प्रश्न-हाल ही में किस राज्य के पारंपरिक वायु संगीत वाद्ययंत्र नरसिंहपेट्टई नागस्वरम को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग प्राप्त हुआ है?
(a) केरल
(b) आंध्र प्रदेश
(c) तमिलनाडु
(d) कर्नाटक
उत्तर—(c)
संबंधित तथ्य
- तमिलनाडु के पारंपरिक वायु संगीत वाद्य यंत्र नरसिंहपेट्टई नागस्वरम (कुंभकोणम के पास एक गांव में कारीगरों द्वारा निर्मित) को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग प्राप्त हुआ है।
- तंजावुर म्युजिकल इंस्ट्रमेंट्स वर्कर्स को-ऑपरेटिव कॉटेज इंडस्ट्रियल सोसाइटी लिमिटेड की ओर से टैग हेतु आवेदन दायर किया गया था।
- जीआई रजिस्ट्री ने 21 जनवरी‚ 2022 को पंजीकरण प्रमाण-पत्र संख्या 420 जारी किया है।
- मूल रूप से आवेदन 31 जनवरी‚ 2014 को दायर किया गया था।
- नरसिंगनपेट्टई गांव के कारीगर‚ जिनको अपने पूर्वजों से इन लकड़ी के उपकरणों को बनाने का कौशल विरासत में मिला है‚ वह विशेष प्रसंस्करण कौशल के माध्यम से इन्हें बना रहें हैं।
- मौजदूा समय में कलाकारों द्वारा उपयोग किए जा रहे नागस्वरम को परी नागस्वरम कहा जाता है‚ जो थिमिरी से लंबा है।
- नरसिंहपेट्टई नागस्वरम का एक बड़ा हिस्सा पारंपरिक लकड़ी आचा (हार्डविकिया बिनाटा) से बनाया गया है।
- इस वाद्य यंत्र को मंदिरों के उत्सवों और शादियों जैसे समारोहों में व्यापक रूप से बजाया जाता है।
लेखक-विजय प्रताप सिंह
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