तमिलनाडु में जल्लिकटटू तथा महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़ प्रारंभ करने के संदर्भ में केंद्र की अधिसूचना

Jallikattu or bullock cart races

प्रश्न-केंद्र सरकार ने निम्नलिखित में से किन पारंपरिक खेल/खेलों को पुनः प्रारंभ करने के लिए जनवरी, 2016 में अधिसूचना जारी की?
(1) जल्लिकटटू
(2) घोड़ा गाड़ी दौड़
(3) बैलगाड़ी दौड़
(4) हाथी गाड़ी दौड़
(a) 1 और 2 (b) 2 और 3
(c) 1 और 3 (d) उपरोक्त सभी
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • तमिलनाडु में पोंगल त्योहार के अवसर पर मनाया जाने वाला पारंपरिक खेल जल्लिकट्टू तथा महाराष्ट्र में मनाया जाने वाला पारंपरिक खेल बैलगाड़ी दौड़ को पुनःप्रारंभ करने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 7 जनवरी, 2016 को अधिसूचना जारी की थी।
  • ज्ञातव्य है कि केंद्रीय सरकार के पर्यावरण और वन मंत्रालय ने पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 22 के तहत 11 जुलाई, 2011 को एक अधिसूचना जारी करके निम्नलिखित पशुओं को तमाशा दिखाने वाले पशुओं के रूप में प्रदर्शित करने पर प्रतिबंध लगाया था।
  • इन पशुओं में भालू, बंदर, बाघ, तेंदुआ, शेर तथा सांड शामिल हैं।
  • तब से लेकर इन राज्यों में पारंपरिक खेल कराने के लिए, जिसमें जल्लिकट्टू तथा बैलगाड़ी दौड़ शामिल है, राज्यों में दबाव बन रहा था।
  • जल्लिकट्टू में सांड को दौड़ाया जाता है। जिसमें पशुओं के साथ क्रूर व्यवहार भी होता रहा है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कुछ शर्तों के अधीन इन खेलों का आयोजन कराने की अनुमति दी।
  • परंपरा या संस्कृति के भाग के रूप में ही, तमिलनाडु में जल्लिकट्टू और महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, हरियाणा, केरल गुजरात में बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन किया जायेगा। किसी व्यावसायिक उद्देश्य से नहीं।
  • ऐसा कार्यक्रम या आयोजन जिलाधिकारी द्वारा अनुज्ञात स्थान पर ही किया जायेगा।
  • बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन उचित मार्ग पर होगा जिसकी दूरी 2 कि.मी. से अधिक नहीं होगी।
  • जल्लिकट्टू के मामले में जैसे ही सांड अपना बाड़ा छोड़ेगा, उसे 15 मीटर के भीतर काबू किया जायेगा।
  • पशुपालन और पशुचिकित्सा विभाग के प्राधिकारियों द्वारा यह सुनिश्चित कर देने के बाद कि सांड स्वस्थ शारीरिक दशा में है, तभी उसका खेलों में प्रदर्शन किया जायेगा।
  • सांड के बेहतर प्रदर्शन के लिए उसे कोई औषधि नहीं दी जायेगी।
  • जल्लिकट्टू तथा बैलगाड़ी दौड़ का आयोजन जिले में संबंधित जिलाधिकारी की पूर्व अनुमति से किया जायेगा।
  • इस खेल के आयोजन में पशुओं को किसी प्रकार की पीड़ा न पहुंचाई जाय इसके लिए राज्य पशुकल्याण बोर्ड तथा क्रूरता निवारण संबंधी जिला सोसाइटी सम्यक रूप से इसका मानीटर करेगी।
  • उल्लेखनीय है कि 12 जनवरी, 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की इस अधिसूचना पर पुनः रोक लगा दी है।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://www.thehindu.com/multimedia/archive/02688/Notification_allow_2688414a.pdf
http://www.thehindu.com/news/national/no-jallikattu-in-tamil-nadu-this-year/article8097633.ece