संपदा योजना

Cabinet approves New Central Sector Scheme – SAMPADA (Scheme For Agro-Marine Processing And Development Of Agro-Processing Clusters)

प्रश्न-हाल ही में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा किस योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजनाओं के पुनर्गठन को मंजूरी प्रदान की गई?
(a) संपदा योजना प्रसंस्करण योजना
(b) प्रसंस्करण योजना
(c) खाद्य सुरक्षा योजना
(d) खाद्य प्रसंस्करण पुनर्गठन योजना
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 3 मई, 2017 को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा नई केंद्रीय क्षेत्र योजना संपदा (SAMPADA-Scheme for Agro Marine Processing and Development of Agro Processing Clusters) के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजनाओं के पुनर्गठन को मंजूरी प्रदान की गयी।
  • यह मंजूरी 14वें वित्त आयोग चक्र के साथ वर्ष 2016-2020 की अवधि के लिए दी गई है।
  • इस नई योजना हेतु 6000 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया गया है।
  • इसमें 31,400 करोड़ रुपये का निवेश होगा जिससे 334 लाख मिट्रिक टन (मूल्य 1,04,125 करोड़ रुपये) कृषि उत्पादन होगा।
  • इससे वर्ष 2019-20 के दौरान प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से देशभर में 5,30,500 रोजगार सृजित होंगे और 20 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
  • संपदा योजना का उद्देश्य कृषि को पूरक बनाना, प्रसंस्करण का आधुनिकीकरण करना और कृषि अपशिष्ट को कम करना है।
  • संपदा एक ऐसी योजना है जिसमें मंत्रालय की चल रही योजनाओं यथा मेगा फूड पार्क्स, एकीकृत कोल्ड चेन और वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर, फूड सेफ्टी एंड क्वालिटी एश्योरेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि योजनाओं को शामिल किया गया है।
  • इसके अलावा इसमें नवीन योजनाएं यथा एग्रो-प्रोसेसिंग क्लस्टर के लिए बुनियादी ढांचा, पिछड़े और अग्रेषण निर्माण संबंधी, खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण की क्षमता का निर्माण और विस्तार शामिल हैं।
  • संपदा एक व्यापक पैकेज है जिससे खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को एक नया आयाम मिलेगा।
  • संपदा के क्रियान्वयन के परिणामस्वरूप कुशल आपूर्ति प्रबंधन शृंखला के प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे का सृजन होगा जिससे कृषि उत्पाद खेत से सीधे रिटेल आउटलेट तथा पहुंचाया जा सकेगा।
  • यह न केवल देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देगा अपितु किसानों को बेहतर कीमत प्रदान करने में भी मददगार होगा।
  • यह कृषि उत्पाद के अपव्यय को कम करने, प्रसंस्करण के स्तर को बढ़ाने, उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर सुरक्षित और सुविधाजनक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की उपलब्धता और संसाधित खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ाने में भी सहायक होगा।

संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=60800
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=161512
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