राष्ट्रीय पूंजीगत सामान (Goods) नीति

National Capital Goods Policy

प्रश्न-हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कब ‘राष्ट्रीय पूंजीगत सामान नीति’ (National Capital Goods Policy) को अपनी मंजूरी दे दी?
(a) 22 मई, 2016
(b) 20 मई, 2016
(c) 25 मई, 2016
(d) 28 मई, 2016
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 25 मई, 2016 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘राष्ट्रीय पूंजीगत सामान नीति’ (National Capital Goods Policy) को अपनी मंजूरी दे दी।
  • यह देश में पूंजीगत सामान के क्षेत्र में अपनी तरह की पहली नीति है।
  • इस नीति का उद्देश्य पूंजीगत सामान के उत्पादन को वर्ष 2014-15 में 2,30,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2025 तक 7,50,000 करोड़ रुपये करना है।
  • इसके साथ ही इसका उद्देश्य प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों को वर्तमान के 8.4 मिलियन से 30 मिलियन तक बढ़ाना है।
  • इस नीति में उत्पादन के निर्यातों को वर्तमान में 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत होने की पकिल्पना की गई है।
  • यह नीति भारत की मांग में घरेलू उत्पादन की हिस्सेदारी को 60 से 80 प्रतिशत तक बढ़ाएगा, जो भारत को पूंजीगत सामानों का शुद्ध निर्यातक बनाएगा।
  • इस नीति में सभी उपक्षेत्रों में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सुधार, कौशल उपलब्धता को बढ़ावा, आवश्यक मानदंडों का पालन व सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के (MSMEs) पूंजीगत विकास व वृद्धि को बढ़ावा देने का भी लक्ष्य रखा गया है।
  • यह नीति ‘भारत को विश्वस्तरीय पूंजीगत सामान केंद्र’ बनाने में भी मदद करेगा तथा समस्त उत्पादन में अहम भूमिका निभाते हुए ‘मेक इन इंडिया’ के विजन को मजबूत आधार देगी।
  • इस नीति का लक्ष्य पूंजीगत सामान क्षेत्र में परिवर्तनकारी रणनीतियां लागू करना है।
  • इस नीति के उद्देश्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी भारी उद्योग विभाग की होगी जो कि समयबद्ध तरीके से इसके लिए तैयार खाका (Road Map) के हिसाब से योजनाओं के लिए मंजूरी प्राप्त करेगा।
  • ज्ञातव्य है कि ‘राष्ट्रीय पूंजीगत सामान नीति’ का विचार पहली बार दिसंबर, 2014 में आयोजन ‘मेक इन इंडिया’ कार्यशाला में भारी उद्योग विभाग द्वारा प्रधानमंत्री के समक्ष रखा गया था।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pmindia.gov.in/en/news_updates/national-capital-goods-policy/