भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जून, 2017 की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट जारी

RBI releases June 2017 Financial Stability Report

प्रश्न-हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने जून, 2017 की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट जारी की। इसके अनुसार, वास्तविक सकल संवृद्धित मूल्य (GVA) के संदर्भ आर्थिक दर कितने प्रतिशत रहने की संभावना है?
(a) 7.3 प्रतिशत
(b) 7.9 प्रतिशत
(c) 6.9 प्रतिशत
(d) 7.5 प्रतिशत
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 30 जून, 2017 को भारतीय रिजर्व बैंक ने जून, 2017 की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) जारी की।
  • जो एक छमाही और इस शृंखला में 15वां प्रकाशन है।
  • वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट भारत की वित्तीय प्रणाली की स्थिरता के समग्र आकलन और वैश्विक और घरेलू कारकों से उत्पन्न जोखिमों के प्रति इसकी आघात सहनीयता को प्रतिबिंबित करती है।
  • रिपोर्ट में वित्तीय क्षेत्र के विकास और विनियमन से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की जाती है।
  • एफएसआर जून, 2017 के प्रमुख तथ्य इस प्रकार हैं-
  • भारत की वित्तीय प्रणाली स्थिर है, चाहे बैंकिंग प्रणाली द्वारा लगातार बड़ी चुनौतियों का सामना किया जा रहा हो।
  • जबकि वैश्विक वृद्धि संभावना और बाजार भावनाओं में सुधार हुआ है, घरेलू मोर्चे पर स्थिरता से त्वरित सुधारों, समग्र सकारात्मक कारोबारी भावना और समष्टि आर्थिक स्थिरता की संभावना को और बल मिला है।
  • सुस्त वृद्धि के कई वर्षों बाद, वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार होना प्रतीत हो रहा है।
  • हालांकि अनिश्चितताएं बनी हुई हैं, वैश्विक उदार मौद्रिक नीति व्यवस्था से एक सामान्य दर चक्र में स्थिर परिवर्तन की अंतर्निहित भावना इक्विटी और मिश्रित आय बाजारों में देखी जा रही है।
  • अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) और अन्य उन्नत अर्थव्यवस्थाओं (एई) के बीच ‘ब्याज दर संभावना’ में विविधता जो पण्य-वस्तुओं की नरम कीमतों से जुड़ी हुई हैं का कुछ पण्य-वस्तु केंद्रित मुद्राओं पर प्रभाव हो सकता है।
  • घरेलू रूप से समष्टि आर्थिक स्थिति स्थिर रही है और त्वरित सुधारों की संभावना तथा राजनीतिक स्थिरता ने समग्र सकारात्मक कारोबारी भावना को और मजबूत किया है।
  • जबकि खुदरा मुद्रास्फीति में हाल की तिमाहियों में काफी गिरावट देखी गई।
  • भारत की आर्थिक वृद्धि दर वास्तविक सकल संवृद्धित मूल्य (GVA) के संदर्भ में वर्ष 2017-18 में 7.3 प्रतिशत रहने की संभावना है।
  • जो वर्ष 2015-16 के 7.9 प्रतिशत की तुलना में 2016-17 में कम होकर 6.6 प्रतिशत हो गया है।
  • आगे, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में सुधार, वस्तु एवं सेवा कर (GST) का कार्यान्वयन तथा बाह्य मांग में पुनरुत्थान से बेहतर वृद्धि दृष्टिकोण की संभावना है।
  • पूंजी बाजार के संकेतक उच्चतर हो गए हैं, जो इन सकारात्मक भावनाओं को प्रतिलक्षित करते हैं।
  • चयनित गैर-सरकारी गैर वित्तीय (NGNF) सूचीबद्ध कंपनियों की छमाही स्थिति ने कॉर्पोरेट क्षेत्र के कार्यनिष्पादन, विशेषकर बिक्री वृद्धि में सुधार की ओर संकेत किया है।

संबंधित लिंक
https://www.rbi.org.in/Scripts/BS_PressReleaseDisplay.aspx?prid=40912
https://rbidocs.rbi.org.in/rdocs/PressRelease/PDFs/PR3532ECAABBB9ECFA4E5587D4F48C4AA0132B.PDF
https://www.rbi.org.in/hindi/Scripts/PressReleases.aspx?ID=32606
http://www.livemint.com/Industry/UoPkfimjpgnJE4Ms4PRH4O/RBI-report-warns-of-more-NPA-pain-sees-bad-loans-topping-10.html
http://www.newindianexpress.com/business/2017/jun/30/rbi-sees-economy-growth-clipping-at-73-percent-in-current-fiscal-year-1622661.html