मणिपुर में नए औषधीय पौधों की खोज

प्रश्न-इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ एश्नोबायोलॉजी की स्थापना किस देश में की गई थी?
(a) यू.एस.ए
(b) ब्रिटेन
(c) फ्रांस
(d) भारत
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
  • मई, 2019 में शोधकर्ताओं ने मणिपुर में नए औषधीय पौधों की खोज की है।
  • ये औषधीय पौधे मणिपुर के जेलियान ग्रोंग (Zeliangrong) जनजातीय समूह से संबद्ध हैं।
  • इस संबंध में एक अध्ययन जर्नल ऑफ एश्नोफार्माफोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।
  • यह अध्ययन अरुणाचल प्रदेश के नॉर्थ ईस्टर्न रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइसेंज एंड टेक्नोलॉजी के शोध दल द्वारा किया गया है।
  • यह अध्ययन इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ एथ्नोबायोलॉजी (ISE) की आचार संहिता के अनुसार समुदाय की सहमति से किया गया है। आई.एस.ई. की स्थापना यू.एस.ए में की गई थी।
  • जेलियान ग्रोंग जनजातीय समूह मणिपुर की 32 जनजातियों में से एक है, जो मूल रूप से प्रदेश के तामेंगलोंग जिले में पाई जाती है।
  • शोधकर्ताओं की टीम ने इन जातियों से संबद्ध 27 चर्चित चिकित्सकों (Healers) का साक्षात्कार लिया एवं औषधीय पौधों से संबंद्ध विवरण को एकत्रित किया।
  • इसके बाद पौधों के नमूनों को एकत्रित करने के लिए विशेष सर्वेक्षण किया गया ताकि इनकी पहचान एवं दस्तावेजीकरण (Documentation) किया जा सके।
  • टीम ने इस प्रकार 59 प्रकार के रोगों के निदान में प्रयुक्त किए जाने वाले 145 औषधीय पौधों का दस्तावेजीकरण किया।
  • शोधकर्ताओं को इस बात का भी पता चला कि जनजातीय समूह द्वारा एक प्रकार के रोग हेतु 40 से भी अधिक किस्मों के औषधीय पौधों का प्रयोग किया गया है।
  • अधिकांश मामलों में पाया गया है कि ये देशी चिकित्सक अपनी स्वनिर्मित दवाइयों में पौधों की पत्तियों को प्राथमिक अवयव के रूप में प्रयुक्त करते हैं।
  • शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के परिणामस्वरूप गाइनुरा-कुसिम्बुआ, स्कैनडेंस, मुसेंदा ग्लाबरा और स्कीमा वलीचि जैसे पौधों की पहचान की है। इन पौधों के उपयोग के बारे में पहली बार जानकारी प्राप्त हुई है।

लेखक-राजेश कुमार त्रिपाठी

संबंधित लिंक भी देखें…

https://vigyanprasar.gov.in/isw/New-medicinal-plants-found-in-Manipur.html