प्रश्न-महत्वपूर्ण राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल कार्यक्रमों में लोगों को केवल कागज से बने झंडों का उपयोग करना चाहिए। इसका प्रावधान किसमें किया गया है?
(a) भारतीय झंडा संहिता, 1954
(b) भारतीय झंडा संहिता, 1961
(c) भारतीय झंडा संहिता, 2002
(d) भारतीय झंडा संहिता, 2003
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य
- 22 मार्च, 2017 को गृह मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों/प्रशासकों और केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासकों तथा भारत सरकार के सभी मंत्रालय/विभागों के सचिवों हेतु भारतीय ध्वज संहिता, 2002 और राष्ट्रीय सम्मान अधिनियम, 1971 के अपमान को रोकने के प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के संदर्भ में ज्ञापन जारी किया।
- इस ज्ञापन में निर्देशित किया गया है कि इस संबंध में जनजागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं और इलेक्ट्रॉनिक तथा प्रिंट मीडिया के माध्यम से विज्ञापन देकर व्यापक प्रचार किया जाए।
- ज्ञापन में उल्लिखित हैं कि राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश के लोगों की आशाओं और आंकाक्षाओं को प्रदर्शित करता है, इसलिए इसे सम्मान दिया जाना चाहिए।
- वर्तमान समय में महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के अवसरों पर कागज के स्थान पर प्लास्टिक के ध्वज उपयेाग किए जा रहे हैं।
- परामर्श में कहा गया है कि ‘भारतीय झंडा संहिता 2002’ के प्रावधानों के अनुरूप महत्वपूर्ण राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल कार्यक्रमों में लोगों को केवल कागज से बने झंडों का उपयोग करना चाहिए।
- ध्यातव्य है कि राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के ध्वज अपमान को रोकने की धारा 2 के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थान पर या सार्वजनिक दृष्टि से अन्य स्थान पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज या उसके किसी भाग को जलाता, काटता, तोड़ता-मरोड़ता, मर्यादा भंग करता, विरूपित करता, खंडित करता, रौंदता या किसी अन्य प्रकार से (शब्दों, लिखित या मौखिक अथवा अपने कार्यकलापों द्वारा) अपमान करता है या अवमानना करता है तो उसे तीन वर्ष की सजा या जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है।
संबंधित लिंक
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=159667
http://pib.nic.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=60064
http://mha.nic.in/hindi/sites/upload_files/mhahindi/files/StrictComlianceNationalFlagCode(H)_140316.pdf