वर्षांत समीक्षा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय

Year End Review - Ministry of New and Renewable Energy

प्रश्न-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का शुभारंभ कब किया?
(a) 20 नवंबर
(b) 25 नवंबर
(c) 30 नवंबर
(d) 1 दिसंबर
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 15 सितंबर, 2015 को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्षांत समीक्षा 2015 जारी की गयी।
  • भारत विश्व में सबसे बड़े नवीकरणीय क्षमता विस्तार कार्यक्रम का संचालन रहा है।
  • जिसका उद्देश्य नवीकरणीय क्षेत्रों में व्यापक प्रेरणा के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा में वृद्धि करना है।
  • देश में सौर ऊर्जा के 20,000 मेगावाट के लक्ष्य को स्थापित करने के प्रस्ताव को एनडीए सरकार ने फिर से तय करते हुए 2022 तक सौर ऊर्जा के लक्ष्य को पांच गुना बढ़ाते हुए एक लाख मेगावाट कर दिया है।
  • 31 अक्टूबर, 2015 तक देश में लगभग 38 गीगावाट की संचयी क्षमता वाली नवीकरणीय ऊर्जा की इंटरैक्टिव ग्रिड स्थापित की जा चुकी है।
  • भारत वर्ष 2030 तक गैर जीवाश्म ईधन आधारित ऊर्जा संसाधनों से 40 प्रतिशत संचयी विद्युत ऊर्जा क्षमता प्राप्त करेगा।
  • सरकार ने ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य में वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट तक वृद्धि की है।
  • इस वृद्धि में सौर ऊर्जा से 100 गीगॉवाट, पवन से 60 गीगॉवाट, जैवशक्ति से 10 गीगावॉट और लघु पन-विद्युत से 5 गीगॉवाट सम्मिलित है।
  • देश में इस वित्तीय वर्ष में अब तक सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से जुड़ी ऊर्जा उत्पादन क्षमता में कुल 2,311.88 मेगावॉट की वृद्धि हुई है।
  • अक्टूबर के अंत तक सभी नवीकरणीय स्रोतों से देश के विद्युत ग्रिड से जुड़ी विद्युत उत्पादन क्षमता कुल 3,8096.49 मेगावॉट थी।
  • भारत नवीकरणीय ऊर्जा के हितधारकों के साथ वैश्विक निवेश समुदाय को जोड़ने के लिए प्रथम नवीकरणीय ऊर्जा वैश्विक निवेश संवर्धन सम्मेलन और प्रदर्शनी (पुनः निवेश) का आयोजन किया गया है।
  • इस पुनर्निवेश सम्मेलन का केंद्रीय विषय देश में नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण एवं उत्पादों की विनिर्माण सुविधाओं के लिए निवेशकों को प्रोत्साहन देना है।
  • इस आयोजन से नवीकरणीय विनिर्माण के 62,000 मेगावाट सहित कुल 2,73,000 मेगावाट की हरित प्रतिबद्धताएं प्राप्त हुईं।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी तरह से कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच आने वाले 121 सौर संसाधन समृद्ध देशों के बीच आपसी सहयोग के लिए एक विशेष मंच के रूप में 30 नवंबर को COP21 जलवायु सम्मेलन में एक अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का शुभारंभ किया।
  • भारत सौर गठबंधन के सचिवालय की स्थापना के लिए 30 मिलियन डॉलर तथा भूमि प्रदान करेगा तथा पांच वर्षों तक सहायता देगा।
  • नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के राष्ट्रीय सौर अभियान, द्वितीय चरण, बैच-II, भाग-I के अंतर्गत आंध्र प्रदेश में घानी सौर पार्क के गठन के लिए एनटीपीसी द्वारा 03 नवंबर, 2015 को 500 मेगावाट (50 मेगावाट प्रत्येक की 10 परियोजनाएं) के लिए एक ई-रिवर्स नीलामी का आयोजन किया गया।
  • जिसमें एनटीपीसी को विद्युत का प्रति यूनिट न्यूनतम शुल्क 4.63 रुपये प्राप्त हुआ।
  • जुलाई 2015 में मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान राज्यों में 8548.68 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक अंतर राज्य पारेषण व्यवस्था के निर्माण को स्वीकृति दे दी।
  • इस लागत में राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा कोष (एनसीईएफ) से भारत सरकार का योगदान 3419.47 करोड़ रुपये है (परियोजना की कुल अनुमानित लागत का 40 प्रतिशत)।
  • इस परियोजना के अंतर्गत इन सात राज्यों में पारेषण लाइनों के 7800 सीकेटी-केएसएस (सर्किट किलोमीटर) की स्थापना के द्वारा करीब 17100 एमवीए (मेगा वोल्ट एम्पेयर) की कुल परिवर्तन क्षमता के साथ विभिन्न वोल्टेज स्तरों के 48 नये ग्रिड उप-स्टेशनों की स्थापना गतिविधियां शामिल हैं।
  • इस परियोजना को तीन से पांच वर्षों के भीतर पूरा किए जाने का प्रस्ताव है।
  • मंत्रालय ने सौर शहर कार्यक्रम के विकास के अंतर्गत 60 सौर शहरों के लक्ष्य की स्पर्धा में 56 सौर शहरों को स्वीकृति प्रदान की है।
  • सरकार ने प्रत्येक 500 मेगावाट की क्षमता के 25 सौर पार्कों की स्थापना और अगले पांच वर्षों में विभिन्न राज्यों में उपर्युक्त एवं अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाएं विकसित की जाएंगी और इनके लिए 4050 करोड़ रुपये की केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता की आवश्यकता होगी।
  • पे पार्क सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 20,000 मेगावॉट से अधिक को समायोजित करने में सक्षम होंगे। अद्यतन, 21 राज्यों में लगभग 18000 मेगावॉट की क्षमता के 27 पार्कों को मंजूरी दी जा चुकी है।
  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एनटीपीसी/एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन) के माध्यम से तीन भागों में राष्ट्रीय सौर अभियान के अंतर्गत 15,000 मेगावाट के ग्रिड से जुड़ी सौर पीवी ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए योजना के कार्यान्वयन को स्वीकृति दी है।
  • राष्ट्रीय सौर अभियान के तहत व्यापक रूप से निजी निवेश के साथ विशेष रूप से निजी क्षेत्र में 15,000 मेगावॉट की अतिरिक्त ग्रिड से जुड़ी सौर पीवी ऊर्जा उत्पादन परियोजनाओं के सफलतापूर्वक पूर्ण हो जाने से सौर ऊर्जा के लिए ग्रिड शुल्क समानता प्राप्त करने की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा।
  • सरकार ने राज्य नोडल एजेंसियों और नाबार्ड के माध्यम से सिंचाई और पेयजल के लिए एक लाख सौर पंप लगाने की एक योजना कार्यान्वित की है।
  • एमएनआरई राज्य नोडल एजेंसियों के माध्यम से सिंचाई उद्देश्यों के लिए सौर पम्प लगाने के लिए किसानों को 30 प्रतिशत की पूंजी सब्सिडी भी प्रदान करता है।
  • नाबार्ड के माध्यम से सिंचाई प्रयोजन के लिए वर्ष 2014-15 के दौरान 1,00,000 सौर पम्पों के लिए अनुपूरक दिशानिर्देश भी जारी किए हैं और विभिन्न एजेंसियों को 353.50 करोड़ रुपये जारी किए गये हैं।
  • उन्नत चूल्हा अभियान के माध्यम से देश में कुशल और लागत प्रभावी उन्नत जैव ईंधन कुक स्टोव को बढ़ावा और प्रोत्साहन देने की परिकल्पना की गई है।
  • पिछले वर्ष इस योजना के अंतर्गत 3.5 लाख कुक स्टोवों की मंजूरी दी जा चुकी है।
  • सौर ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अन्य योजनाएं-
  • ऑफ ग्रिड रूफटॉपः-जहां ग्रिड से जुड़े संपर्क पहले से उपस्थित हैं वहां छत पर 40 गीगावाट सौर योजना स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
  • घरेलू सौर पैनलों का उपयोग करने के लिए गैर-व्यावसायिक और गैर औद्योगिक श्रेणियों के लिए 15 प्रतिशत सरकारी वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=133220
http://pib.nic.in/newsite/PrintHindiRelease.aspx?relid=43642