उत्तर प्रदेश चावल निर्यात प्रोत्साहन योजना (2017-22)

प्रश्न-उत्तर प्रदेश चावल निर्यात प्रोत्साहन योजना के संबंध में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) यह योजना 7 नवंबर, 2017 से 6 नवंबर, 2022 तक लागू रहेगी।
(b) योजनांतर्गत प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष निर्यातकों को मंडी शुल्क एवं विकास सेस पर छूट प्रदत्त होगी।
(c) बासमती चावल का निर्यात दायित्व सिद्ध करने हेतु धान से चावल की रिकवरी का न्यूनतम मानक 40 प्रतिशत रखा गया है।
(d) नान-बासमती चावल निर्यात के संदर्भ में निर्यात दायित्व सिद्ध करने हेतु धान से चावल की रिकवरी का न्यूनतम मानक 50 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 13 दिसंबर, 2017 को संपन्न उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तर प्रदेश चावल निर्यात प्रोत्साहन योजना को आगामी पांच वर्षों (2017-2022) के लिए लागू करने का निर्णय लिया गया।
  • यह योजना 7 नवंबर, 2017 से 6 नवंबर, 2022 तक लागू रहेगी।
  • योजनांतर्गत प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष निर्यातकों को मंडी शुल्क एवं विकास सेस पर छूट प्रदत्त होगी।
  • बासमती चावल का निर्यात दायित्व सिद्ध करने हेतु धान से चावल की रिकवरी का न्यूनतम मानक 45 प्रतिशत रखा गया है।
  • नान-बासमती चावल निर्यात के संदर्भ में निर्यात दायित्व सिद्ध करने हेतु धान से चावल की रिकवरी का न्यूनतम मानक 50 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।
  • डायरेक्ट निर्यातकों को एपीडा (भारत सरकार की संस्था) में कराए गए पंजीकरण द्वारा मान्यता दी जाएगी, उन्हें प्रदेश में पृथक रूप से कोई पंजीकरण नहीं कराना होगा।
  • अप्रत्यक्ष निर्यातकों को शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार पंजीकरण कराना होगा।
  • सीधे निर्यातक यदि किसान या किसान उत्पादक से क्रय करता है तो उसे 2.5 प्रतिशत की छूट एवं आढ़तियों के माध्यम से क्रय करता है तो 2 प्रतिशत की छूट प्रदत्त हो

संबंधित लिंक
http://information.up.nic.in/View_Hindinews.aspx?id=836