वर्षांत समीक्षा-2014 सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय

प्रश्न-सांख्यिकी विभाग और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की स्थापना कब की गई?
(a) 16 अक्टूबर, 1998
(b) 24 अक्टूबर, 2001
(c) 15 अक्टूबर, 1999
(d) 20 अक्टूबर, 1999
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 27 दिसंबर, 2014 को सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा वर्षांत समीक्षा-2014 (Year End Review-2014 of Ministry of Statistics & Programme Implementation) जारी की गई।
  • वर्षांत समीक्षा-2014 के अनुसार सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय में वर्ष 2014 में किए गए कार्य निम्नलिखित हैं:
  • 31 जनवरी, 2014 को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) ने वर्ष 2012-13 के लिए राष्ट्रीय आय, खपत खर्च, बचत और पूंजी व्यवस्था के प्रथम संशोधित अनुमान प्रकाशित किए।
  • 7 फरवरी, 2014 को सीएसओ ने राष्ट्रीय आय के अग्रिम अनुमान प्रकाशित किए।
  • सीएसओ ने वर्ष 2014 में सकल घरेलू उत्पाद के चार तिमाही अनुमान भी प्रकाशित किए।
  • सीएसओ ने वर्ष 2014 के दौरान राज्यों/संघ शासित प्रदेशों और अखिल भारतीय स्तर पर 2010=100 के आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक [सीपीआई (ग्रामीण/शहरी/मिश्रित) ]प्रकाशित किया तथा हर महीने अखिल भारतीय सामान्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (मिश्रित) बिन्दुवार (Point-to-Point) आधार पर वार्षिक मुद्रास्फीति दर प्रकाशित की गयी।
    सीएसओ ने वर्ष 2014 के दौरान हर महीने औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि दर्शाने वाला औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index of Industrial Production: IIP) प्रकाशित किया।
  • 20 मार्च 2014 को उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण (Annual Survey of Industries: ASI) 2011-12 के परिणाम जारी किए गए।
  • उल्लेखनीय है कि एएसआई भारत में औद्योगिक आंकड़ों का प्रमुख स्रोत है।
  • इसके आलावा सीएसओ ने वर्ष 2014 के दौरान निम्नलिखित रिपोर्ट प्रस्तुत की हैं:- (i) सांख्यिकीय ईयर-बुक भारत-2014, (ii) आंकड़ों में भारत-2014, (iii) ऊर्जा संबंधी आंकड़ों का प्रकाशन-2014, (iv) अवसंरचना संबंधी आंकड़ों का प्रकाशन-2014, (v) भारत में महिलाएं और पुरुष-2014, (vi) सहस्राब्दी विकास लक्ष्य-इंडिया कंट्री रिपोर्ट, 2013
    (vii) वर्ष 2013 के पर्यावरण संबंधी आंकड़ों का सारांश, (viii) दक्षेस (सार्क) सामाजिक चार्टर/दक्षेश विकास लक्ष्य-इंडिया कंट्री रिपोर्ट-2014 ।
    सर्वेक्षण के 97वें अंक और एनएसएस के 68वें और 69वें दौर के लिए इकाई स्तरीय आंकड़ों के प्रकाशन के अलावा एनएसएसओ ने वर्ष 2013-14 के दौरान निम्नलिखित रिपोर्ट जारी की-

 I. एनएसएस का 66वां दौर (जुलाई 2009- जून 2010)

(i) भारत के प्रमुख धार्मिक समूहों के बीच रोजगार और बेरोजगारी की स्थिति।
(ii) भारत के शहरों और कस्बों में रोजगार और बेरोजगारी की स्थिति।

II. एनएसएस का 68वां दौर (जुलाई 2011- जून-2012)

(i) भारत में वर्ष 2011-12 में रोजगार और बेरोजगारी के प्रमुख संकेतक।
(ii) भारत में वर्ष 2011-12 में घरेलू उपभोक्ता खर्च के प्रमुख संकेतक।
(iii) भारत में रोजगार और बेरोजगारी की स्थिति।
(vi) वर्ष 2011-12 में उपभोक्ता खर्च का स्तर और स्वरूप।

III. एनएसएस का 69वां दौर (जुलाई 2012- दिसंबर, 2012)

(i) भारत में पेयजल, सफाई, स्वच्छता और आवासीय परिस्थितियों के प्रमुख संकेतक।
(ii) भारत में शहरी मलिन बस्तियों के प्रमुख संकेतक।
IV. एनएसएस का 70वां दौर (जनवरी, 2013- दिसंबर, 2013)
(i) भारत में जमीन और मवेशी भंडार।
(ii) अखिल भारत और निवेश (All India and Investment)।
(iii) कृषि संबंधी परिवारों की स्थिति का आकलन (Situational Assessment of Agriculture)।

  • 30 जुलाई, 2014 को ‘छठी आर्थिक जनगणना’ (ईसी) के अनंतिम परिणाम नई दिल्ली में जारी किए गए।
  • उल्लेखनीय है कि जनवरी, 2013 से अप्रैल, 2014 तक राज्यों एवं संघ शासित क्षेत्रों के आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालयों के सहयोग से मंत्रालय ने ‘छठी आर्थिक जनगणना’ का संचालन किया।
  • ‘छठी आर्थिक जनगणना’की अखिल भारतीय रिपोर्ट मार्च, 2015 तक जारी होने की संभावना है।
  • 13-14 नवंबर, 2014 को 22वां केंद्रीय और राज्य सांख्यिकी संगठनों का सम्मेलन (COCSSO) आयोजित किया गया।
  • इस सम्मेलन में जिला स्तर पर आंकड़ों को बेहतर बनाने और सांख्यिकी कार्यों के लिए मानव संसाधन बढ़ाने और क्षमता निर्माण आदि की सिफारिश की गई।
  • 29 जून, 2014 को मंत्रालय द्वारा ‘8वें सांख्यिकी दिवस’ का आयोजन किया गया।
  • 15 अक्टूबर, 1999 को सांख्यिकी विभाग और कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग के विलय के पश्चात सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की स्थापना की गई।
  • सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय देश में सांख्यिकीय व्यवस्था के एकीकृत विकास के नियोजन और सरलीकरण के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में अपने उद्देश्य को पूर्ण कर रहा है।
  • यह 20 सूत्री कार्यक्रम (टीपीपी) और केंद्रीय क्षेत्र के 150 करोड़ रुपये और उससे अधिक लागत वाली ढांचागत परियोजनाओं के अलावा सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) की निगरानी कर रहा है।

संबंधित लिंक भी देखें…

http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=114139