ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू

India ushers in GST amid historic midnight session of Parliament

प्रश्न-1 जुलाई, 2017 को ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर लागू हो गया। यह किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा लाया गया?
(a) 102वां
(b) 100वां
(c) 101वां
(d) 103वां
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 1 जुलाई, 2017 को ऐतिहासिक वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू हो गया।
  • इसे 30 जून-1जुलाई, 2017 की मध्यरात्रि के समय संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी एवं प्रधानमंत्री द्वारा लांच किया गया।
    जीएसटी क्यों महत्त्वपूर्ण है-
  • जीएसटी स्वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा कर सुधार है।
  • यह एक राष्ट्र-एक कर-एक बाजार का लक्ष्य हासिल करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
  • जीएसटी से सभी पक्षों को लाभ पहुंचेगा, जैसे उद्योग, सरकार और उपभोक्ता।
  • इससे वस्तुओं एवं सेवाओं की लागत में कमी आएगी, अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और उत्पाद एवं सेवाओं को वैश्विक रूप में प्रतिस्पर्धात्मक बनाया जा सकेगा।
  • जीएसटी व्यवस्था के अंतर्गत, निर्यात पर कर दर शून्य हो जाएगी।
  • जीएसटी भारत को साझा बाजार बनाएगा जिसमें करों की दरें और प्रक्रियाएं एक समान होंगी तथा आर्थिक अड़चनें समाप्त हो जाएंगी।
    क्या है जीएसटी?
  • वस्तु एवं सेवा कर एक अप्रत्यक्ष कर है जो भारत को एकीकृत साझा बाजार बनाने के उद्देश्य से लागू किया जा रहा है।
  • यह निर्माता से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति पर एकल कर है।
    जीएसटी में शामिल कर
  • केंद्रीय कर
    (i) केंद्रीय उत्पाद शुल्क
    (ii) अतिरिक्त उत्पाद शुल्क
    (iii) सेवा कर
    (iv) अतिरिक्त सीमा शुल्क
    (v) विशेष अतिरिक्त सीमा शुल्क
    (vi) अधिभार एवं उपकर
  • राज्य कर
    (i) राज्य मूल्य संवर्धन कर (VAT) बिक्री कर,
    (ii) मनोरंजन कर (स्थानीय निकायों द्वारा लागू करों को छोड़कर)
    (iii) केंद्रीय बिक्री कर (केंद्र द्वारा आयोजित एवं राज्यों द्वारा संग्रहित)
    (iv) चुंगी एवं प्रवेश कर
    (v) क्रय कर
    (vi) विलासिता कर
    (vii) लॉटरी, सट्टा और जुएं पर कर।
    जीएसटी के दायरे से बाहर रखे गए कर
    (i) मानवीय खपत के लिए नशीली शराब पर कर;
    (ii) पांच पेट्रोलियम एवं पेट्रो उत्पादों (अपरिष्कृत पेट्रोलियम, उच्च गति डीजल, मोटर स्प्रिट, प्राकृतिक गैस तथा विमान ईंधन) पर कर (अस्थायी प्रावधान)।
    (iii) सेवा कर
    (iv) अतिरिक्त सीमा शुल्क
    (v) विशेष अतिरिक्त सीमा शुल्क
    (vi) अधिभार एवं उपकर
    क्षतिपूर्ति
  • जीएसटी की वजह से हुए राजस्व नुकसान की क्षतिपूर्ति केंद्र द्वारा राज्यों को पांच वर्ष तक किया जाएगा।
    जीएसटी की यात्रा
  • भारत में लंबे समय से चली आ रही कर सुधार की मांग उस समय पूरी होती नजर आई जब भारतीय संसद के दोनों सदनों ने वस्तु एवं सेवा कर विधेयक पारित किया।
  • यह 122वां संविधान संशोधन विधेयक है जिसे राज्य सभा ने 3 अगस्त, 2016 को पारित कर दिया।
  • आधे राज्यों के अनुसमर्थन के पश्चात 8 सितंबर, 2016 को राष्ट्रपति हस्ताक्षरोपरांत यह संविधान (101वां संशोधन) अधिनियम, 2016 के रूप में अधिनियमित हुआ।
  • 29 मार्च, 2017 को केंद्रीय वित्त मंत्री ने लोकसभा में वस्तु एवं सेवा कर से संबंधित चार विधेयक लोकसभा के विचारार्थ एवं पारित करने हेतु पेश किए।
  • ये थे- (i) केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, 2017 (ii) एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर, 2017 (iii) संघ शासित प्रदेश वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, 2017 और (iv) जीएसटी (राज्यों की क्षतिपूर्ति) विधेयक, 2017
  • ये सभी विधेयक लोकसभा ने 29 मार्च, 2017 को और राज्यसभा ने 6 अप्रैल, 2017 को पारित कर दिए।
    जीएसटी परिषद
  • संविधान में नया अनुच्छेद 279A जोड़कर जीएसटी परिषद के गठन का प्रावधान किया गया।
    इसकी स्थापना 15 सितंबर, 2016 को की गई।
  • केंद्रीय वित्त मंत्री इस परिषद के अध्यक्ष तथा केंद्रीय राज्य मंत्री (वित्त राजस्व के प्रभारी) एवं राज्यों के वित्त या कर मंत्री या वे जिन्हें नामित राज्य करें, सदस्य होंगे।
  • यह परिषद उन करों, उपकरों तथा अधिभारों जो संघ/राज्य/क्षेत्रीय निकाय द्वारा लगाए जाते हैं, के जीएसटी में सम्मिलन या छूट के संदर्भ में सिफारिशें देगी।
  • यह जीएसटी से संबंधित मानकों का निर्धारण करेगी।
  • अपनी स्थापना के बाद से जीएसटी परिषद की कुल 18 बैठकें हो चुकी हैं।
  • जीएसटी परिषद ने जीएसटी के अंतिम ढांचे को निम्नांकित रूप में मंजूर किया है-
    (i) जीएसटी के लिए 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की चार स्लैब टैक्स दर संरचना का अनुमोदन किया गया है।
    (ii) विशेष श्रेणी राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों के लिए जीएसटी लगाने से छूट की सीमा 20 लाख रुपये होगी, विशेष श्रेणी राज्यों के लिए यह सीमा 10 लाख रुपये होगी।
    (iii) विशेष श्रेणी राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों के लिए कम्पोजिशन स्कीम का लाभ उठाने की सीमा 75 लाख रुपये होगी और उन्हें केवल तिमाही रिटर्न दाखिल करनी होगी, सेवा प्रदाताओं की कुछ श्रेणियों (रेस्टोरेंट को छोड़कर) को कम्पोजिशन स्कीम से बाहर रखा गया है।
    (iv) खाद्यान्न (Foodgrains) गेंहूं, चावल जैसी अत्यावश्यक वस्तुओं पर जीएसटी की दर शून्य प्रतिशत होगी।
    (v) आम उपभोग की वस्तुओं पर जीएसटी 5 प्रतिशत की दर से आरोपित होगी।
    (vi) इसके अलावा 12 प्रतिशत एवं 18 प्रतिशत दरों के अंतर्गत अधिकांश वस्तुओं एवं सेवाओं को शामिल किया गया है।
    (vii) लगभग 81 प्रतिशत वस्तुओं पर टैक्स की दर 0 प्रतिशत, 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के अंदर आती है।
    (viii) विलासिता वाले तथा अवगुणों से युक्त उत्पादों/सेवाओं पर कर 28 प्रतिशत की दर से आरोपित की जाएगी।
    (ix) कुछ वस्तुओं पर एक उपकर लगाया जाएगा, जिनमें लक्जरी कारें, वातित, पेय पदार्थ, पान मसाला और तंबाकू उत्पाद शामिल हैं, जिन पर जीएसटी की 28 प्रतिशत की दर के ऊपर उपकर लगाया जाएगा, ताकि राज्यों को प्रतिपूरक किया जा सके।
    जीएसटी की अन्य महत्त्वपूर्ण विशेषताएं
    (i) जीएसटी के सभी लेनदेन और प्रक्रियाएं केवल इलेक्ट्रॉनिक मोड के जरिए की जाएगी; ताकि हस्तक्षेप रहित प्रशासन का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
    (ii) जीएसटी में मासिक रिटर्न और वार्षिक रिटर्न के स्वतः सृजन सुविधा का प्रावधान है।
    (iii) इसमें करदाताओं को 60 दिन के भीतर निर्धारित अनुदान का रिफंड प्रदान करने और सात दिन के भीतर निर्यातकों को 90 प्रतिशत अस्थायी रूप से जारी करने की सुविधा प्रदान की जाएगी। समय पर रिफंड मंजूर न होने की स्थिति में ब्याज भुगतान और रिफंड सीधे बैंक खातों में क्रेडिट करने जैसे उपाय भी किए गए हैं।
  • जीएसटी में पारदर्शिता हेतु सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाएगा। इसके तहत वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (GSTN) बनाया गया है।

संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintHindiRelease.aspx?relid=65771
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=167054
http://pib.nic.in/newsite/mbErel.aspx?relid=167058
http://www.cbec.gov.in/htdocs-cbec/gst
http://dor.gov.in/sites/default/files/GST_FAQ.pdf