केंद्रीय बजटः 2018-19

Budget 2018-19

प्रश्न-1 फरवरी, 2017 को प्रस्तुत केंद्रीय बजट, 2018-19 से संबंधित कथनों पर विचार कीजिए-
(i) वित्त वर्ष 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत तय किया गया, इसके वर्ष 2018-19 में 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
(ii) बजट में जनजातीय विद्यार्थियों के लिए वर्ष 2019 तक हर जनजातीय ब्लॉक में ‘एकलव्य आवासीय स्कूल’ खोलने का प्रस्ताव।
(iii) केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) का नाम बदलकर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड करने का प्रस्ताव।
(iv) कृषि क्षेत्र को संस्थापगत ऋण वर्ष 2014-15 के 8.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2018-19 में 11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव
उपरोक्त कथनों में से कौन-से/सा कथन सही हैं?

(a) केवल (i), (iii) एवं (iv)
(b) केवल (i) एवं (iv)
(c) केवल (ii), (iii) एवं (iv)
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 1 फरवरी, 2018 को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2017-18 हेतु केंद्रीय बजट संसद में प्रस्तुत किया।
  • बजट 2018-19 की प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं-
    कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था
  • वित्त मंत्री ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने की सरकार की वचनबद्धता का उल्लेख करते हुए अनेक नई योजनाओं और उपायों की घोषणा की।
  • अधिकतर रबी फसलों की तरह सभी अघोषित खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) उनके उत्पादन लागत से 1.5 गुना होगा।
  • कृषि क्षेत्र को संस्थागत ऋण वर्ष 2014-15 के 8.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2018-19 में 11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव।
  • कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का बजटीय आवंटन वर्ष 2017-18 में 51,576 करोड़ रुपये था, जिसे बढ़ाकर वर्ष 2018-19 में 58,080 करोड़ रुपये कर दिया गया।
  • 86 प्रतिशत छोटे एवं सीमांत किसानों के हितों की रक्षा के लिए 22,000 ग्रामीण हाटों एवं 585 APMC को ग्रामीण कृषि बाजारों में विकसित एवं उन्नत किया जाएगा।
  • किसानों एवं उपभोक्ताओं के हित में आलू, टमाटर और प्याज की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव की समस्या से निपटने के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन’ लांच किए जाने की घोषणा।
  • इसके लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
  • मत्स्य पालन और पशुपालन क्षेत्रों के लिए 10,000 करोड़ रुपये के दो नए कोष की घोषणा।
  • पशुपालन एवं मात्स्यिकी के क्षेत्र में कार्य करने वाले किसानों को भी किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा ऋण उपलब्ध कराया जाएगा।
  • बांस (हरित सोना) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 1,290 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक पुनर्गठित ‘राष्ट्रीय बांस मिशन’ को शुरू करने का प्रस्ताव।
  • कृषि उत्पादों के निर्यात की संभावना को देखते हुए 42 मेगाफूड पार्कों में अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाएं स्थापित करने का प्रस्ताव।
  • हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों को सहायता देने के लिए एक विशेष योजना की घोषणा।
  • ग्रामीण क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और जीविका के साधनों के सृजन के लिए वर्ष 2018-19 में 14.34 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे।
  • कृषि क्षेत्र में पिछड़े 96 जिलों में सिंचाई के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 2600 करोड़ रुपये का आवंटन।
  • महिला स्वयं सहायता समूहों को मिलने वाली ऋण की राशि को वर्ष 2017-18 के 42,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर मार्च 2019 तक 75,000 करोड़ रुपये किया जाएगा।
  • वर्ष 2018-19 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम के आवंटन को बढ़ाकर 5750 करोड़ रुपये किया गया।
  • सरकार उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देगी। इससे पहले 5 करोड़ मुक्त गैस कनेक्शन का लक्ष्य था।
  • सौभाग्य योजना के अंतर्गत 16 हजार करोड़ रुपये के परिव्यय से 4 करोड़ गरीब परिवारों को बिजली के कनेक्शन प्रदान किये जा रहे हैं।
  • वर्ष 2022 तक सभी को आवास का लक्ष्य पूरा करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष 2019 तक एक करोड़ से ज्यादा आवासों का निर्माण किया जाएगा।
  • स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार अब तक 6 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कर चुकी है।
  • वित्त वर्ष 2018-19 में सरकार का 1.88 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य है।
  • जानवरों के गोबर और ठोस अपशिष्ट कम्पोस्ट, उर्वरक, बायो गैस और बायो-सीएनजी के रूप में बदलने के लिए खेतों में इसके प्रबंधन और रूपांतरण हेतु ‘गाल्वेनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन’ (गोबर-धन) नामक योजना प्रारंभ की जाएगी।
    शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा
  • वर्ष 2018-19 के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा पर बजटीय व्ययों का अनुमान वर्ष 2017-18 के 1.22 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 1.38 लाख करोड़ रुपये है।
  • 1,00,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ वर्ष 2022 तक ‘शिक्षा में आधारभूत ढांचों और प्रणाली पुनर्जीवन (RISE)’ नामक पहल के प्रारंभ का प्रस्ताव।
  • इस पहल के वित्तपोषण के लिए उच्चतर शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (HEFA) को उपयुक्त रूप से तैयार किया जाएगा।
  • वर्ष 2022 तक 50 प्रतिशत से ज्यादा की अनुसूचित जनजाति आबादी वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की स्थापना की घोषणा।
  • राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के लिए वर्ष 2018-19 में 9975 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
  • इस वर्ष सरकार ‘‘प्रधानमंत्री अनुसंधान अध्येता (PMRF)’’ नामक पहल प्रारंभ करेगी।
  • इस पहल के अंतर्गत, श्रेष्ठ संस्थानों से हर वर्ष 1,000 उत्कृष्ट बी.टेक छात्रों की पहचान कर उन्हें एक अच्छी अध्येतावृत्ति के साथ आईआईटी/आईआईएमसी में पी.एच.डी. करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
  • 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवारों (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) को दायरे में लाने के लिए ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना’ (आयुष्मान भारत परियोजना के तहत) की घोषणा की गई।
  • जिसके तहत द्वितीयक और तृतीयक देख-रेख अस्पताल में भर्ती होने के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष तक का कवरेज प्रदान किया जाएगा।
  • यह विश्व का सबसे बड़ा सरकारी वित्तपोषित स्वास्थ्य देख-रेख कार्यक्रम होगा।
  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 की परिकल्पना के अनुसार 1.5 लाख केंद्रों के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को घर तक पहुंचाने की योजना।
  • इस कार्यक्रम के लिए 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
  • केंद्र सरकार ने टी.बी. से पीड़ित सभी रोगियों को उनके उपचार की अवधि के दौरान 500 रुपये प्रति माह के हिसाब से पोषणाहार सहायता प्रदान करने के लिए 600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित की है।
  • प्रत्येक 3 संसदीय क्षेत्रों के लिए कम से कम एक चिकित्सा कॉलेज और देश के प्रत्येक राज्य में कम से कम एक सरकारी चिकित्सा कॉलेज सुनिश्चित करने हेतु देश में मौजूदा जिला अस्पतालों को अपग्रेड करके 24 नए सरकारी चिकित्सा कॉलेजों और अस्पतालों की स्थापना की घोषणा।
  • वर्ष 2018-19 के लिए ‘मुद्रा योजना’ के अंतर्गत तीन लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है।
  • केंद्र सरकार अगले 3 सालों तक सभी क्षेत्रों के लिए ईपीएफ में नए कर्मचारियों के वेतन का 12 प्रतिशत का योगदान करेगी।
  • वर्ष 2018-19 में टेक्सटाइल क्षेत्र में 7148 करोड़ रुपये परिव्यय का प्रस्ताव।
  • वर्ष 2018-19 में बुनियादी ढांचे पर 5.97 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव।
  • वर्ष 2018-19 के लिए रेलवे का पूंजीगत व्यय 1,48,528 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।
  • वर्ष 2017-18 के दौरान चार हजार किमी. का विद्युत रेलवे नेटवर्क प्रारंभ हो चुका है।
  • 11 हजार करोड़ रु. की लागत से मुंबई के स्थानीय रेलवे नेटवर्क में 90 कि.मी. तक लंबी लाइनों का दोहरीकरण किया जाएगा।
  • इसके अलावा 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से एक अतिरिक्त 150 किमी. का उपशहरी रेल नेटवर्क योजनावित किया जा रहा है।
  • 10 प्रमुख स्थलों को प्रतीक पर्यटक गंतव्यों के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • नीति आयोग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) पर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू करेगा।
  • ‘रोबोटिक्स’,‘एआई’,‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ इत्यादि पर उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
  • सोने को परिसंपत्ति श्रेणी के रूप में विकसित करने के लिए व्यापक स्वर्ण नीति बनाने की तैयारी की जाएगी।
  • वाणिज्यिक विभाग सभी हितधारकों को आपस में जोड़ने के लिए एक सिंगल विंडो ऑनलाइन बाजार के रूप में ‘राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स पोर्टल’ विकसित किया जाएगा।
  • आधार की तर्ज पर प्रत्येक उद्यम के लिए एक विशिष्ट पहचान योजना शुरू की जाएगी।
  • डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के लिए 3073 करोड़ रुपये का प्रावधान।
  • 5 करोड़ ग्रामीणों को नेट कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए सरकार 5 लाख वाई-फाई हॉट स्पॉट का निर्माण करेगी।
  • इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपये की राशि आवंटित।
  • देश में रक्षा उत्पादन के लिए दो कॉरिडोर विकसित करने का प्रस्ताव।
  • सरकारी क्षेत्र, निजी क्षेत्र और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों द्वारा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ‘उद्योग अनुकूल रक्षा उत्पादन नीति, 2018’ लाई जाएगी।
  • राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत तय किया गया, इसके वर्ष 2018-19 में 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
  • प्रत्यक्ष करों की वृद्धि दर वर्ष 2016-17 में 12.6 प्रतिशत और वर्ष 2017-18 में 18.7 प्रतिशत रही है।
  • कर दाताओं की संख्या जो वर्ष 2014-15 में 6.47 करोड़ थी, वर्ष 2016-17 में बढ़कर 8.27 करोड़ हो गई है।
  • केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) का नाम बदलकर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड करने का प्रस्ताव।
  • आयकर की पुरानी कर निर्धारण प्रक्रिया को बदलकर देश भर में ई-निर्धारण प्रणाली को लागू किया जाएगा।
  • वर्ष 2018-19 के लिए 80 हजार करोड़ रुपये का विनिवेश का लक्ष्य।
  • सार्वजनिक क्षेत्र की तीन बीमा कंपनियों नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लि., यूनाइटेड इंडिया एश्योरेंस कंपनी लि. और ओरियंटल इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लि. का विलय करके एक बीमा कंपनी बनाई जाएगी।
  • बजट में राष्ट्रपति का वेतन 5 लाख रुपये, उपराष्ट्रपति का 4 लाख रुपये और राज्यपाल का 3.5 लाख रुपये प्रति माह करने का प्रस्ताव किया गया है।
  • महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के लिए बजट में 150 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
  • परिवहन भत्ते के लिए मौजूदा छूट और विविध चिकित्सा खर्चों की प्रतिपूर्ति के स्थान पर 40,000 रुपये की मानक कटौती। इससे 2.5 करोड़ नौकरीपेशा कर्मचारी एवं पेंशन भोगी लाभान्वित होंगे।
    वरिष्ठ नागरिकों को प्रस्तावित राहतः
  • बैंकों और डाकघरों में जमा राशियों पर ब्याज आमदनी संबंधी छूट 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की जाएगी।
  • धारा 194ए के तहत टीडीएस काटने की आवश्यकता नहीं। सभी सावधि जमा योजनाओं और आवर्ती जमा योजनाओं के तहत प्राप्त ब्याज पर भी लाभ मिलेगा।
  • धारा 80डी के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और/अथवा चिकित्सा व्यय के लिए कटौती की सीमा 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की गई।
  • धारा 80डीडीबी के तहत कुछ विशेष गंभीर बीमारियों पर चिकित्सा व्यय के लिए कटौती की सीमा 60,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) और 80,000 रुपये (अति वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) से बढ़ाकर सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 लाख रुपये कर दी गई है।
  • प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की अवधि मार्च 2020 तक बढ़ाने का प्रस्ताव। वर्तमान निवेश सीमा को प्रति वरिष्ठ नागरिक के लिए 7.5 लाख रुपये की मौजूदा सीमा से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने का प्रस्ताव।
  • अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में अवस्थित स्टॉक एक्सचेंजों में कारोबार को बढ़ावा देने हेतु आईएफएससी के लिए और अधिक रियायतें।
  • कैश इकॉनोमी को नियंत्रण में रखने के लिए ट्रस्टों और संस्थानों को 10,000 रुपये से अधिक का नकद भुगतान करने की अनुमति नहीं होगी और इस पर टैक्स लगेगा।
  • 1 लाख रुपये से अधिक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा जिसमें कोई भी सूचीकरण लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, 31 जनवरी, 2018 तक हुए सभी लाभ को संरक्षित किया जाएगा।
  • इक्विटी उन्मुख म्यूचुअल फंडों द्वारा वितरित आय पर 10 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाने का प्रस्ताव।
  • व्यक्तिगत आयकर और कॉरर्पोरेशन टैक्स पर देय उपकर को मौजूदा 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
  • केंद्र सरकार की आय के शीर्ष मद-(i) वस्तु एवं सेवाकर (GST) और अन्य कर (23 प्रतिशत) (ii) निगम कर (19 प्रतिशत) और उधार एवं अन्य देयताएं (19 प्रतिशत) (iii) आयकर (16 प्रतिशत)।
  • टैक्स स्लैब अपरिवर्तित रहा।

संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=176063
http://pibphoto.nic.in/documents/rlink/2018/feb/p20182101.pdf
http://www.indiabudget.gov.in/ub2018-19/bag/bag1.pdf
http://pibphoto.nic.in/documents/rlink/2018/feb/p20182104.pdf
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=176070
https://economictimes.indiatimes.com/news/economy/policy/modicare-government-of-form-council-to-roll-out-the-national-health-protection-scheme/articleshow/62781912.cms
http://www.indiabudget.gov.in/ub2018-19/bag/bag1.pdf