प्रोजेक्ट नेत्र हेतु आवंटन

CENTRE PROPOSES RS 33 CRORE TO PROTECT INDIAN SATELLITES FROM SPACE DEBRIS
प्रश्न-केंद्र सरकार द्वारा इसरो (ISRO) के प्रोजेक्ट ‘नेत्र’ (Netra: Network for Space Objects, Tracking and Analysis) के लिए कितनी राशि प्रस्तावित है?
(a) 10 करोड़ रुपये
(b) 15 करोड़ रुपये
(c) 20 करोड़ रुपये
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
  • दिसंबर, 2019 में केंद्र सरकार ने इसरो (ISRO) के प्रोजेक्ट ‘नेत्र’ (Netra: Network for Space Objects, Tracking and Analysis) हेतु 33.3 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया है।
  • पृष्ठभूमि
  • अंतरिक्ष में अपनी संपत्तियों की सुरक्षा के लिए इसरो कई गतिविधियों में शामिल है।
  • इसके लिए इसरो IADC (इंटर एजेंसी स्पेस डेबरिस कोऑर्डिनेशन कमेटी) का सदस्य है जो अंतरिक्ष में मानव निर्मित व प्राकृतिक मलबे को कम करने के लिए प्रयासरत है।
  • जब भी स्पेस एजेंसी के किसी सैटेलाइट पर अंतरिक्ष के मलबे के कारण खतरा होता है तब ‘IADC’  संबंधित स्पेस एजेंसी को सावधान करता है।
  • इसके अलावा वर्ष 2015 से इसरो का मल्टी ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग रडार भी मलबे का पता लगाने के कार्य में संलग्नरत है।
  • इस क्रम में इसरो का हालिया प्रयास प्रोजेक्ट ‘नेत्र’ है जिसकी घोषणा सितंबर, 2019 में की गई थी।
  • इस परियोजना की अनुमानित लागत 400 करोड़ रुपये है।
  • कचरा/मलबाः-
  • सैटेलाइट को उसके ऑर्बिट में छोड़ने के बाद रॉकेट का चौथा स्टेज बेकार हो जाता है।
  • बेकार हो चुके सैटेलाइट, रॉकेट और उनके टुकड़ों की वजह से स्पेस में मलबा इकट्ठा होता जाता है।
  • इनसे कार्य कर रहे सैटेलाइट को भी खतरा रहता है।
  • वर्तमान में जियोस्टेशनरी ऑर्बिट (भूस्थैतिक कक्षा) में 15 भारतीय संचार उपग्रह लोअर अर्थ ऑर्बिट में 13 रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट्स तथा मीडियम अर्थ ऑर्बिट में 8 नेविगेशन सैटेलाइट्स सक्रिय हैं।

संबंधित लिंक भी देखें…

https://economictimes.indiatimes.com/news/science/centre-proposes-rs-33-crore-to-protect-indian-satellites-from-space-debris/articleshow/72427245.cms?from=mdr