सीसीईए द्वारा ‘महासागरीय सेवाओं, प्रौद्योगिकी, निगरानी, संसाधन, प्रतिरूपण और विज्ञान (ओ-स्मार्ट)’ योजना को मंजूरी

प्रश्न-29 अगस्त, 2018 को सीसीईए द्वारा ‘महासागरीय सेवाओं, प्रौद्योगिकी निगरानी, संसाधन प्रतिरूपण और विज्ञान (ओ-स्मार्ट) योजना को मंजूरी दी गई। इससे संबंधित निम्न कथनों पर विचार कीजिए।
(i) यह संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एक व्यापक योजना है।
(ii) इस योजना की कुल लागत 1623 करोड़ रुपये है।
(iii) यह योजना वर्ष 2017-18 से 2019-20 की अवधि के दौरान लागू रहेगी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(a) केवल (ii) एवं (iii)
(b) केवल (i) एवं (iii)
(c) केवल (i) एवं (ii)
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 29 अगस्त, 2018 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने ‘महासागरीय सेवाओं, प्रौद्योगिकी, निगरानी, संसाधन प्रतिरूपण और विज्ञान’ (O-SMART : Ocean Services, Technology, Observations Resources Modelling and Science) को मंजूरी दी।
  • यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक व्यापक योजना है।
  • ओ-स्मार्ट योजना के अंतर्गत स्थापित आधुनिक पूर्व चेतावनी प्रणालियां, सुनामी, झंझावात जैसी समुद्री आपदाओं से प्रभावी तरीके से निपटने में मदद करेंगी।
  • इस योजना की कुल लागत 1623 करोड़ रुपये है।
  • यह योजना वर्ष 2017-18 से 2019-20 की अवधि के दौरान लागू रहेगी।
  • इस योजना में महासागर विकास से जुड़ी 16 उप-परियोजनाओं जैसे- सेवाएं, प्रौद्योगिकी, संसाधन, प्रेषण और विज्ञान आदि को शामिल किया गया है।
  • ओ-स्मार्ट के कार्यान्वयन से सतत विकास लक्ष्य 14 से जुड़े मुद्दों के समाधान में मदद मिलेगी, जिनका उद्देश्य महासागरों के इस्तेमाल, निरंतर विकास के समुद्री संसाधनों का संरक्षण करना है।
  • यह योजना नीली अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक वैज्ञानिक और तकनीकी पृष्ठभूमि प्रदान करेगी।
  • ओ-स्मार्ट योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सेवाओं से तटीय और महासागरीय क्षेत्रों जैसे- मत्स्य पालन, समुद्र तटीय उद्योग, तटीय राज्यों, रक्षा, नौवहन, बंदरगाहों आदि को लाभ मिलेगा।
  • ज्ञातव्य है कि नवंबर, 1982 में बनाई गई महासागरीय नीति के विवरण के अनुसार, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय-(i) महासागर सूचना सेवाओं का समूह प्रदान करने, (ii) समुद्री संसाधनों को निरंतर उपयोग में लाने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने, (iii) अग्रिम श्रेणी के अनुसंधान को बढ़ावा देने तथा (iv) महासागरीय वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने के लिए महासागर विकास के क्षेत्र में अनेक बहुविषयक परियोजनाओं को लागू कर रहा है।

लेखक – विवेक कुमार त्रिपाठी

संबंधित लिंक…
http://pib.gov.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=183117