प्रश्न-भारतीय रेल द्वारा अनारक्षित टिकट प्रणाली (यूटीएस) के माध्यम से जारी अनारक्षित टिकटों पर स्थानीय भाषा में टिकट के विवरण छापने की सुविधा सर्वप्रथम किस भाषा में शुरू की गई है?
(a) उड़िया
(b) तेलगू
(c) कन्नड़
(d) हिन्दी
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
- डेबिट कार्ड के माध्यम से एक लाख रुपए तक के रेल टिकट की बुकिंग में (रेल टिकट काउंटरों पर और आईआरसीटीसी टिकट वेबसाइट के माध्यम से) यात्रियों पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) प्रभार नहीं लगाया जाएगा।
- 26 फरवरी, 2018 को इस संबंध में वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने बैंकों को निर्देश जारी किया है।
- इससे डिजिटल और नकद रहित लेन-देन में मदद मिलेगी।
- रेल मंत्रालय के व्यय विभाग के अनुसार आईआरसीटीसी वेबसाइट/टिकट काउंटरों पर हुई टिकटों की बिक्री से प्राप्त धनराशि रेल मंत्रालय के माध्यम से भारत की संचित निधि में जमा होगी और ऐसे लेन-देन को सरकारी प्राप्तियां समझा जाना चाहिए।
- सरकारी लेन-देन पर हुआ लाभ जनता तक पहुंचना चाहिए और सरकार को भुगतान के वक्त जनता पर एमडीआर का प्रभार नहीं लगाया जाना चाहिए।
- भारतीय रेल द्वारा अनारक्षित टिकट प्रणाली (यूटीएस) के माध्यम से जारी अनारक्षित टिकटों पर स्थानीय भाषा में टिकट के विवरण छापने की सुविधा शुरू की गई है।
- पहला विवरण ‘कन्नड़’ भाषा में छपेगा।
- परीक्षण के तौर पर दक्षिण-पश्चिमी रेलवे के मैसूर, बंगलुरू तथा हुबली स्टेशनों पर 1 मार्च, 2018 से काउंटर से टिकट जारी किए गए।
- 2 मार्च, 2018 से इस सुविधा का विस्तार कर्नाटक के सभी स्टेशनों पर कर दिया गया है।
संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=176914