भारत के प्रथम बहु तरंगदैर्ध्य (Multi Wavelength) अंतरिक्ष वेधशाला ‘एस्ट्रोसैट’ का सफल प्रक्षेपण

India's first multi-wavelength space observatory 'ASTROSAT' successfully launched

प्रश्न-हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भारत के प्रथम बहु तरंगदैर्ध्य अंतरिक्ष वेधशाला ‘एस्ट्रोसैट’ का किस यान से सफल प्रक्षेपण किया?
(a) पीएसएलवी-सी 28
(b) पीएसएलवी-सी 30
(c) पीएसएलवी-सी 29
(d) पीएसएलवी-सी 31
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • 28 सितंबर, 2015 को इसरो ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार, श्रीहरिकोटा से भारत के प्रथम बहु तरंगदैर्ध्य अंतरिक्ष वेधशाला (Multi Wavelongth Space Observatory) ‘एस्ट्रोसैट’ (Astrosat) उपग्रह का पीएसएलवी-सी 30 (PSLV-C30) यान से सफल प्रक्षेपण किया।
  • यह सुदूरवर्ती खगोलीय पिंडों के अध्ययन को समर्पित देश का पहला उपग्रह है।
  • 320 टन वजनी एवं 45 मीटर लंबे पीएसएलवी-सी 30 यान ने 1513 कि.ग्रा. एस्ट्रोसैट उपग्रह के साथ ही 6 अन्य विदेशी उपग्रहों को प्रक्षेपित किया।
  • जिसमें से अमेरिका के 4 तथा इंडोनेशिया एवं कनाडा के 1-1 उपग्रह शामिल हैं।
  • उड़ान के लगभग 22 मिनट बाद ‘एस्ट्रोसैट’ को कक्षा (Orbit) में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया।
  • एस्ट्रोसैट के यान से अलग हो जाने के तुरंत बाद बंगलुरु स्थित अंतरिक्ष नियंत्रण केंद्र इसरो के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (ISTRAC) ने इसका नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 1994-2015 के दौरान यह ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) की लगातार 30वीं सफल उड़ान थी।
  • पीएसएलवी ने इन सातों उपग्रहों सहित अब तक कुल 84 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया। जिसमें 51 विदेशी उपग्रह शामिल हैं।
  • यह वैज्ञानिक उपग्रह मिशन ‘एस्ट्रोसैट’ ब्रह्मांड के बारे में जानकारियां जुटाने में मदद करेगा।
  • एस्ट्रोसैट को अपने पांच नीतभार (Payload) की मदद से विद्युत चुंबकीय वर्णक्रम के दृश्य, पैराबैगनी, निम्न और उच्च ऊर्जा एक्स-रे क्षेत्रों में ब्रह्मांड का निरीक्षण करने के लिए बनाया गया है।
  • इसके साथ ही भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया, जिनके पास अंतरिक्ष में अपनी शोध वेधशाला है।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://www.isro.gov.in/update/28-sep-2015/pslv-successfully-launches-india%E2%80%99s-multi-wavelength-space-observatory-astrosat