प्रश्न-20 जनवरी, 2020 को किस संस्था द्वारा जारी रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2020 में बेरोजगारों की संख्या में लगभग 25 लाख की वृद्धि होगी?
(a) आईएलओ
(b) यूएनडीपी
(c) आईएमएफ
(d) यूएनओ
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- 20 जनवरी, 2020 को अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा ‘विश्व रोजगार और सामाजिक परिदृश्यः 2020’ नामक रिपोर्ट जारी की गई।
- ये रिपोर्ट दिखाती है कि वर्ष 2020 में बेरोजगारों की संख्या में लगभग 25 लाख की वृद्धि होगी।
- इसके अनुसार, वैश्विक स्तर पर बेरोजगारी की दर विगत 9 वर्षों के दौरान लगभग स्थिर रही है।
- लेकिन मौजूदा समय में विश्व स्तर पर अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार का मतलब है कि श्रम बाजार में नए दाखिल होने वाले लोगों के लिए समुचित संख्या में रोजगार के अवसर नहीं बन पा रहे हैं।
- जबकि विश्वभर में काम-काज करने वालों की संख्या बढ़ रही है।
- इसके अनुसार, विश्वभर में लगभग 18 करोड़ 80 लाख लोग बेरोजगार हैं।
- इसके अलावा लगभग 16 करोड़ 50 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्हें समुचित सवैतनिक काम-काज नहीं मिल पाता है।
- इस स्थिति से विश्वभर में लगभग 47 करोड़ लोग प्रभावित हैं।
- रिपोर्ट में श्रम बाजार में व्याप्त विषमताओं का भी जायाजा लिया गया है।
- रिपोर्ट में नए डेटा और नया आकलन करके दिखाया गया है।
- रिपोर्ट के अनुसार, विश्वभर में श्रम बाजार में जाने वाली राष्ट्रीय आमदनी में वर्ष 2004 से 2017 के बीच काफी कमी हुई है, जो 54 प्रतिशत से कम होकर 51 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
- ये महत्वपूर्ण आर्थिक गिरावट यूरोप, मध्य एशिया और अमेरिकी देशों में ज्यादा देखी गई है।
- विकासशील देशों में काम-काजी गरीबी में वर्ष 2020-21 के दौरान औसत से लेकर अत्यधिक बढ़ोत्तरी होने का अनुमान है।
- ऐसे हालात में सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) में लक्ष्य संख्या-1 को हासिल करने में बाधाएं उत्पन्न होंगी।
- इसमें विश्वभर से वर्ष 2030 तक गरीबी को दूर करने का लक्ष्य रखा गया है।
- इसमें ‘काम-काजी गरीबी’ को ऐसी स्थिति परिभाषित किया गया है, जिसमें प्रतिदिन 3 डॉलर 20 सेंट से कम आमदनी हो।
- इस काम-काजी गरीबी से विश्वभर में लगभग 63 करोड़ लोग प्रभावित हैं।
- रिपोर्ट दिखाती है कि अन्य महत्वपूर्ण विषमताओं में लिंग, उम्र और भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर भेदभाव भी मौजूदा श्रम बाजार में अड़ियल असमानताओं के रूप में बनी हुई है।
- इसमें व्यक्तियों को निजी रूप में अवसरों का लाभ नहीं मिलता और व्यापक स्तर पर आर्थिक विकास प्रभावित होता है।
- विशेष रूप से 15 से 24 वर्ष की उम्र के लगभग 26 करोड़ 70 लाख युवा रोजगार से बाहर हैं, न तो कोई शिक्षा हासिल कर रहे हैं और न ही किसी तरह का प्रशिक्षण ले रहे हैं।
- रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ते व्यापार प्रतिबंधों और संरक्षणवाद के कारण रोजगार क्षेत्र पर प्रत्यक्ष और परोक्ष दोनों ही रूप में महत्वपूर्ण असर पड़ सकता है।
- उल्लेखनीय है कि आईएलओ (ILO) की यह वार्षिक रिपोर्ट विश्वभर में श्रम बाजार के मुद्दों का आकलन और विश्लेषण करती है।
लेखक-विवेक कुमार त्रिपाठी
संबंधित लिंक भी देखें…
https://www.ilo.org/global/research/global-reports/weso/2020/lang–en/index.htm