प्रश्न-हाल ही में कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित पैनल द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. को महारत्न का दर्जा देने का निर्णय लिया गया। इसके बाद महारत्न कंपनियों की कुल कितनी संख्या हो गई?
(a) 7
(b) 9
(c) 8
(d) 6
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
- 8 सितंबर, 2017 को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित पैनल द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (BPCL) को महारत्न का दर्जा देने का निर्णय लिया गया।
- इस आशय की घोषणा जल्द ही केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम विभाग द्वारा की जाएगी।
- इसके बाद महारत्न कंपनियों की कुल संख्या 8 हो जाएगी।
- वर्तमान में केंद्र सरकार ने सात केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को महारत्न का दर्जा दिया है, जो इस प्रकार हैं-
(1) भारत हैवी इलेक्ट्रीकल्स लि. (BHEL)।
(2) कोल इंडिया लि. (GIL)।
(3) गेल इंडिया लि. (GIL)
(4) इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लि. (IOCL)।
(5) एनटीपीसी लि. (NTPC Ltd)
(6) तेल और प्राकृतिक गैस लि. (ONGC Ltd)
(7) भारतीय इस्पात प्राधिकरण लि. (SAIL) - ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार ने फरवरी, 2010 में ‘महारत्न योजना’ की शुरूआत की थी।
- जिसका उद्देश्य बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों (CPSE) को अपने कारोबार का विस्तार करने तथा विश्व की बड़ी कंपनी के रूप में उभरने में समर्थ बनाना है।
- ‘महारत्न’ केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम एक परियोजना में पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश कर सकते हैं।
- निम्न मापदंडों को पूरा करने वाली सीपीएसई को ‘महारत्न’ का दर्जा देने पर विचार किया जाता है-
(a) ‘नवरत्न’ का दर्जा प्राप्त होना चाहिए।
(b) सेबी के नियामकों के तहत न्यूनतम निर्धारित सार्वजनिक हिस्सेदारी के भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना चाहिए।
(c) पिछले तीन वर्षों के दौरान औसत सलाना कारोबार 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होना चाहिए।
(d) पिछले तीन वर्षों के दौरान औसत सलाना शुद्ध संपत्ति 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होना चाहिए।
(e) कर अदायगी के बाद पिछले तीन वर्षों के दौरान औसत सलाना शुद्ध लाभ 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होने चाहिए।
(f) वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण उपस्थिति/अंतरराष्ट्रीय परिचालन होना चाहिए। - केंद्र सरकार ने तुलनात्मक दृष्टि से लाभकारी स्थिति वाले केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की पहचान कर उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशाल उद्यमों के रूप में उभरने में सहायता प्रदान करने हेतु वर्ष 1997 में ‘नवरत्न’ योजना की शुरूआत की थी।
- किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम को नवरत्न का दर्जा प्रदान करने के लिए प्रमुख शर्तें हैं-
(i) कंपनी को अनुसूची-(a) तथा मिनीरत्न श्रेणी 1 का दर्जा प्राप्त हो।
(ii) पिछले 5 वर्षों के दौरान कंपनी को न्यूनतम 3 उत्कृष्ट (Excellent) या बहुत अच्छा (Very Good) समझौता-ज्ञापन रेटिंग प्राप्त हुई हो।
(iii) पिछले 3 वर्षों के दौरान निम्नलिखित 6 दक्षता मानकों पर अपने प्रदर्शन के आधार पर कंपनी को कुल 100 अंकों में से 60 या उससे अधिक का कंपोजिट स्कोर प्राप्त हुआ हो-
(a) शुद्ध मूल्य पर शुद्ध लाभ।
(b) उत्पादन या सेवा लागत पर मानव श्रम लागत।
(c) नियोजित पूंजी पर सकल मार्जिन।
(d) टर्नओवर पर सकल लाभ।
(c) प्रति शेयर आय।
(f) शुद्ध मूल्य पर शुद्ध लाभ पर आधारित अंतर-क्षेत्रीय तुलना। - वर्तमान में केंद्र सरकार ने कुल 17 सीपीएसई को ‘नवरत्न’ का दर्जा दिया है, जो इस प्रकार है-
(1) भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लि. (BEL)।
(2) भारतीय कंटेनर निगम लि. (CONCOR: Container Corporation of india Ltd.)
(3) हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. (HAL)।
(4) महानगर टेलीफोन निगम लि. (MTNL)
(5) नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लि. (NBCCL)।
(6) नेयवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन लि.।
(7) पॉवर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लि.।
(8) राष्ट्रीय इस्पात निगम लि.।
(9) भारतीय जहाजरानी निगम लि.।
(10) भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि.।
(11) इंजीनियर्स इंडिया लि.
(12) हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि.।
(13) नेशनल एल्यूमीनियम कंपनी लि.।
(14) एनएमडीसी लि.।
(15) ऑयल इंडिया लि.।
(16) पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि.।
(17) भारतीय ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लि.।
संबंधित लिंक
http://www.financialexpress.com/industry/bharat-petroleum-set-to-get-maharatna-status/846141/
http://pib.nic.in/newsite/hindifeature.aspx?relid=22309
http://dpe.gov.in/about-us/management-division/maharatna-navratna-miniratna-cpse
http://www.ssgcp.com/%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A4%82%E0%A4%AA%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%A8%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A4%BE/