केन्द्रीय बजटः 2015-16

प्रश्न- 28 फरवरी, 2015 को प्रस्तुत केंद्रीय आम बजट 2015-16 से संबंधित कथनों पर विचार कीजिए-
(i) वित्त वर्ष 2015-16 में बजट का कुल आकार 17.77 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
(ii) केन्द्र के एक रुपये में व्यय की सर्वप्रमुख मद ‘व्याज अदायगी’ है।
(iii) केन्द्र सरकार के एक रुपये की प्राप्ति में सर्वाधिक योगदान उधार एवं देनदारियों का है।
(iv) इस वित्त वर्ष में 5 एम्स, 2 आइआईएम और 3 आइआईटी की स्थापना का प्रस्ताव है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से कथन सही है/हैं-

(a) केवल (i) व (iv)
(b) केवल (i) व (ii)
(c) केवल (i) व (iii)
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 28 फरवरी, 2015 को केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने वर्ष 2015-16 के लिए वर्तमान केंद्र सरकार का पहला पूरा बजट संसद में प्रस्तुत किया।
  • ध्यातव्य है कि 10 जुलाई, 2014 को उनके द्वारा प्रस्तुत पहला बजट मात्र 9 माह के लिए ही था।
  • वित्त वर्ष 2015-16 के इस आम बजट के महत्त्वपूर्ण बिन्दु इस प्रकार हैं-
    बजट अनुमानः व्यय
  • वित्त वर्ष 2015-16 के इस बजट का कुल आकार अर्थात कुल व्यय 17,77,477 करोड़ रुपये अनुमानित है।
  • यह वर्ष 2014-15 के बजट अनुमान (17,94,892 करोड़ रुपये) से कम और संशोधित अनुमान (16,81,158 करोड़ रुपये) से अधिक है।
  • वित्त वर्ष 2015-16 के कुल व्यय में आयोजना व्यय 4,65,277 करोड़ रुपये और गैर-आयोजना व्यय 13,12,200 करोड़ रुपये अनुमानित है।
  • सरकार के एक रुपये में व्यय की प्रमुख मदें इस प्रकार हैं-
    1. करों एवं शुल्कों में राज्य का हिस्सा-23 पैसे
    2. ब्याज भुगतान – 20 पैसे
    3. रक्षा व्यय – 11 पैसे
    4. केंद्रीय योजना पर व्यय – 11 पैसे
    5. अन्य गैर-आयोजना व्यय – 11 पैसे
    6. अनुदान पर व्यय – 10 पैसे
    7. राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को – 9 पैसे
    योजना सहायता
    8. राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेशों – 5 पैसे
    को गैर योजना सहायता
  • केंद्र सरकार द्वारा प्रदत्त कुल सब्सिडी 2,43,811 करोड़ रुपये अनुमानित है। इस सब्सिडी में सर्वाधिक भाग वाली मदें इस प्रकार हैं-
    1. खाद्य सब्सिडी – 1,24,419 करोड़ रुपये
    2. उर्वरक सब्सिडी – 72,968.56 करोड़ रुपये
    3. पेट्रोलियम सब्सिडी – 30,000 करोड़ रुपये
  • केंद्रीय योजना पर कुल व्यय 5,78,382 करोड़ रुपये अनुमानित है।
  • केंद्रीय योजना में सर्वाधिक व्यय वाली प्रमुख मदें हैं-
    1. परिवहन (33.34%), 2. ऊर्जा (28.93%) और 3. सामाजिक सेवाएं (14.00%)
    प्रमुख प्राप्तियां
  • केन्द्र सरकार की प्राप्तियों का मुख्य स्रोत कर प्रस्ताव है।
  • केन्द्र सरकार की एक रुपए की प्राप्ति में विभिन्न हिस्सों का योगदान इस प्रकार है-
    1. उधार एवं देनदारियां – 24 पैसे
    2. निगम कर – 20 पैसे
    3. आय कर – 14 पैसे
    4. केंद्रीय उत्पाद शुल्क – 10 पैसे
    5. गैर-कर राजस्व – 10 पैसे
    6. सीमा शुल्क – 9 पैसे
    7. सेवाकर व अन्य कर – 9 पैसे
    8. गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियां – 4 पैसे।
    घाटे की प्रवृत्तियां
  • राजकोषीय घाटा – 5,55,649 करोड़ रुपए (जीडीपी का 3.9%)
  • राजस्व घाटा – 3,94,472 करोड़ रुपए (जीडीपी का 2.8%)
  • प्रभावी राजस्व घाटा – 2,83,921 करोड़ रुपए (जीडीपी का 2.0%)
  • प्राथमिक घाटा – 99,504 करोड़ रुपए (जीडीपी का 0.7%)
  • ध्यातव्य है कि राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.0% के बराबर लाने के लिए पहले दो वर्ष की अवधि निर्धारित थी। अब इसे दो वर्ष के बजाय तीन वर्ष में पूरा किया जाएगा। इस प्रकार अगले तीन वर्षों के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य इस प्रकार हैं-
    2015-16 के लिए 3.9%, 2016-17 के लिए 3.5% और 2017-18 के लिए 3.0।
  • अर्थात अब राजकोषीय घाटे को वर्ष 2017-18 तक जीडीपी के प्रतिशत के रूप में 3.0% तक लाने का प्रस्ताव है।
  • उल्लेखनीय है कि 2014-15 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.1% पर नियंत्रित रखा गया था।
    कर प्रस्ताव
  • अगले चार वर्षों में निगम कर (Corporate Tax) की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है।
  • सामान्य अपवंचन निवारक नियमावली (गार) को अगले दो वर्ष तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।
  • तकनीकी सेवाओं के लिए रायल्टी और शुल्क पर आयकर की दर 25% से घटाकर 10% करने का प्रस्ताव है।
  • वस्तु एवं सेवा कर के संबंध में किए गए सुधारों के भाग के रूप में शिक्षा उपकर और माध्यमिक एवं उच्चतर शिक्षा उपकर को केंद्रीय उत्पाद शुल्क में शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है।
  • प्रभावी रूप से, उपकरों सहित केंद्रीय उत्पाद शुल्क की 12.36% की सामान्य दर को 12.5% के समतुल्य किया जा रहा है।
  • 12% से कम उत्पाद शुल्क की यथामूल्य दरों और कुछ अपवादों के साथ 12% से उच्चतर दरों में कोई वृद्धि नहीं की जा रही है।
  • घरेलू चमड़ा फुटवियर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए चमड़े से बने ऊपरी भाग वाले फुटवियरों और जिनका खुदरा मूल्य 1000 रुपये प्रति जोड़ी से अधिक है, पर उत्पाद-शुल्क घटाकर 6% किया जा रहा है।
  • शिक्षा उपकर सहित सेवा कर की 12.36 प्रतिशत की वर्तमान दर में वृद्धि करके 14% करने का प्रस्ताव है।
  • शिक्षा उपकर रहित केवल सेवा कर की दर वर्तमान (2014-15) में 12% है।
  • सेवा कर के अंतर्गत नकारात्मक सूची थोड़ी-सी छोटी की जा रही है और कराधार बढ़ाने के लिए कतिपय अन्य छूटों को वापस लिया जा रहा है।
  • ‘स्वच्छ भारत कोष’और‘स्वच्छ गंगा निधि’में दिए जाने वाले अंशदानों के लिए 100% कर कटौती का प्रस्ताव है अर्थात इनमें दिए जाने वाले अंशदान कर-मुक्त होंगे।
  • स्वच्छ पर्यावरण कार्यक्रमों के वित्त पोषण के लिए कोयला आदि के प्रति मीट्रिक टन पर‘स्वच्छ ऊर्जा उपकर’100 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये करने का प्रस्ताव है।
  • औद्योगिक प्रयोग को छोड़कर एथिलीन के पॉलीमरों के बोरों और बस्तों पर उत्पाद शुल्क 12% से बढ़ाकर 15% किया जा रहा है।
  • यदि जरूरत हुई तो सभी या कतिपय सेवाओं पर 2% अथवा इससे कम दर पर ‘स्वच्छ भारत उपकर’ लगाने के लिए समर्थकारी प्रावधान करने का भी प्रस्ताव किया गया।
  • इस उपकर से सृजित संसाधनों का उपयोग‘स्वच्छ भारत’अभियान के वित्तपोषण और संवर्द्धन कार्यक्रमों के लिए किया जाएगा।
  • सड़क और अन्य अवसंरचना में निवेश का वित्त पोषण करने के लिए 4 रुपये प्रति लीटर की सीमा तक लगने वाले विद्यमान उत्पाद-शुल्क को ‘सड़क उपकर’ में परिवर्तित करने का प्रस्ताव है। इस तरह इन सेक्टरों के लिए इस उपाय के जरिए 40,000 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
  • आय कर अधिनियम की धारा 2(15) के तहत धर्मार्थ प्रयोजन के दायरे में योग को शामिल करने का प्रस्ताव है।
  • वित्त वर्ष 2015-16 में अर्जित आय (निर्धारण वर्ष-2016-17 में निर्धारणीय) के संबंध में व्यक्तिगत आय कर की दर में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
  • साथ ही विदेशी कंपनियों के लिए कर की दर में कोई परिवर्तन नहीं होगा।
  • सभी कर दाताओं के लिए सर्वव्यापीकृत गुणवता आधारित शिक्षा उपलब्ध कराने और इसके लिए वित्त पोषण प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता की पूर्ति के लिए 2% की दर से आय पर ‘शिक्षा उपकर’ और कर एवं प्रभार पर ‘माध्यमिक और उच्चतर शिक्षा उपकर’ नामक 1% का अतिरिक्त प्रभार वित्त वर्ष 2015-16 के लिए जारी रखने का प्रस्ताव है।
  • वित्तमंत्री के प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों से 8,315 करोड़ रुपये की राजस्व हानि होगी जबकि अप्रत्यक्ष करों में प्रस्तावों से 23,383 करोड़ रुपये की प्राप्ति हो सकती है। अतः सभी कर प्रस्तावों के निवल प्रभाव से 15,608 करोड़ रुपये राजस्व अभिलाभ होगा।
    आम बजट की मुख्य विशेषताएं
  • नई शृंखला (2011-12) में 7.4% की वास्तविक जीडीपी वृद्धि के साथ अब (2014-15 में) भारत विश्व के सबसे बड़े और तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था वाले देश के रूप में उभरा है।
  • वर्ष 2014-15 में भारत का पूंजी बाजार विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले देशों में दूसरा सबसे अच्छा निष्पादन करने वाला बाजार रहा।
  • आम बजट में वित्त मंत्री ने वर्ष 2014-15 में केंद्र सरकार की निम्नलिखित तीन उपलब्धियों का उल्लेख किया है-
    1. प्रधानमंत्री जन-धन योजना की सफलता (वित्तीय समावेशन की इस योजना के अंतर्गत 100 दिनों के भीतर 12.5 करोड़ से अधिक परिवारों को वित्तीय मुख्यधारा में शामिल किया जाना)।
    2. राज्यों को अतिरिक्त संसाधनों के अंतरण के लिए कोल ब्लाकों का पारदर्शी आबंटन
    3. ‘स्वच्छ भारत’ अभियान।
  • आर्थिक परिस्थितियों को अत्यधिक बेहतर बनाने के लिए दो सुधार कार्यक्रमों को प्रारंभ किया है। ये हैं-
  • वस्तु एवं सेवाकर (जीएसजी) और 2. प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के लिए (आर्थिक समीक्षा-2014-15 में उल्लिखित) ‘जाम’ (JAM) अर्थात् जनधन, आधार और मोबाइल-नामक त्रिसूत्री योजना।
  • 1 अप्रैल, 2016 तक ‘वस्तु एवं सेवा कर’ की अत्याधुनिक अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू की जाएगी।
  • वर्तमान वर्ष की समाप्ति पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति लगभग 5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
  • नई शृंखला के आधार पर, 2014-15 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की अनुमानित वृद्धि दर 7.4% है।
  • वर्ष 2015-16 में जीडीपी की वृद्धि दर 8 से 8.5% के बीच रहने की उम्मीद व्यक्त की गई है। उल्लेखनीय है कि आर्थिक समीक्षाः 2014-15 में वर्ष 2015-16 के लिए जीडीपी की वृद्धि दर 8.1 से 8.5% रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
  • वर्ष 2022 में भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘अमृत महोत्सव’ का आयोजन किया जाएगा।
  • इस महोत्सव के आयोजन तक 13 लक्ष्यों को पाने के लिए केंद्र सरकार के मार्गदर्शन और राज्य सरकारों के नेतृत्व में ‘टीम इंडिया’ के गठन किए जाने का उल्लेख है। इस ‘टीम इंडिया’ के विजन में उपर्युक्त 13 लक्ष्यों को समाहित किया गया है।
  • प्रधानमंत्री द्वारा उल्लिखित‘टीम इंडिया’के विजन में निम्नलिखित शामिल होंगे-
    (i) 2022 तक ‘सबके लिए घर’ शहरी क्षेत्रों में 2 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में 4 करोड़ घर।
    (ii) 24 घंटे बिजली, स्वच्छ पेयजल, शौचालय और सड़क कनेक्टविटी से जुड़ाव की आधारभूत सुविधा।
    (iii) आजीविका के लिए प्रत्येक परिवार के कम-से-कम एक सदस्य को रोजगार।
    (iv) गरीबी उन्मूलन।
    (v) 2020 तक ऑफ ग्रिड सौर ऊर्जा सहित 20,000 शेष गांवों का विद्युतीकरण।
    (vi) प्रत्येक गांव और शहर में चिकित्सीय सेवा मुहैया कराना।
    (vii) सड़क मार्ग से न जुड़ी 1,78,000 बस्तियों में से प्रत्येक को बारहमासी सड़कों से जोड़ना।
    (viii) प्रत्येक बच्चे के 5 किमी. की पहुंच के दायरे में एक उच्च माध्यमिक स्कूल सुनिश्चित करना और इसके साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षण परिणामों में वृद्धि करना।
    (ix) ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ीकरण-सिंचित क्षेत्र में वृद्धि, मौजूदा सिंचन प्रणाली की दक्षता बढ़ाना और कृषि उत्पादों के लिए मूल्य वर्धित तथा यथोचित कीमत तय करना।
    (x) सभी गांवों में संचार व्यवस्था सुनिश्चित करना।
    (xi) ‘‘मेक इन इंडिया’’ और ‘‘स्किल इंडिया’’ जैसे कार्यक्रमों से भारत को विश्व विनिर्माण (Manufacturing) केन्द्र के रूप में परिवर्तित करना।
    (xii) रोजगार सृजन के लिए युवाओं में उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहित करना और बढ़ावा देना।
    (xiii) पूर्व और पूर्वोत्तर क्षेत्रों का विकास देश के अन्य भागों की तरह करना।
  • वर्ष 2015-16 के बजट में पांच चुनौतियों की चर्चा की गई है। ये हैं- 1. कृषि आय का दबावग्रस्त होना, 2. अवसंरचना में निवेश बढ़ाना, 3. विनिर्माण में गिरावट, 4. राज्यों के लिए अतिरिक्त अंतरणों के मद्देनजर संसाधनों में तनाव, और 5. राजकोषीय अनुशासन बनाए रखना।
    कृषि
  • कृषि उत्पादन हेतु दो महत्त्वपूर्ण निर्णायक कारकों-मृदा एवं जल-हेतु महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।
  • परम्परागत कृषि विकास योजना को पूरी तरह से सहायता प्रदान की जाएगी।
  • प्रति बूंद अधिक फसल प्राप्त करने हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना बनायी गई है।
  • सतत आधार पर मृदा उर्वरता में सुधार लाने के लिए महत्त्वाकांक्षी मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्कीम शुरू की गई है।
  • लघु सिंचाई, जल संभर विकास और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के सहायतार्थ 5,300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
  • 2014-16 के दौरान 8.5 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण का लक्ष्य रखा गया है।
  • 2015-16 में नाबार्ड में स्थापित ग्रामीण अवसंरचना विकास कोष की निधियों में 25,000 करोड़ रुपये, दीर्घावधिक ग्रामीण ऋण कोष में 15,000 करोड़ रुपये और अल्पावधिक सहकारी ग्रामीण ऋण पुनर्वित निधि हेतु 45,000 करोड़ रुपए आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है।
  • साथ ही अल्पावधिक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आर.आइ.बी) पुनर्वित निधि के लिए 15,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
  • मनरेगा (MGNREGA) कार्यक्रम के लिए 34,699 करोड़ रुपये का आरंभिक आवंटन किया गया है।
    वित्तरहित का वित्त पोषण
  • 20,000 करोड़ की निधि और 3,000 करोड़ की गारंटी निधि से सूक्ष्म यूनिट विकास पुनवित्त एजेंसी-मुद्रा (Micro Unites Development Refinance Agency-Mudra) बैंक सृजित करने प्रस्ताव है।
  • मुद्रा बैंक प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के जरिए संचालित योजनाओं का पुनर्वित्तपोषण करेगा।
  • इसके द्वारा उधार देने में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजातियों के उद्यमियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
    सामाजिक सुरक्षा
  • वर्ष 2015-16 के बजट में तीन सामाजिक सुरक्षा योजना शुरू करने की घोषणा की गई है। ये हैं-
    1. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनाएं-यह योजना मात्र 12 रुपये वार्षिक के प्रीमियम पर 2 लाख रुपये के दुर्घटना जन्म मृत्यु जोखिम को कवर करेगी
    2. अटल पेंशन योजना (अंशदान की अवधि पर आधारित निश्चित पेंशन योजना)-इस योजना के तहत केन्द्र सरकार 31 दिसंबर, 2015 से पहले खोले गए नए खातों में पांच वर्ष के लिए 1000 रुपये प्रतिवर्ष तक सीमित लाभार्थियों के प्रीमियम के 50 प्रतिशत का अंशदान करेगी।
    3. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना– इस योजना के तहत 2 लाख रुपये नैसर्गिक मृत्यु और दुर्घटना जोखिम को कवर किया जाएगा। 18-50 वर्ष की आयु वर्ग के लिए इसका प्रीमियम 330 रुपये प्रतिवर्ष अथवा एक रुपये प्रतिदिन से कम होगा।
  • राज्य सरकारों के साथ परामर्श करके गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए शारीरिक सहायता यंत्र और सहायता जीवन साधन (Assited Living Devices) उपलब्ध कराने की नई स्कीम शुरू किए जाने का प्रस्ताव है।
  • अल्पसंख्यक युवाओं को समर्थ बनाने के लिए इस वर्ष‘नई मंजिल’नामक एक एकीकृत शिक्षा और आजीविका स्कीम आरंभ किए जाने का प्रस्ताव है।
  • पारसियों की सभ्यता और संस्कृति को दर्शाने वाली एक प्रदर्शनी‘दी एवर लास्टिंग प्ले’के लिए वर्ष 2015-16 में केंद्र सरकार मदद करेगी।
  • अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए वर्ष 2015-16 में 3,738 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने का बजट अनुमान है। अवसंरचना के विकास के लिए पांच प्रस्ताव बजट में किए गए हैं।
    अवसंरचना
    1. अवसंरचना के विकास के लिए वार्षिक परिव्यय को बढ़ाने।
    2. ‘राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना निधि’ की स्थापना करने और इसमें प्रतिवर्ष 20,000 करोड़ रुपये का वार्षिक प्रवाह करने;
    3. नीति (NITI) आयोग में ‘अटल नवोन्मेष मिशन’ की स्थापना करने;
    4. रेलवे, सड़क और सिंचाई क्षेत्र में परियोजनाओं के लिए कर-मुक्त अवसंरचना बांड जारी करने; और
    5. अवसंरचना विकास के सरकारी-निजी भागीदारी (PPP) मोड की समीक्षा करने और पुनरुद्धार करने का प्रावधान बजट में किया गया।
  • ध्यातव्य है कि‘अटल नवोन्मेष मिशन’एक नवोन्मेष संवर्धन मंच होगा। इसमें शिक्षाविदों को शामिल किया जाएगा और आरंभ में इस प्रयोजन हेतु 150 करोड़ रुपये की राशि निश्चित की गई है।
  • कारोबार प्रारंभ करने के सभी तथ्यों को सहायता प्रदान करने के लिए टेक्नो-वित्तीय, सुविधा एवं सुगमता कार्यक्रम के रूप में स्व-नियोजन और प्रतिभा उपयोग-सेतु (Self-Employment and Talent Ulilisation-STU) की स्थापना की जाएगी।
  • इसके लिए आरंभिक राशि के रूप में नीति (NITI) आयोग में 1000 करोड़ रुपये की राशि अलग से रखी जाएगी।
  • प्लग और प्ले मोड में 4,000-4,000 मेगावाट वाली-5 नई अल्ट्रा मेगा विद्युत परियोजनाएं आरंभ करने का प्रसतव रखा गया है।
    वित्तीय बाजार
  • इस वर्ष विदेशी और घरेलू दोनों ही उधारों को एक ही जगह पर लाने के लिए‘लोक ऋण प्रबंधन एजेंसी’ (Public Debt Management Agency-PDMA) की स्थापना का प्रस्ताव है।
  • वायदा बाजार आयोग को सेबी (SEBI) में विलय करने का प्रस्ताव है ताकि वस्तु वायदा बाजारों का विनियमन मजबूत किया जा सके और अंधाधुंध सट्टेबाजी कम की जा सके।
  • क्षेत्रीय तटस्थ वित्तीय निपटान एजेंसी (Sector- Neutral Finacial Redressal Agency) की स्थापना करने के लिए एक कार्य बल बनाने का भी प्रस्ताव है ताकि सभी सेवा प्रदाताओं के विरुद्ध शिकायतों का समाधान किया जा सके।
    सोने का मुद्रीकरण (Monetising Gold)
  • सोने के मुद्रीकरण के लिए तीन प्रस्ताव किए गए हैं-
    1. वर्तमान स्वर्ण जमा और स्वर्ण धातु ऋण स्कीमों दोनों के स्थान पर ‘स्वर्ण मुद्रीकरण स्कीम’ जारी किए जाने का प्रस्ताव किया गया है।
    2. स्वर्ण धातु खरीदने के लिए विकल्प के तौर पर सरकारी स्वर्ण बांड स्कीम बनाने का प्रस्ताव है।
    3. भारतीय स्वर्ण सिक्का बनाने का काम शुरू करने का प्रस्ताव भी है, इसके अग्रभाग में अशोक चक्र होगा।
    निवेश
  • कम्बोडिया, म्यांमार, लाओस और वियतनाम (अर्थात CMLV देशों) में विनिर्माण केंद्रों की स्थापना सुसाध्य बनाने के लिए परियोजना विकास कंपनी की स्थापना करने का प्रस्ताव किया गया है।
    सुरक्षित भारत
  • निर्भया निधि में अतिरिक्त 1000 करोड़ रुपये मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है।
    पर्यटन
  • भारत में सांस्कृतिक विश्व धरोहर के 25 स्थल हैं। इनमें से निम्नलिखित नौ स्थलों पर आधारभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने का कार्य शुरू किये जाने का प्रस्ताव हैं-
    1. पुराने गोवा का चर्च और कॉन्वेंट, 2. हम्पी, कर्नाटक, 3. एलीफैंटा की गुफाएं, मुंबई, 4. राजस्थान में कुंभलगढ़ और अन्य पहाड़ी किले, 5. रानी की वाव, पाटन, गुजरात, 6. लेह पैलेस, लद्दाख, जम्मू व कश्मीर, 7. वाराणसी मंदिर टाउन, उ.प्र., 8. जालियांवाला बाग, अमृतसर, पंजाब और 9. कुतुबशाही मकबरा, हैदराबाद, तेलंगाना।
  • आगमन पर वीजा को 43 देशों से बढ़ाकर चरणबद्ध तरीके से 150 देशों तक करने का प्रस्ताव है।
    हरित भारत
  • केंद्र सरकार फास्टर एडाप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिकल्स वाहन (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles-FAME) स्कीम शुरू कर रही है। 2015-16 में इस स्कीम के लिए 75 करोड़ से आरंभिक परिव्यय का प्रस्ताव किया गया है।
  • प्रस्तुत बजट में वर्ष 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाकर 1,75,000 मेगावाट करने का लक्ष्य है, जिसमें 1,00,00 लाख मेगावाट सौर ऊर्जा, 60,000 मेगावाट पवन ऊर्जा, 10,000 मेगावाट बॉयोमास ऊर्जा और 5,000 मेगावाट लघु पन बिजली ऊर्जा शामिल होगी।
    स्किल इंडिया
  • अनेक मंत्रालयों में फैले कौशल कार्यक्रमों के समकेन हेतु कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय राष्ट्रीय कौशल मिशन का शुभारंभ करने जा रहा है।
  • दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के लिए 15,000 करोड़ रुपये की राशि निश्चित की गयी है।
  • इस वर्ष श्री दीनदयाल उपाध्याय की 100वां जन्म दिवस मनाने हेतु एक आयोजन समिति के गठन की घोषणा की गई है।
  • ‘प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी कार्यक्रम’के जरिए सभी छात्रवृत्तियों और शिक्षा ऋण स्कीमों के आद्योपांत प्रशासन और निगरानी के लिए पूरी तरह से सूचना प्रौद्योगिकी युक्त‘छात्र वित्तीय सहायता प्राधिकरण’स्थापित करने का प्रस्ताव है।
  • बजट-2015-16 में निम्नलिखित शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना अपग्रेड का प्रस्ताव है-
  • पांच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)- जम्मू व कश्मीर, पंजाब, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश और असम प्रत्येक में एक-एक।
  • बिहार में एम्स जैसा एक अन्य संस्थान।
  • कर्नाटक में एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) की स्थापना करने तथा इंडियन स्कूल ऑफ माइंस, धनबाद को एक परिपूर्ण आईआईटी में अपग्रेड करने का प्रस्ताव।
  • अमृतसर में एक बागवानी अनुसंधान तथा शिक्षा स्नातकोत्तर संस्थान।
  • दो भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM)-जम्मू व कश्मीर और आंध्र प्रदेश में एक-एक।
  • केरल में स्थित राष्ट्रीय वाक एवं श्रवण संस्थान को‘निःशक्तता अध्ययन तथा पुनर्वास विश्वविद्यालय’ में अपग्रेड करने का प्रस्ताव।
  • तीन नए राष्ट्रीय भेषज शिक्षा एवं अनुसंघान संस्थान-राजस्थान, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ प्रत्येक में एक-एक।
  • दो विज्ञान तथा शिक्षा अनुसंधान संस्थान-नगालैंड व ओडिशा में एक-एक खोलने।
  • सरकारी क्षेत्र के बैंकों के प्रशासन में सुधार लाने के लिए एक स्वायत्त बैंक बोर्ड ब्यूरो स्थापित करने का प्रस्ताव है।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://indiabudget.nic.in/hbudget.asp
http://indiabudget.nic.in/ub2015-16/bs/hbs.pdf
http://indiabudget.nic.in/ub2015-16/bag/bag11.pdf