विनिर्दिष्ट बैंक नोट (दायित्वों की समाप्ति) विधेयक, 2017

specified bank notes Bill 2017

प्रश्न-विनिर्दिष्ट बैंक नोट (दायित्वों की समाप्ति) विधेयक लोकसभा में कब पारित हुआ?
(a) 5 फरवरी, 2017
(b) 6 फरवरी, 2017
(c) 7 फरवरी, 2017
(d) 8 फरवरी, 2017
उत्तर-(C)
संबंधित तथ्य

  • 7 फरवरी, 2017 को विनिर्दिष्ट बैंक नोट (दायित्वों की समाप्ति) विधेयक, 2017 लोकसभा में पारित हुआ।
  • यह बिल निर्दिष्ट बैंक नोट (दायित्वों की समाप्ति) अध्यादेश, 2016 का स्थान लेगा जिसे 30 दिसंबर, 2016 को जारी किया गया था।
  • यह विधेयक 31 दिसंबर, 2016 को प्रवृत्त हुआ समझा जाएगा।
  • 31 दिसंबर, 2016 से 500 रुपये और 1,000 रुपये के पुराने नोटों के संदर्भ में रिजर्व बैंक का कोई दायित्व नहीं होगा।
  • केंद्र सरकार भी इन नोटों की गारंटी नहीं देगी।
  • आरबीआई एक्ट, 1934 के तहत अधिसूचना जारी कर 8 नवबंर, 2016 को इन नोटों को विमुद्रित कर दिया गया था।
  • अधिसूचना में 30 दिसंबर, 2016 तक इन नोटों की बैंक या डाकघरों में जमा करने की अनुमति दी गई थी।
  • इस विधेयक में 31 दिसंबर, 2016 के बाद किसी व्यक्ति द्वारा 10 से अधिक पुराने नोट या अध्ययन, अनुसंधान, मुद्राशास्त्र के उद्देश्य से अधिकतम 25 नोट अपने पास रखने पर सजा का प्रावधान किया गया है।
  • विधेयक में एक हजार और पांच सौ रुपये के पुराने नोटों को रखने, दूसरों को देने और प्राप्त करने को प्रतिबंधित किया गया है।
  • आरबीआई या उसके द्वारा अधिकृत किसी व्यक्ति को विधेयक में प्रतिबंध से छूट दी गई है।
  • इसके अलावा कोई भी व्यक्ति न्यायालय के आदेश पर नोट अपने पास रख सकता है।
  • यदि कोई व्यक्ति निर्दिष्ट नोट बैंक अपने पास रखता है तो इस पर दस हजार रुपये अथवा उल्लंघन में शामिल निर्दिष्ट बैंक नोट के अंकित मूल्य राशि का पांच गुना, इनमें से जो अधिक होगा, बतौर जुर्माना लगाया जाएगा।
  • उल्लंघन/चूक यदि कंपनी द्वारा किया गया है तो प्रत्येक वह व्यक्ति जो उल्लंघन/चूक के समय कंपनी का प्रभारी और उत्तरदायी था, दोषी माना जाएगा और उसी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी और दंडित किया जाएगा।
  • बिल के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट की अदालत या मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा जुर्माना लगाया जाएगा।

संबंधित लिंक
https://www.rbi.org.in/hindi/Scripts/Faqs.aspx?ID=59
http://164.100.47.5/Bullitensessions/sessionno/242/08022017.pdf