आर्थिक समीक्षाः2014-15

प्रश्न- हाल ही में प्रस्तुत आर्थिक समीक्षा से संबंधित नीचे दिए गए तथ्यों पर विचार कीजिए-
(i) इस बार की आर्थिक समीक्षा विश्व बैंक से प्रेरित होकर तैयार की गई है।
(ii) यह आर्थिक समीक्षा वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक से प्रेरित होकर तैयार की गई है।
(iii) दो खंडों में प्रस्तुत इस आर्थिक समीक्षा में कुल उन्नीस अध्याय हैं।
(iv) इस समीक्षा के अनुसार वर्ष 2014-15 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.0 से 8.0% के मध्य होगी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही नहीं है/हैं-
(a) केवल (i)
(b) केवल (i) व (ii)
(c) केवल (ii), (iii) व (iv)
(d) केवल (i) व (iv)
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 27 फरवरी, 2015 को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक समीक्षा-2014-15 को संसद में प्रस्तुत किया।
  • यह आर्थिक समीक्षा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (World Economic Outlook) से प्रेरित होकर तैयार की गई है। अतः यह समीक्षा पूर्ववर्ती आर्थिक समीक्षाओं से संरचनात्मक रूप से भिन्न है।
  • इस आर्थिक समीक्षा के दो खंड हैं।
  • ध्यातव्य है कि इससे पहले आर्थिक समीक्षा केवल एक खंड में ही प्रस्तुत की जाती थी।
  • प्रस्तुत आर्थिक समीक्षा-2014-15 के पहले खंड में दृष्टिकोण और संभावनाओं के साथ-साथ महत्त्वपूर्ण नीतिगत सरोकारों की चर्चा करने वाले 10 विश्लेषणात्मक अध्याय शामिल हैं। इस तरह से यह खंड दूरदर्शी है।
  • इस समीक्षा का दूसरा खंड अर्थव्यवस्था के सभी प्रमुख क्षेत्रों में हुए हालिया घटनाक्रमों को नौ अध्यायों में समाहित किए हुए है। इस तरह से यह खंड पूर्ववर्ती आर्थिक समीक्षाओं के समान है।
  • आर्थिक समीक्षा-2014-15 का मुख्य विषय है-‘अवसर पैदा करना और असुरक्षा के हालात कम करना’ (Creating Opportunity and Reducing Vulnerability)।
    आर्थिक सर्वेक्षण 2014-15 के मुख्य बिंदु
  • वर्ष 2014-15 में स्थिर बाजार मूल्यों (2011-12) पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अग्रिम अनुमान है।
  • ध्यातव्य है कि वर्ष 2012-13 व 2013-14 में यह क्रमशः 5.1% व 6.9% थी।
  • इसके अतिरिक्त आने वाले वर्ष (2015-16) में बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वर्ष 2014-15 की तुलना में 0.6-1.1% अधिक रहने का अनुमान है।
  • इस आधार पर वर्ष 2015-16 में बाजार मूल्य पर ‘जीडीपी की वृद्धि दर 8.1-8.5% रहने की संभावना है।
  • कृषि में आधार मूल्यों पर सकल मूल्य योजित/वर्धन (GVA at Basic Price) में वृद्धि दर वर्ष 2013-14 में 3.7 था। यह वर्ष 2014-15 में घटकर 1.1% होने का अनुमान है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह वर्ष मानसून की दृष्टि से अच्छा नहीं है।
  • इसी तरह वर्ष 2014-15 उद्योग में आधार मूल्यों पर सकल मूल्य योजित में वृद्धि दर 5.9% होने की संभावना व्यक्त की गई है।
  • साथ ही वर्ष 2014-15 में सेवा क्षेत्र में यह वृद्धि दर 10.6% होने का अनुमान लगाया गया है। वर्ष 2013-14 में यह 9.1% ही थी।
  • नई शृंखला 2011-12 के आधार पर वर्ष 2014-15 में घटक लागत (Cost Factor) पर जीवीए में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र का हिस्सा 17.6%, उद्योग क्षेत्र का हिस्सा 29.7% और सेवा क्षेत्र का हिस्सा 52.7% रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
  • आर्थिक समीक्षा-2014-15 के अनुसार बाजार मूल्यों पर सकल घरेलू बचत दर में गिरावट आई है जो वर्ष 2011-12 में सकल घरेलू उत्पाद की 33.9 प्रतिशत थी, वर्ष 2012-13 में घटकर 31.8 प्रतिशत और वर्ष 2013-14 में और घटकर 30.6 प्रतिशत हो गई। इसका प्रमुख कारण परिवार वस्तुगत बचत दर में तेजी से गिरावट आना रहा है।
  • चालू मूल्यों पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के प्रतिशत के रूप में सकल पूंजी निर्माण वर्ष 2012-13 में 36.6 प्रतिशत और वर्ष 2013-14 में 32.3% के स्तर पर है।
  • नई शृंखला 2014-15 के आधार पर वर्ष 2014-15 (अग्रिम अनुमान) में सकल घरेलू आय (Gross National Income-GNI) में वृद्धि दर 7.4% रही जबकि 2013-14 में यह 6.8% थी।
  • वर्ष 2014-15 (अग्रिम अनुमान) में वर्तमान मूल्यों पर प्रति व्यक्ति निवल राष्ट्रीय आय 2014-15 के दौरान 88,388 रुपये थी।
    घाटे (Deficits)
  • केंद्र सरकार का सकल राजकोषीय घाटा जीडीपी के प्रतिशत के रूप में वर्ष 2013-14 (अनंतिम वास्तविक आंकड़ों के अनुसार) 4.5% तथा वर्ष 2014-15 (बजट अनुमान के अनुसार) 4.1% के स्तर पर है।
  • इसी तरह राजस्व घाटा जीडीपी के प्रतिशत के रूप में वर्ष 2013-14 (अनंतिम वास्तविक) 3.2% और वर्ष 2014-15 (बजट अनुमान) 2.9% है।
  • केंद्र सरकार का प्राथमिक घाटा जीडीपी के प्रतिशत के रूप में वर्ष 2013-14 (अनंतिम वास्तविक) 1.2% और वर्ष 2014-15 (बजट अनुमान) 0.8% है।
    आयात-निर्यात (Export-Import)
  • सीमा शुल्क के आधार पर भारत से निर्यात की वृद्धि पर (डॉलर मूल्य में) वर्ष 2013-14 में 4.7% थी, जबकि इससे पूर्व 2013-14 में यह (-) 1.8% थी। वर्ष 2014-15 (अप्रैल-दिसंबर, 2014) में इसे 4.0% रहने का अनुमान है।
  • वर्ष 2013-14 में भारत में आयात की वृद्धि दर (डॉलर मूल्य में) (-) 8.3% थी जबकि वित्त वर्ष 2012-13 में यह 0.3% थी।
  • चालू वित्त वर्ष 2014-15 (अप्रैल-दिसंबर, 2014) में इसके 3.6% रहने का अनुमान है।
  • हाल के वर्षों में‘विनिर्मित माल’वस्तुगत निर्यात का सबसे बड़ा हिस्सा रहा है। कुल निर्यात में इसका हिस्सा 63 प्रतिशत से अधिक रहा है।
  • वर्ष 2013-14 में विनिर्मित मालों में शीर्ष निर्यात राशि वाली मदें इस प्रकार थीं-1. मशीनरी, परिवहन और लोहा सहित धात्विक विनिर्माण, 2. रत्न एवं आभूषण, 3. रसायन और संबद्ध उत्पाद तथा 4. सिले-सिलाए वस्त्र।
  • भारत के कुल वस्तुगत निर्यात में दूसरा बड़ा हिस्सा (कुल निर्यात का लगभग 20 प्रतिशत) क्रूड और पेट्रोलियम उत्पादों का रहा है।
  • इसके बाद कृषि एवं संबद्ध उत्पादों का हिस्सा आता है, जो कुल वस्तुगत निर्यातों का 13.7 प्रतिशत है।
  • वर्ष 2013-14 में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में शीर्ष निर्यात वाली मदें इस प्रकार थीं-
    1. चावल, 2. मत्स्य एवं मत्स्य उत्पाद, 3. मांस एवं मांस उत्पाद 4. कपास।
  • वर्ष 2013-14 में आयातित प्रमुख वस्तुएं इस प्रकार रहीं 1. पेट्रोलियम एवं लुब्रिकेंट (36.6%), 2. सोना एवं चांदी (7.4%), 3. रसायन (5.6%), 4 मोती, बहुमूल्य और अल्पमूल्य रत्न (5.3%) और 5. मशीनरी (बिजली और मशीनरी औजारों को छोड़कर) (5.2%)।
  • वर्ष 2013-14 में आयात की शीर्ष वृद्धि वाली मदें थीं-1. अलौह धातु (6.7%) 2. अनाज (6.5%) 3. मोती, बहुमूल्य और अल्पमूल्य रत्न (5.4%) गत्ता विनिर्माण अखबारी कागज (4.6%) और इसायन (4.2%)।
  • अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2014-15 में भारतीय निर्यात की दिशा इस प्रकार थी-
    1. एशिया (49.4%), 2. अमेरिका (49.4%), 3. यूरोप (17.9%) और 4. अफ्रीका (11.0%)। अंनतिम आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014-15 में भारतीय निर्यात के शीर्ष गतव्य देश इस प्रकार रहे-
    1. संयुक्त राज्य अमेरिका-यूएसए (13.7%), 2. संयुक्त अरब अमीरात-यूएई (10.7%) 3. हांगकांग (4.4%) 4. सऊदी अरब (4.1%) और 5. चीन जनवादी गणराज्य (3.8%)।
  • अनंतिम आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014-15 में भारत के आयात की दिशा इस प्रकार थी-1. एशिया (59.2%) 2. यूरोप (16.1%) 3. अमेरिका (12.4%) और 4.अफ्रीका (8.9%)।
  • वर्ष 2014-15 के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, भारत के आयात में शीर्ष देश इस प्रकार रहे-1. चीन जनवादी गणराज्य (12.8%), 2. सऊदी अरब (6.7%) 3. यूएई (6.1%) 4. स्विट्जरलैंड (5.2%) और 5. यूएसए (4.6%)।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://indiabudget.nic.in/survey.asp
http://indiabudget.nic.in/es2014-15/hchapter-vol1.pdf
http://indiabudget.nic.in/es2014-15/hchapter-vol2.pdf
http://indiabudget.nic.in/es2014-15/hestat1.pdf

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