भारत-अफ्रीका हाइड्रोकार्बन सम्मेलन

4th India Africa Hydrocarbons Conference 2016

प्रश्न-21-22 जनवरी, 2016 को चतुर्थ भारत-अफ्रीका हाइड्रोकार्बन सम्मेलन कहां आयोजित किया गया?
(a) नैरोबी
(b) गुवाहाटी
(c) नई दिल्ली
(d) बमाको
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 21-22 जनवरी, 2016 को नई दिल्ली में चतुर्थ भारत-अफ्रीका हाइड्रोकार्बन सम्मेलन आयोजित किया गया।
  • इस सम्मेलन का मुख्य विषय “Energizing the bottom of the pyramid: Together Towards Tomorrow”.
    हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में भारत एवं अफ्रीका के बीच सहयोग में और अधिक वृद्धि, अवसरों की तलाश करना एवं दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना इस सम्मेलन के प्रमुख उद्देश्य थे।
  • 21 अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में भाग लिया।
  • अपने उद्घाटन भाषण में भारत के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि 2014 में भारत ने अफ्रीका से 32 मिलियन मैट्रिक टन क्रूड आयात किया।
  • 29 मिलियन मैट्रिक टन क्रूड पश्चिमी देशों मुख्यतः नाइजीरिया और अंगोला से और 3 मिलियन मैट्रिक टन क्रूड उत्तरी अफ्रीकी देशों से आयात किया गया।
  • यह आयात भारत की कुल खतप का लगभग 16% है।
  • पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि भारत की घरेलू ऊर्जा स्रोतों की कमी को अफ्रीका की आधिक्य (Surplus) ऊर्जा भंडार (वहनीय वैश्विक ऊर्जा खपत का 15%) से पूर्ण किया जा सकता है।
  • अफ्रीका में पिछले दो दशकों में 100% की दर से तेल भंडार तथा 55% की दर से गैस भंडार बढ़े हैं।
  • पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि भारत की ऊर्जा खपत निश्चित दर से बढ़ रही है। भारत की प्राथमिक ऊर्जा खपत का CAGR (Compound Annual Growth Rate) पिछले 15 वर्षों में लगभग 7.3% रहा जबकि वैश्विक CAGR 3% है।
  • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी विश्व ऊर्जा दृष्टिकोण 2015 के अनुसार भारत वैश्विक ऊर्जा मांग की संवृद्धि में 25% भागीदारी करेगा।
  • उन्होंने कहा कि हम अपनी आवश्यकताओं का लगभग 78% क्रूड तेल एवं 35% प्राकृतिक गैस आयात करते हैं।
  • भारत की 23 तेल शोधन कारखाने (Refineries) पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात करते हैं।
  • भारत विश्व में रिफाइनिंग हब के रूप में उभर कर सामने आया है।
  • भारत विश्व का चौथा सबसे बड़ा शोधन क्षमता वाला देश है जो विश्व की कुल शोधन क्षमता का 4.5% भागीदार है।
  • भारत की रिफायनरियों में 180 से भी अधिक प्रकार के क्रूड को शोधन करने की क्षमता है।
  • 2014-15 में भारत ने 63 मिलियन मैट्रिक टन पेट्रोलियम उत्पाद का 55 से भी अधिक देशों को निर्यात किया।
  • उन्होंने कहा कि भारत की कंपनियां अफ्रीका में हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में व्यापक इंजीनियरिंग, खरीद एवं निर्माण (EPC) सेवाएं उपलब्ध करवा रही हैं।
  • इस सम्मेलन में अफ्रीकी देशों ने हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में उनकी क्षमताओं से अवगत करवाया।
  • ONGC विदेश लिमिटेड ने इक्वेटोरियल गिनी (Equatorial Guinea) के साथ E & P क्रियाओं में (इंजीनियरिंग एवं खरीद) सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
  • अफ्रीकी देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ताओं में अफ्रीका से तेल एवं गैस के आयात को बढ़ाने, भारत अफ्रीका के पेट्रोलियम उद्योग के क्षमता निर्माण एवं पेट्रोलियम उद्योग से संबंधित सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए मजबूत फ्रेमवर्क बनाने पर सहमति व्यक्त की गयी।
  • 250 पूर्व वित्तीय स्कॉलरशिप को घोषणा की गयी। यह स्कॉलरशिप उन अफ्रीकी व्यक्तियों को प्रदान की जाएगी जो भारत के संस्थानों में हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में तकनीकी शोध कार्य कर रहे हैं।
  • ज्ञातव्य है कि अक्टूबर, 2015 में आयोजित तीसरे भारत अफ्रीका मंच शिखर सम्मलेन में भारतीय प्रधानमंत्री ने अगले 5 वर्षों में 50000 अफ्रीकी लोगों को स्कॉलरशिप देने की घोषणा की थी जिसमें 250 स्कॉलरशिप पेट्रोलियम क्षेत्र से थी।
  • अपने समापन भाषण में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक साथ कार्य करते हुए ऊर्जा गरीबी (Energy Poverty) से ऊर्जा न्याय (Energy Justice) की ओर बढ़ने का सुझाव दिया।
  • ज्ञातव्य है कि पहला, दूसरा एवं तीसरा भारत अफ्रीका हाइड्रोकार्बन सम्मेलन क्रमशः 2007, 2009, 2011 में आयोजित किया गया था।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://www.iahc2016.com/
http://www.iahc2016.com/press-release-1.html
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=134670
http://www.mea.gov.in/Speeches-Statements.htm?dtl/26286/Valedictory_Address_by_External_Affairs_Minister_at_IndiaAfrica_Hydrocarbon_Conference_2016_January_22_2016