ-
  • 5 नवंबर, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय स्वर्ण सिक्के का शुभारंभ किया।
  • 2015-16 के बजट में देश की टकसाल में बनाए गए राष्ट्रीय स्वर्ण सिक्कों को बढ़ावा देने के लिए इसकी घोषणा की गयी थी।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=133324
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=43696