भीख मांगना अपराध की श्रेणी से बाहर

प्रश्न-हाल ही में किस न्यायालय द्वारा भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का फैसला सुनाया गया?
(a) दिल्ली उच्च न्यायालय
(b) मद्रास उच्च न्यायालय
(c) बॉम्बे उच्च न्यायालय
(d) पटना उच्च न्यायालय
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 8 अगस्त, 2018 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भीग मांगने को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का फैसला सुनाया।
  • यह फैसला कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी.हरिशंकर की बेंच ने दायर दो जनहित याचिकाओं जिसमें भीग मांगने को अपराध की श्रेणी से बाहर करने की मांग की गई थी की सुनवाई के दौरान सुनाया।
  • यह याचिकाएं हर्ष मंदर और कर्णिका सावनी ने दायर की थी जिसमें दिल्ली में भिखारियों को आधारभूत मानवीय और मौलिक अधिकार मुहैया कराए जाने की मांग की गई थी।
  • न्यायालय ने कहा कि भीख मांगने को अपराध की श्रेणी में रखने और दंडित करने के प्रावधान असंवैधानिक हैं।
  • इस फैसले के तहत दिल्ली में बॉम्बे भिक्षाटन रोकथाम अधिनियम, 1959 (Bombay Prevention of Begging Act, 1959) के तहत सभी लंबित मुकदमें निरस्त किए जा सकेंगे।
  • बेंच ने इस अधिनियम के 25 अलग-अलग सेक्शन को असंवैधानिक घोषित कर दिया।
  • इस अधिनियम के अंतर्गत पहली बार भीख मांगते हुए पकड़े जाने पर 1-3 वर्ष तक की सजा का प्रावधान और दूसरी बार पकड़े जाने पर 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान था।

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