सेबी ने कॉर्पोरेट बॉण्ड पर विदेशी निवेश सीमा को हटाया

प्रश्न-निम्नलिखित तथ्यों पर विचार करें:
(1) हाल ही में सेबी द्वारा एक कंपनी के कॉर्पोरेट बॉण्ड में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा निवेश पर 20 प्रतिशत की सीमा को हटा दिया गया है।
(2) विदेशी संस्थागत निवेशक तथा पात्र विदेशी निवेश का विलय कर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बनाने की सिफारिश अरविंद मायाराम समिति द्वारा की गई है।
(3) विदेशी पोर्टफोलियों निवेश (FPI) में किसी विदेशी देश में वित्तीय परिसंपत्तियों जैसे, स्टाक तथा बॉण्ड का निवेश शामिल है।
उपर्युक्त तथ्यों के आधार पर निम्न में कौन सा/से विकल्प सत्य है/हैं:-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) सभी 1,2,3
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 12 मार्च, 2019 को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा एक कंपनी के कॉर्पोरेट बॉण्ड में विदेशी पोर्टफोलियों निवेशको द्वारा निवेश पर 20 प्रतिशत की सीमा को हटा दिया गया है।
  • उल्लेखनीदय है कि सेबी का यह निर्णय भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुपालन के संदर्भ में लिया गया है।
  • ध्यातव्य है कि जून, 2018 में सेबी ने आदेशित किया था कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक के पास एक सिंगल कॉर्पोरेट के लिए उसके कॉर्पोरेट बॉण्ड पोर्टफोलियो के 20 प्रतिशत से अधिक का जोखिम नहीं होगा।
  • यद्यपि कि फरवरी, 2019 में केंद्रीय बैंक ने बाजार की प्रतिक्रिया को दृष्टिगत रखते हुए उक्त सीमा को हटा दिया है।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013-14 में गठित अरविंद मायाराम समिति ने विदेशी संस्थागत निवेशक तथा पात्र विदेशी निवेशक की व्यवस्था का विलय कर नई व्यवस्था विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बनाने की सिफारिश की है।

लेखक-राजन शुक्ला

संबंधित लिंक भी देखें…
https://www.businesstoday.in/current/policy/sebi-lifts-foreign-investment-cap-in-corporate-bonds/story/327049.html
https://www.sebi.gov.in/legal/circulars/mar-2019/review-of-investment-by-foreign-portfolio-investors-fpi-in-debt-securities_42326.html