वैश्विक अपशिष्ट प्रबंधन दृष्टिकोण

Global Waste Management Approach

प्रश्न-7 सितंबर, 2015 को ‘वैश्विक अपशिष्ट प्रबंधन दृष्टिकोण’ रिपोर्ट निम्नलिखित में से किसके द्वारा जारी किया गया?
(a) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम
(b) यूनेस्को
(c) विश्व बैंक
(d) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 07 सितंबर, 2015 को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और ‘अंतर्राष्ट्रीय ठोस अपशिष्ट संघ’ (ISWA) द्वारा ‘वैश्विक अपशिष्ट प्रबंधन दृष्टिकोण (Global Waste Management Outlook) रिपोर्ट जारी की गयी।
  • उल्लेखनीय है कि यह रिपोर्ट यूनईपी के अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण तकनीकी केंद्र (IETC) और आईएसडब्ल्यूए द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गयी है।
  • ध्यातव्य है कि 7 से 9 सितंबर, 2015 तक एंटवर्प (बेल्जियम) में आयोजित ‘अंतर्राष्ट्रीय ठोस अपशिष्ट संघ (ISWA) के वर्ल्ड कांग्रेस-2015 में यह रिपोर्ट जारी की गयी।
  • गौरतलब है कि इस रिपोर्ट के अनुसार अपर्याप्त अपशिष्ट प्रबंधन सार्वजनिक स्वास्थ्य, आर्थिक और पर्यावरण के लिए एक प्रमुख समस्या बन गया है।
  • वैश्विक रूप से प्रतिवर्ष 7 से 10 बिलियन टन शहरी अपशिष्ट का उत्पादन होता है।
  • दुनिया भर में तीन अरब लोक नियंत्रित अपशिष्ट निपटान की सुविधा से वंचित हैं।
  • वर्ष 2030 तक निम्न आय वाले अफ्रीकी और एशियाई शहरों में बढ़ती जनसंख्या, नगरीकरण और बढ़ते उपभोग के कारण अपशिष्ट उत्पादन दोगुना हो जाने की संभावना है।
  • वैश्विक स्तर पर प्रतिवर्ष कुल नगरपालिका ठोस अपशिष्ट लगभग दो बिलियम टन है।
  • देशों के भीतर और विभिन्न देशों के मध्य अपशिष्ट उत्पादन में भिन्नता है।
  • प्रतिव्यक्ति नगरपालिका ठोस अपशिष्ट उत्पादन का राष्ट्रीय आय से गहरा संबंध है।
  • उच्च आय वाले देशों में नगरपालिका ठोस अपशिष्ट उत्पादन दर स्थिर होना प्रारंभ हो गया है।
  • निम्न और मध्यम आय वाले देशों की अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि होने से प्रतिव्यक्ति ठोस अपशिष्ट उत्पादन तेज होने का अनुमान है।
  • विश्व के उच्च आय वाले क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि, शहरों की ओर पलायन और अर्थव्यवस्था के विकास के कारण अपशिष्ट उत्पादन में तीव्र वृद्धि हुई है।
  • वर्ष 2010 में परंपरागत उच्च आय वाले देशों में संपूर्ण अपशिष्ट का आधा उत्पादन होता था।
  • वर्ष 2030 में एशिया समग्र नगरपालिका अपशिष्ट उत्पादन के मामले में उच्च आय वाले देशों को पीछे छोड़ देगा।
  • इस सदी में अफ्रीका समग्र नगरपालिका अपशिष्ट उत्पादन के संदर्भ में एशिया और उच्च आय वाले देशों को पीछे छोड़ देगा।
  • निम्न आय वाले देशों में समग्र नगरपालिका ठोस अपशिष्ट में कार्बनिक अंश की मात्रा (50 से 70%) उच्च आय वाले देशों (20 से 40%) की तुलना में अधिक है।
  • नगर पालिका ठोस अपशिष्ट संग्रह को शहरी आबादी के 100% तक विस्तार करना एक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकता है।
  • पर्यावरण संरक्षण के लिए प्राथमिकता अनियंत्रित निपटान को खत्म करना है।
  • गौरतलब है कि रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया में प्रमुख डंपिंग स्थलों में एक बन गया है।
  • अपशिष्ट उत्पन्न करने वाले प्रमुख स्रोत घर, कारखाने और अस्पताल हैं।
  • विश्व के 50 प्रमुख कूड़े के ढेरों में से 3 ढेर स्थल भारत में स्थित हैं।
  • भारत ने नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी में संपूर्ण विश्व द्वारा किए गए कुल निवेश का 5% निवेश किया है।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://www.iswa.org/fileadmin/galleries/World_Congress_2015_Antwerp/GWMO_PRL_FINAL.pdf
http://iswa2015.org/global-waste-management-outlook
http://www.iswa.org/nc/home/news/news-detail/article/press-release-global-waste-management-outlook-gwmo/109/