वैश्विक पर्यावरण ‘दृष्टिकोण रिपोर्ट’

प्रश्न-हाल ही में वैश्विक पर्यावरण दृष्टिकोण (Global Environmental Outlook) रिपोर्ट का छठां संस्करण जारी किया गया-
(a) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के द्वारा
(b) संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के द्वारा
(c) विश्व बैंक के द्वारा
(d) विश्व आर्थिक मंच के द्वारा
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • मार्च, 2019 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के द्वारा वैश्विक पर्यावरण दृष्टिकोण (Global Environmental Outlook) रिपोर्ट का छठां संस्करण जारी किया गया।
  • इसके अनुसार, पूरे विश्व में होने वाली एक-चौथाई अकाल मौतों और बीमारियों का एक बड़ा कारण मानव जनित प्रदूषण और पर्यावरणीय क्षति है।
  • ध्यातव्य है कि 2015 में 9 मिलियन मौतें इसी के कारण हुईं।
  • रिपोर्ट में भारत के विषय में कहा गया है कि यदि सदी के अंत तक पृथ्वी (Globe) का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा नहीं बढ़ता है तो इससे भारत को मौद्रिक लाभ हासिल होगा।
  • यह मौद्रिक लाभ स्वास्थ्य देखभाल (Health Care) की लागत में 3 ट्रिलियन डॉलर की बचत के रूप में होगा।
  • भारत की घोषित प्रतिबद्धता, वर्ष 2005 के स्तर की तुलना में इसके GDP की उत्सर्जन तीव्रता को वर्ष 2030 तक 33 से 35 प्रतिशत तक कम करना है।
  • साथ ही भारत वर्ष 2030 तक जीवाश्म मुक्त ऊर्जा स्रोतों से कुल संचयी बिजली उत्पादन को 40% तक बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
  • मुख्य बिंदु
  • रिपोर्ट के अनुसार, स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति न होने से प्रतिवर्ष 1.4 मिलियन लोगों की मृत्यु रोगजनक बीमारियों से होती है।
  • समुद्र में पहुंचने वाले रसायनों से कई पीढ़ियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है एवं वायु प्रदूषण से सालाना 6-7 मिलियन मौतें होती हैं।
  • खाद्य अपशिष्ट जो वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का 9 प्रतिशत है, को नष्ट किया जा सकता है।
  • वर्तमान में उत्पादित सभी खाद्य पदार्थों का एक तिहाई भाग दुनिया फेंक देती है।

संबंधित लिंक भी देखें…
https://www.unenvironment.org/resources/global-environment-outlook-6-regional-assessments