पैराडाइज पेपर्स मामला

paradise papers

प्रश्न-निम्नलिखित पेपर्स लीक मामलों को घटते हुए कालक्रम के अनुसार व्यवस्थित करें-
(i) आफशोर लीक्स
(ii) विकीलीक्स केबलगेट
(iii) पैराडाइज पेपर्स
(iv) पनामा पेपर्स

(a) iv, iii, i, ii
(b) iii, iv, ii, i
(c) iv, iii, i, ii
(d) iii, iv, i, ii
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 5 नवबंर, 2017 को जर्मन अखबार ज्यूड डॉयचे त्साइटुंग (Suddeutsche Zeitung) द्वारा प्राप्त किए गए ‘पैराडाइज पेपर्स’ (Paradise Papers) आंकड़े इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ : International Consortium of Investigative Journalists) ने सार्वजनिक किए।
  • अमेरिका स्थित आईसीआईजे के साथ 95 अन्य मीडिया पार्टनरों ने ‘पैराडाइज पेपर्स’ को सार्वजनिक किया।
  • पैराडाइज पेपर्स में कुल 180 देशों के नाम हैं जिनमें भारत का स्थान 19वां है।
  • इस पेपर्स में कुल 714 भारतीयों के नाम हैं जिनमें बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन, संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त (दिलनशीं संजय दत्त), केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा, बीजेपी सांसद आर.के. सिन्हा, कांग्रेस सांसद वीरप्पा मोईली, पी. चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम आदि शामिल हैं।
  • भारत में 6 नवंबर, 2017 को वित्तमंत्री अरूण जेटली ने इसकी जांच हेतु आदेश दिए।
  • इस वित्तीय दस्तावेज में कर बचाने हेतु ‘टैक्स हेवन’ देशों में निवेश से संबंधित फाइलें सार्वजनिक हुई हैं जो ऑफशोर लॉ फर्म से जुड़ी हैं। तकनीकी भाषा में इस तरह के निवेश को ‘आफशोर फिनांस’ (Offshore Finance) कहा जाता है।
  • माना जा रहा है कि पैराडाइज पेपर्स में लगभग 1.34 करोड़ दस्तावेज सार्वजनिक किए गए हैं।
  • यह दस्तावेज दो वित्तीय कंपनियों से जुड़े हैं-बरमुडा की ‘एप्पलबी’ (Appleby) तथा सिंगापुर की ‘एशियासिटी’ (Asiaciti)।
  • लीक पेपर्स के माध्यम से ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ-II के लगभग 1 करोड़ पाउंड विदेशी निवेश का खुलासा हुआ है। उन्होंने वर्ष-2004 तथा वर्ष-2005 में आफशोर में निवेश किया था।
  • डोनाल्ड ट्रंप के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस द्वारा रूस की जहाजरानी कंपनी में निवेश का भी खुलासा इस पेपर्स के माध्यम से हुआ। इससे फिर से डोनाल्ड ट्रंप की सरकार तथा रूस के मध्य संबंधों को लेकर प्रश्न चिह्न लगाए जाएंगे।
  • इस डिजिटल दस्तावेज को विश्व के कुल 96 मीडिया संस्थानों ने सार्वजनिक किया।
  • ध्यातव्य है कि वर्ष-2016 में पनामा पेपर्स भी आईसीआईजे द्वारा सार्वजनिक किए गए थे जिसे जर्मन अखबार ‘ज्यूड डॉयचे त्साइटुंग’ ने प्राप्त किए थे।
  • यह पेपर्स सिर्फ वित्तीय मामलों पर आधारित था।
  • इसी तरह बहमास लीक्स (वर्ष-2016), स्विस लीक (वर्ष-2015), लक्जमबर्ग लीक्स (वर्ष-2014), ऑफशोर लीक्स (वर्ष-2013) तथा विकीलीक्स केबलगेट (वर्ष-2010) से जुड़े दस्तावेज भी सभी देशों में सार्वजनिक किए गए थे।
    क्या है ऑफशोर फाइनेंस
  • ऐसा स्थान जो किसी व्यक्ति के अपने देश के कानूनी क्षेत्र से बाहर है वहां किसी व्यक्ति या कंपनी को धन निवेश के लिए दिया जाता है जिससे कम कर देकर अधिक लाभ कमाया जा सके।
  • सामान्यतः ऐसे स्थानों को ‘टैक्स हेवन’ कहते हैं। इंडस्ट्री की भाषा में इन्हें ऑफशोर फाइनेंशियल सेंटर्स (OFC) कहा जाता है।
  • ऐसा जरूरी नहीं कि निवेशक अपना काला धन ही इन सेटरों पर निवेश करता है बल्कि वह कम कर अदायगी का लाभ उठाने के लिए भी इन सेंटरों में निवेश करता है।
    क्या है आईसीआईजे
  • इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ: International Consortium of Investigative Journalists) की स्थापना वर्ष-1997 में अमेरिकन जर्नलिस्ट चक लेविस (Chuck Lewis) द्वारा की गई थी।
  • यह 70 देशों में फैला एक वैश्विक नेटवर्क है जिसमें 200 से ज्यादा जर्नलिस्ट जुड़े हुए हैं।
  • भारत का दैनिक अखबार द इंडियन एक्सप्रेस (The Indian Express) आईसीआईजे का सदस्य है जिसने भारत से जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच की है।
  • यह संघ प्राप्त सूचनाओं की जांच करता है तथा सही पाने पर उसे सार्वजनिक करता है।
  • इसका मुख्यालय अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में है।

संबंधित लिंक
http://indianexpress.com/article/india/manyata-sanjay-dutt-venkata-narasa-reddy-ravish-bhadana-alpana-kumari-anjna-kumari-archna-kumari-paradise-papers-pavitar-singh-uppal-amitabh-bachachan-4924303/
https://www.icij.org/blog/2017/475/icij-releases-paradise-papers/
https://www.icij.org/investigations/paradise-papers/
http://www.bbc.com/news/business-41877932
http://www.bbc.com/news/uk-41876942
https://www.icij.org/about/