‘मुख्यमंत्री कृषक वृक्ष धन’ योजना

प्रश्न-हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत निजी खेत की मेड़ पर ‘मुख्यमंत्री कृषक वृक्ष धन’ योजना के अंतर्गत वृक्षारोपण कराने का निर्णय किया गया। इस संदर्भ में प्रश्न में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) योजनांतर्गत अच्छी गुणवत्ता वाले बांस तथा छायादार, फलदार तथा औषधीय प्रजाति के बहुवर्षीय पौधों का वृक्षारोपण किया जाएगा।
(b) रोपण हेतु प्रजाति का चयन संबंधित अधिकारी करेंगे।
(c) डार्कभूजल वाले क्षेत्रों में जल संचयन में अधिक उपयोगी प्रणालियों के रोपण को प्रोत्साहित किया जाएगा।
(d) पौधों की सुरक्षा एवं रख-रखाव की जिम्मेदारी लाभार्थी की होगी।
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • 17 अप्रैल, 2018 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत निजी खेत की मेड़ (बाउन्ड्री) पर ‘मुख्यमंत्री कृषक वृक्ष धन’ योजना के अंतर्गत वृक्षारोपण कराने का निर्णय किया गया।
  • योजनांतर्गत अच्छी गुणवत्ता वाले बांस तथा छायादार, फलदार तथा औषधीय वृक्ष प्रजाति के बहुवर्षीय पौधे जो मनरेगा योजना में स्वीकृत हैं का वृक्षारोपण किया जाएगा।
  • मुख्यमुत्री कृषक वन योजना के तहत मुख्यतः शीषम, नीम, खैर, बबूल, अरू, मलबरी, सहजन, कदम्ब, सागौन, गम्हार, यूकेलिप्टस, पॉपलर, कलमी/देशी आम, कटहल, अमरूद, आंवला, बेल, जामुन, नीबू और चीकू आदि प्रजाति के वृक्षों का रोपण किए जाने हेतु 3 अप्रैल, 2018 को जारी शासनादेश में निर्देशित किया गया है।
  • रोपण हेतु प्रजाति का चयन लाभार्थी करेंगे।
  • डार्क भूजल स्तर वाले क्षेत्रों में जल संचयन में अधिक उपयोगी प्रजातियों के रोपण को प्रोत्साहित किया जाएगा।
  • इस परियोजना के तहत मनरेगा की सूची में शामिल जिन परिवारों को आच्छादित किया जाएगा, उनमें एससी, एसटी, घूमन्तू जनजाति, अधिसूचना में से बाहर की गई जनजातियों, गरीबी रेखा से नीचे के अन्य कुटुम्ब, महिला प्रधान वाले अन्य कुटुम्ब, शारीरिक रूप से विकलांग प्रधान वाले कुटुम्ब, भूमि सुधारों के फायदाग्राही, इंदिरा/प्रधानमंत्री योजना के अधीन फायदाग्राही, अनुसूचित जाति तथा अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकार मान्यता) अधिनियम, 2006, 2007 के अधीन लाभार्थी शामिल होंगे।
  • एक परियोजना में 1-10 पात्र लाभार्थी परिवार लाभान्वित होंगे।
  • परियोजनान्तर्गत पौधों की सुरक्षा एवं रख-रखाव की जिम्मेदारी लाभार्थी की होगी।

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