प्रश्न-निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) नासा द्वारा 5 सितंबर, 2018 को आइससैट-2 उपग्रह का प्रक्षेपण किया जाएगा।
(b) यह उपग्रह ग्रीनलैंड एवं अंटार्कटिका की बर्फ और हिमालयी ग्लेशियरों में होने वाले परिवर्तनों का पता लगाएगा।
(c) उपग्रह में ‘एडवांस्ड टोपोग्राफिक लेजर आल्टीमीटर सिस्टम’ (ATLAS) उपकरण संलग्न है।
(d) आइससैट-1 का प्रक्षेपण वर्ष 2003 में किया गया था।
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- 15 सितंबर, 2018 को नासा द्वारा ‘आइससैट-2’ (ICESAT-2) उपग्रह का प्रक्षेपण किया जाएगा।
- आइससैट-2 का पूर्णरूप है ‘आइस, क्लाउड एंड लैंड एलीवेशन सैटेलाइट-2’।
- बर्फ परतों, ग्लेशियरों एवं समुद्री बर्फ में होने वाले परिवर्तनों का पता लगाएगा।
- उपग्रह में एक वैज्ञानिक उपकरण एडवांस्ड टोपोग्राफिक लेजर आल्टीमीटर सिस्टम (ATLAS) संलग्न है।
- यह उपकरण हरे रंग की लेजर किरण का उत्सर्जन करेगा, जो छः भागों में विभाजित होकर पृथ्वी पर पहुंचेगी।
- इन लेजर किरणों के माध्यम से पृथ्वी पर बर्फ की ऊंचाई का मापन किया जाएगा।
- ध्यातव्य है कि पृथ्वी पर जमे हुए एवं बर्फीले क्षेत्रों को हिममंडल (Cryosphere) कहा जाता है।
- उपग्रह से प्राप्त आंकड़ों के माध्यम से ग्रीनलैंड, अंटार्कटिका और हिमालयी ग्लेशियरों में होने वाले परिवर्तनों का पता लगाया जाएगा।
- गौरतलब है कि आइससैट-1 का प्रक्षेपण वर्ष 2003 में किया गया था, जो वर्ष 2009 तक कार्यरत था।
संबंधित लिंक…
https://www.nasa.gov/press-release/nasa-launching-advanced-laser-to-measure-earth-s-changing-ice
https://www.nasa.gov/feature/goddard/2018/counting-on-nasas-icesat-2