प्रश्न-19 मार्च, 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किसे देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया?
(a) न्यायमूर्ति दिलीप.बी. भोसले
(b) न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती
(c) न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष
(d) न्यायमूर्ति एच.एल.दत्तू
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
- 19 मार्च, 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया।
- वर्तमान में वह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (HNRC) के सदस्य हैं।
- इसके साथ ही राष्ट्रपति ने लोकपाल के न्यायिक एवं गैर-न्यायिक सदस्यों को भी नियुक्त किया।
- हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली लोकपाल चयन समिति इन नियुक्तियों की सिफारिश की थी।
- लोकपाल चयन समिति में प्रधानमंत्री के अलावा, देश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, ‘लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और प्रसिद्ध कानूनविद् एवं पूर्व महान्यायवादी मुकुल रोहतगी शामिल थे।
- उल्लेखनीय है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता (या सबसे बड़ी पार्टी के नेता) मल्लिकार्जुन खड़गे), जो समिति का हिस्सा हैं, वह ‘विशेष आमंत्रित’ सदस्य के रूप में आमंत्रित किए जाने के बाद लोकपाल चयन समिति की बैठक में शामिल नहीं हुए।
- गौरतलब है कि लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम, जिसे वर्ष 2013 में एक देशव्यापी भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के बाद पारित किया गया था।
- जिसमें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों सहित शीर्ष अधिकारियों और लोकसेवकों के विरूद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच के लिए केंद्र में लोकपाल राज्यों में लोकायुक्तों की स्थापना का प्रावधान है।
- न्यायमूर्ति दिलीप बी. भोसले, न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती, न्यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी तथा न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी इस निकाय के न्यायिक सदस्य नियुक्त हुए।
- जबकि अर्चना रामसुंदरम, दिनेश कुमार जैन, महेंद्र सिंह, डॉ. इंद्रजीत प्रसाद गौतम को इस निकाय का गैर-न्यायिक सदस्य नियुक्त किया गया है।
- लोकपाल सहित सभी सदस्यों का कार्यकाल पदभार ग्रहण की तिथि से 5 वर्ष होगा।
लेखक-विवेक कुमार त्रिपाठी
संबंधित लिंक भी देखें…
https://www.thehindu.com/news/national/what-are-the-powers-and-duties-of-lokpal/article26619763.ece