स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन स्वायत्तशासी निकायों को युक्तिसंगत बनाने की मंजूरी

rationalization of Autonomous Bodies under Department of Health & Family Welfare

प्रश्न-जनसंख्या स्थिरीकरण कोष किस वर्ष स्थापित किया गया था?
(a) वर्ष 2002
(b) वर्ष 2003
(c) वर्ष 2004
(d) वर्ष 2005
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • 7 फरवरी, 2018 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन स्वायत्तशासी निकायों को युक्तिसंगत बनाने को मंजूरी प्रदान की गई।
  • इन निकायों में राष्ट्रीय आरोग्य निधि (आरएएन) और जनसंख्या स्थिरता कोष (जेएसके) शामिल हैं।
  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तहत इनके कामकाज को किया जाना प्रस्तावित है।
  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन स्वायत्तशासी निकायों को युक्तिसंगत बनाने में अंतर-मंत्रालयी परामर्श तथा इन निकायों के मौजूदा उप-नियमों की समीक्षा भी शामिल है।
  • राष्ट्रीय आरोग्य निधि का गठन एक पंजीकृत सोसाइटी के रूप में केंद्रीय सरकारी अस्पतालों में उपचार कराने वाले निर्धन मरीजों को वित्तीय सहायता देने हेतु किया गया था।
  • राष्ट्रीय आरोग्य निधि का कामकाज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन लाया जाएगा।
  • इस निधि की प्रबंध समिति सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के प्रावधानों के तहत स्वायत्तशासी निकायों को रद्द करने हेतु बैठक करेगी।
  • इसके अलावा स्वास्थ्यमंत्री के कैंसर रोधी निधि को भी विभाग को स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसके लिए एक वर्ष का समय निर्धारित है।
  • जनसंख्या स्थिरता कोष वर्ष 2003 में 100 करोड़ रुपए की निधि से स्थापित किया गया था।
  • उद्देश्य-जनसंख्या स्थिरीकरण रणनीतियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा लक्षित आबादी के दृष्टिगत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करना है।
  • एक स्वायत्तशासी निकाय के रूप में जेएसके को बंद किया जा सकता है क्योंकि निधि के तौर पर उसका कामकाज विभाग द्वारा संभव है।
  • व्यय प्रबंधन आयोग की सिफारिशों पर नीति आयोग ने 19 स्वायत्तशासी निकायों की समीक्षा की थी जिन्हें सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत स्थापित किया गया था।
  • इस समिति द्वारा जेएसके (जनसंख्या स्थिरता कोष) को बंद करने की तथा उनके कामकाज को मंत्रालय के अधीन लाने की सिफारिश की गई है।

संबंधित लिंक
http://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1519581