प्रश्न-‘सुरंगा बाबड़ी’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
(1) ‘सुरंगा बावड़ी’ को विश्व स्मारक कोष द्वारा विश्व स्मारक निगरानी सूची में शामिल किया गया है।
(2) इस बावड़ी का निर्माण 16वीं शताब्दी में आदिलशाह प्रथम ने करवाया था।
(3) कारेज प्रणाली पर आधारित यह बावड़ी कर्नाटक के विजयपुरा में स्थित है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल (1) और (2)
(b) केवल (2) और (3)
(c) केवल (1)
(d) (1), (2) और (3)
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
(1) ‘सुरंगा बावड़ी’ को विश्व स्मारक कोष द्वारा विश्व स्मारक निगरानी सूची में शामिल किया गया है।
(2) इस बावड़ी का निर्माण 16वीं शताब्दी में आदिलशाह प्रथम ने करवाया था।
(3) कारेज प्रणाली पर आधारित यह बावड़ी कर्नाटक के विजयपुरा में स्थित है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल (1) और (2)
(b) केवल (2) और (3)
(c) केवल (1)
(d) (1), (2) और (3)
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
- 11 नवंबर, 2019 को न्यूयार्क स्थित गैर-सरकारी संगठन विश्व स्मारक कोष (WMF) ने प्राचीन भूमिगत जल प्रणाली ‘सुरंगा बावडी’ को विश्व स्मारक निगरानी सूची-2020 में शामिल किया गया है।
- इस बावड़ी का निर्माण 16वीं शताब्दी में आदिलशाह प्रथम ने करवाया था।
- आदिलशाह प्रथम के उत्तराधिकारी इब्राहिम आदिल शाह द्वितीय ने इसको मजबूत करने के लिए इसमें कई संरचनात्मक सुधार किए थे।
- प्राचीन कारेज प्रणाली पर आधारित यह बावड़ी कर्नाटक के विजयपुरा (बीजापुर) में स्थित है।
- सुरंगा बावड़ी को दुनिया भर के 24 स्मारकों के साथ ‘दक्षिण पठार की प्राचीन जल प्रबंधन’ की श्रेणी में चुना गया है।
- ध्यातव्य है कि कारेज प्रणाली में भूमिगत नहरों का जाल होता है तथा यह प्रणाली भूमिगत जलस्रोतों से जल का संग्रहण करती है।
- उल्लेखनीय है कि विश्व समारक कोष (WMF) की स्थापना वर्ष 1965 में न्यूयार्क में एक गैर-सरकारी संगठन के रूप में की गई थी।
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